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संथाल परगना प्रमंडल में 20 प्रतिशत ही पूरी हुई नल जल योजना, सांसद ने कहा अधिकारी का रवैया है उदासीन - Dumka news

संथाल परगना प्रमंडल में नल जल योजना की रफ्तार काफी धीमी है. स्थिति यह है प्रमंडल में 20 प्रतिशत की योजना पूरी हो सकी है. दुमका सांसद ने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों के उदासीन रवैया के कारण समय से योजनायें पूरी नहीं हो रही है.

20 percent completed tap water scheme in Santhal Pargana division
संथाल परगना प्रमंडल में 20 प्रतिशत ही पूरी हुई नल जल योजना
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Published : Jul 20, 2022, 2:21 PM IST

दुमकाः भारत सरकार ने 2019 में जल जीवन मिशन योजना शुरू की. इस योजना के तहत साल 2024 तक सभी घरों तक नल जल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसको लेकर राज्य सरकार को फंड उपलब्ध कराये गये, ताकि निर्धारित समय सीमा में योजना पूरा हो सके. लेकिन संथाल परगना प्रमंडल में नल जल योजना की रफ्तार काफी धीमी है. स्थिति यह है कि प्रमंडल के 6 जिलों में पिछले तीन वर्षों में 20 प्रतिशत ही काम पूरा हो पाया है.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में नल जल योजना की रफ्तार धीमी, सिर्फ 21 प्रतिशत लक्ष्य हुआ पूरा

संथाल परगना प्रमंडल में छह जिले हैं. इसमें दुमका, देवघर, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा है. इन सभी छह जिलों की कार्य प्रगति काफी धीमी है. इन छह जिलों में सबसे बेहतर काम दुमका जिले में हुई है. दुमका में 2 लाख 93 हजार 300 घरों में पानी पहुंचना है. इसमें अब तक 64 हजार 721 घरों तक नल जल योजना पहुंच चुका है, जो लक्ष्य का 23 प्रतिशत है.

देवघर जिले में 2 लाख 87 हजार 849 घरों का है, जिसमें 55 हजार 504 यानी 19.30 प्रतिशत पूरा किया गया है. गोड्डा में 3 लाख 1 हजार 613 घरों का लक्ष्य है, जिसमें 46 हजार 846 यानी 15.60 प्रतिशत पूरा किया गया है. साहिबगंज में 2 लाख 80 हजार 487 घरों के लक्ष्य में अब तक 39 हजार 952 यानी 14.25 प्रतिशत पूरा हुआ है. जामताड़ा में 1 लाख 47 हजार 578 लक्ष्य है, जिसमें 19 हजार 154 यानी 13 प्रतिशत और सबसे खराब स्थिति पाकुड़ जिले की है. पाकुड़ में 2 लाख 26 हजार घरों का लक्ष्य हैं, जिसमें 11 हजार 371 यानी 5 प्रतिशत पूरा किया गया है.


नल जल योजना के तहत सबसे बड़ी योजना साहिबगंज गंगा जलापूर्ति योजना है. इस योजना के माध्यम से संथाल परगना प्रमंडल के 14 प्रखंडों में पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाना है. इस योजना को 2600 करोड़ की लागत से पूरा किया जायेगा. साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा और दुमका जिला को इसका लाभ मिलेगा. इसमें दुमका के 4 प्रखंडों में 560 करोड़ की लागत से गंगा का पानी पहुंचेगा, जिसमें सरैयाहाट, रामगढ़, काठीकुंड और शिकारीपाड़ा शामिल हैं. वहीं, देवघर में पुनासी परियोजना के माध्यम से घरों तक पानी पहुंचाने की योजना पर काम चल रहा है.


दुमका सांसद सुनील सोरेन ने कहा कि संथाल परगना में नल जल योजना की रफ्तार काफी धीमी है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य 2024 तक सभी घरों में पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाने का है. लेकिन राज्य सरकार के अधिकारी कार्य में अनदेखी कर रहे हैं. अधिकारियों के उदासीन रवैया की वजह से समय सीमा मे योजनायें पूरी नहीं हो रही है.

दुमकाः भारत सरकार ने 2019 में जल जीवन मिशन योजना शुरू की. इस योजना के तहत साल 2024 तक सभी घरों तक नल जल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसको लेकर राज्य सरकार को फंड उपलब्ध कराये गये, ताकि निर्धारित समय सीमा में योजना पूरा हो सके. लेकिन संथाल परगना प्रमंडल में नल जल योजना की रफ्तार काफी धीमी है. स्थिति यह है कि प्रमंडल के 6 जिलों में पिछले तीन वर्षों में 20 प्रतिशत ही काम पूरा हो पाया है.

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संथाल परगना प्रमंडल में छह जिले हैं. इसमें दुमका, देवघर, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा है. इन सभी छह जिलों की कार्य प्रगति काफी धीमी है. इन छह जिलों में सबसे बेहतर काम दुमका जिले में हुई है. दुमका में 2 लाख 93 हजार 300 घरों में पानी पहुंचना है. इसमें अब तक 64 हजार 721 घरों तक नल जल योजना पहुंच चुका है, जो लक्ष्य का 23 प्रतिशत है.

देवघर जिले में 2 लाख 87 हजार 849 घरों का है, जिसमें 55 हजार 504 यानी 19.30 प्रतिशत पूरा किया गया है. गोड्डा में 3 लाख 1 हजार 613 घरों का लक्ष्य है, जिसमें 46 हजार 846 यानी 15.60 प्रतिशत पूरा किया गया है. साहिबगंज में 2 लाख 80 हजार 487 घरों के लक्ष्य में अब तक 39 हजार 952 यानी 14.25 प्रतिशत पूरा हुआ है. जामताड़ा में 1 लाख 47 हजार 578 लक्ष्य है, जिसमें 19 हजार 154 यानी 13 प्रतिशत और सबसे खराब स्थिति पाकुड़ जिले की है. पाकुड़ में 2 लाख 26 हजार घरों का लक्ष्य हैं, जिसमें 11 हजार 371 यानी 5 प्रतिशत पूरा किया गया है.


नल जल योजना के तहत सबसे बड़ी योजना साहिबगंज गंगा जलापूर्ति योजना है. इस योजना के माध्यम से संथाल परगना प्रमंडल के 14 प्रखंडों में पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाना है. इस योजना को 2600 करोड़ की लागत से पूरा किया जायेगा. साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा और दुमका जिला को इसका लाभ मिलेगा. इसमें दुमका के 4 प्रखंडों में 560 करोड़ की लागत से गंगा का पानी पहुंचेगा, जिसमें सरैयाहाट, रामगढ़, काठीकुंड और शिकारीपाड़ा शामिल हैं. वहीं, देवघर में पुनासी परियोजना के माध्यम से घरों तक पानी पहुंचाने की योजना पर काम चल रहा है.


दुमका सांसद सुनील सोरेन ने कहा कि संथाल परगना में नल जल योजना की रफ्तार काफी धीमी है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य 2024 तक सभी घरों में पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाने का है. लेकिन राज्य सरकार के अधिकारी कार्य में अनदेखी कर रहे हैं. अधिकारियों के उदासीन रवैया की वजह से समय सीमा मे योजनायें पूरी नहीं हो रही है.

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