धनबादः कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने झारखंड के स्वास्थ्य व्यवस्था ढांचे को बुरी तरह से झकझोर दिया है. अभी दूसरी लहर से देश उबर भी नहीं पाया है कि तीसरी लहर की दस्तक ने लोगों को डरा दिया है. लेकिन इससे पहले की हालात बिगड़े उससे निपटने की कवायद शुरू हो गई है. ग्रामीण और शहरी इलाके में बच्चों के लिए आईसीयू बेड बनाए गए हैं. साथ ही जिला प्रशासन जिले के सभी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों को तीसरी लहर से निपटने की ट्रेनिंग दिला रहा है, ताकि तीसरी लहर में उन मासूमों की जान बचाई जा सके. साथ ही जिला प्रशासन ने मास्क लगाने का, घर से नहीं निकलने और शारीरिक दूरी रखने की अपील की है.
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तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक
दूसरी लहर में मरने वालों की संख्या के मामले में धनबाद तीसरे नंबर पर है. हालांकि काेराेना के नए मरीज मिलने की तुलना में ठीक हाेने वालाें की संख्या लगातार बढ़ रही है और धनबाद रिकवरी रेट के मामले में अव्वल है. बहरहाल, कोरोना की दूसरी लहर में ना जाने कितने ने अपनों को खो दिया है. विशेषज्ञ बता रहे हैं कि तीसरी लहर मासूमों के लिए अधिक खतरनाक है, इसलिए जिले में उसके लिए तैयारी की जा रही है.