धनबादः गर्म पानी का अनोखा कुंड, जिसमें लोग कड़ाके की ठंड में बड़े चाव से स्नान करने आते हैं. धनबाद के चरक खुर्द में अनोखा गर्म कुंड लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है. इसके लिए लोगों ने इस कुंड को पर्यटक स्थल बनाने की मांग की है.
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जिला के अति नक्सल प्रभावित मनियाडीह थाना का क्षेत्र चरक खुर्द गांव इन दिनों रहस्यमय कुंड को लेकर चर्चा में है. जिसका रहस्य आज तक किसी को समझ में नहीं आया है. हम उस रहस्यमय कुंड की बात कर रहे हैं, जिसका पानी सालोंभर गर्म रहता है. लोग ठंड में भी गर्मी का एहसास इस गर्म कुंड में पाते हैं. दिसंबर महीने की इस शीतलहरी में भी यह कुंड आज भी गर्म है और लोग कड़ाके की ठंड में भी नहाने का आनंद लेते हैं. ये गर्म कुंड कहीं और नही बल्कि टुंडी प्रखंड के जाताखुटि पंचायत अंतर्गत चरक खुर्द में स्थित है. चरक खुर्द टुंडी मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर ओर जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
इस कुंड के विषय में स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि किसी को अपच हो गई हो तो दो घूंट पानी ही काफी है. यही नहीं अगर किसी को चर्म रोग है तो कुंड के पानी से नहाने पर भी चर्म रोग से मुक्ति मिलती है. दूर-दूर से चर्म रोग से संबंधित बीमारी वाले लोग इस कुंड में नहाने के लिए आते हैं सुबह सुबह खाली पेट में इस कुंड का पानी पीने से लोगों को गैस की समस्या नहीं होती. चरक खुर्द को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की अपार संभावनाएं है. कई बार स्वयं टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने इसके लिए पहल भी की और अधिकारियों व इंजीनियरों की टीम को साथ लेकर आए और गर्म कुंड को दिखाया भी. लेकिन अभी तक इसे पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की योजना धरातल पर नहीं उतर पाई है.
गांव के एक 90 साल के बुजुर्ग का कहना है कि यह कुंड लगभग दो ढाई सौ वर्ष पुरानी हो सकती है या उससे भी ज्यादा हो सकती है. उन्होंने बताया कि उनके दादाजी इस कुंड के बारे में उनसे कहा करते थे. लेकिन इस कुंड में पहली बार तब तत्कालीन विधायक डॉक्टर सबा अहमद ने 1996 में उस कुंड का पक्की करण करवाकर झारखंड में पहचान दिलाई. लेकिन उसके बाद इस दिशा में कभी पहल नहीं हुई.
गर्म कुंड को लेकर क्या कहते हैं पर्यावरणविद
गर्म पानी के कुंड को लेकर पर्यावरणविद रोहित कुमार महतो का मानना है कि धनबाद खनिज संपदा से भरा है. यहां जमीन के नीचे कोयला के अलावा कई और प्रकार के खनिज मिलते हैं. रोहित ने बताया कि जमीन के भीतर सल्फर रहने की वजह से उसके ऊपर अगर किसी प्रकार का पानी का स्रोत रहता है तो ऐसी स्थित में उस खास जगह का पानी गर्म हो जाता है. झारखंड समेत देश के कई हिस्सों मे ऐसा गर्म पानी का ऐसा कुंड देखने को मिलता है. झारखंड के कई जिलों में भी ऐसा कुंड पाया जाता है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे सल्फर ही मुख्य वजह से जिससे पानी गर्म रहता है और पाचन और त्वचा के लिए सल्फर युक्त पानी फायदेमंद भी रहता है.
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धनबाद के चरक खुर्द में अनोखा गर्म कुंड को लेकर फिर से जिला प्रशासन ने डीएमएफटी फंड से इस कुंड का सौंदर्यीकरण एवं पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की योजना से संबंधित डीपीआर राज्य सरकार को भेजी है. जिससे ग्रामीणों में उत्साह है. लोगों का मानना है कि अगर इस कुंड को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाता है तो स्थानीय लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे साथ ही साथ राज्य सरकार को भी राजस्व का फायदा होगा.