दुमका: तीन हार्डकोर नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. इनके नाम झिलमिल उर्फ गहना राय उर्फ राजेंद्र राय, सोकुल दा उर्फ रिमिल दा और संतु उर्फ छोटा श्यामलाल देहरी है. इसमें छोटा श्यामलाल एक लाख, राजेंद्र देहरी पर पांच लाख और रिमिल दा पांच लाख का इनामी है.
कई थानों में था मामला दर्ज
नक्सलियों ने एसएसबी के आईजी संजय कुमार, दुमका डीआईजी राजकुमार लकड़ा, उपायुक्त राजेश्वरी बी और एसपी वाईएस रमेश और एसएसबी के कामांडेंट एमके पांडेय के सामने अपने हथियार डाले. इनके खिलाफ कई थानों में नक्सली घटनाओं में शामिल होने का मामला दर्ज है. इन तीनों नक्सलियों को झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण-पुनर्वास नीति नई दिशा के तहत मिलने वाले लाभ दिए जाएंगे.
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नक्सलियों ने कई आर्म्स सुरक्षा बलों को सौंपा
इन नक्सलियों ने कई आर्म्स सुरक्षा बलों को सौंपा है. छोटा श्यामलाल के पास से पिस्टल, राजेंद्र राय के पास से रायफल और रिमिल दा ने भी रायफल सौंपा है. समर्पण करने वाले इन नक्सलियों को तत्काल नकद राशि दी गई.
आत्मसमर्पण पुनर्वास की नीति
बता दें कि श्यामलाल को चार लाख 25 हजार रुपए, राजेंद्र को आठ लाख 15 हजार रुपए और रिमिल दा को आठ लाख 15 हजार रुपए दिए गए. वैसे सरकार की आत्मसमर्पण पुनर्वास की नीति के तहत इन्हें जमीन और अन्य जो सुविधाएं दी जाती उसकी राशि 80 लाख के आसपास होती है.
क्या कहते हैं एसएसबी के आईजी संजय कुमार
इन तीनों नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर एसएसबी के आईजी संजय कुमार ने बताया कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए झारखंड सरकार की नीति काफी अच्छी है, वे इसे अपनाएं. उन्होंने कहा कि अगर वे हमें चुनौती देंगे तो हम भी जवाब देंगे.
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क्या कहते हैं डीआईजी राजकुमार लकड़ा
इस आत्मसमर्पण के मौके पर दुमका प्रक्षेत्र के डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने कहा कि जो भटके युवा हैं वे हमारे पास आकर सरेंडर करें, नहीं तो उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
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क्या कहती हैं दुमका उपायुक्त राजेश्वरी बी
दुमका की उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि जो नक्सली सरेंडर करते हैं उन्हें सबकुछ मिलाकर लगभग एक करोड़ रुपए का लाभ मिलेगा.
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क्या कहते हैं दुमका एसपी वाईएस रमेश
दुमका एसपी वाईएस रमेश ने कहा कि काफी दिनों के प्रयास से यह संभव हुआ है. उन्होंने जानकारी दी कि और भी कई हार्डकोर नक्सली हैं जो समर्पण के लिए हमारे संपर्क में हैं.