धनबाद: कोरोना कहर के बीच फंसे प्रवासी श्रमिकों का धनबाद आना लगातार जारी है. धनबाद जिले में आज छठी स्पेशल ट्रेन पहुंची. इस कड़ी में सूरत से प्रवासी श्रमिकों को लेकर तीसरी ट्रेन धनबाद पहुंची है, जिसमें 1203 प्रवासी श्रमिक और उनके परिवार के लोग शामिल है.
सोमवार को सूरत से 1203 प्रवासी श्रमिकों को लेकर स्पेशल ट्रेन संख्या 09625 सुबह 08.10 बजे धनबाद पहुंची. ट्रेन ने 1,775 किमी का सफर 28 घंटे 10 मिनट में तय किया.
22 बोगियों वाली यह ट्रेन रविवार, 10 मई को सुबह 4 बजे सूरत से रवाना हुई थी. सूरत से भुसावल, नागपुर, झारसुगुड़ा, राजाबेरा होते हुए ट्रेन धनबाद पहुंची है. एक ट्रेन में गिरिडीह के 848 सहित 14 जिलों जिनमें बोकारो के 14, चतरा के 47, देवघर के 118, दुमका के 4, गढ़वा के 5, गिरिडीह के 848, गुमला के 6, हजारीबाग के 39, जामताड़ा के 32, कोडरमा के 58, लातेहार के 11, पलामू के 6, रामगढ़ के 3 और सरायकेला के 2 प्रवासी श्रमिक सवार थे.
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प्लेटफॉर्म पर ट्रेन के रुकते ही सुरक्षाबलों ने ट्रेन को अपने घेरे में ले लिया. प्रत्येक बोगी के निकासी द्वार पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे. प्रवासी श्रमिकों को सबसे आगे और सबसे पीछे की बोगी से प्लेटफॉर्म पर उतारा गया. ट्रेन से उतरते ही उनके बीच सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए एक-एक श्रमिक को कतारबद्ध तरीके से बाहर निकाला गया.
प्लेटफार्म से बाहर आने वाले श्रमिकों की सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम ने थर्मल स्क्रीनिंग की. सेनेटाइजर से हैंडवॉश कराया गया और उन्हें मास्क दिया गया. साथ ही गुलाब फूल देकर झारखंड में उनका स्वागत किया गया. अंत में अल्पोहार और पानी देकर प्रवासी श्रमिकों को संबंधित जिले की बस में बैठाया गया. ट्रेन में अधिकतर प्रवासी श्रमिक अपने परिवार के साथ झारखंड लौटे. श्रमिकों के साथ उनकी पत्नी और छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे.
प्रवासी श्रमिकों को 56 वाहनों से उनके संबंधित जिले की ओर रवाना किया गया. इसमें 45 बड़ी बसें, 8 छोटे वाहन और 3 छोटी बसें शामिल थी. सभी प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों के चेहरे धनबाद स्टेशन पर पहुंचने के बाद खिल उठे और उन्होंने झारखंड केंद्र सरकार और धनबाद जिला प्रशासन को इसके लिए धन्यवाद दिया है.