धनबादः कोयलांचल की राजनीति या फिर कोयले के वर्चस्व की लड़ाई की बात हो, तो लोगों की नजरें दो घरों की ओर ही टिक जाती हैं, वो हैं सिंह मेंशन और रघुकुल. वैसे हैं तो दोनों एक ही खानदान के, लेकिन दोनों परिवारों के बीच की जंग जगजाहिर है.
कोयलांचल की राजनीति में सिंह मेंशन और रघुकुल खास मायने रखते हैं. लोकसभा चुनाव में दोनों परिवार एकबार फिर आमने-सामने होंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में सिंह मेंशन के युवराज संजीव सिंह ने रघुकुल के युवराज नीरज सिंह को हराया था. इस जीत के बाद सिंह मेंशन के सदस्यों और समर्थकों का सीना चौड़ा हो गया था. 21 मार्च 2017 को सरेआम नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या कर दी गई.
इस घटना के बाद पूरे कोयलांचल में शोक की लहर फैल गई. तमाम नेता, नीरज के परिजन और समर्थकों ने इसे राजनीतिक हत्या बताया था.
झरिया विधायक संजीव सिंह पर इस हत्या का आरोप लगा. संजीव सिंह समेत कुल 11 आरोपी इस मामले में जेल में हैं. केस ट्रायल पर है. जिसमें अबतक पांच लोगों की गवाही पूरी हो चुकी है, 54 गवाहों की गवाही अभी होनी है.
नीरज सिंह हत्याकांड के दो साल बाद लोकसभा चुनाव में सिंह मेंशन और रघुकुल आमने-सामने होंगे. सिंह मेंशन के छोटे युवराज सिद्धार्थ गौतम ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. 24 फरवरी को वो रैली करेंगे.
रघुकुल ने भी इस चुनावी समर में ताल ठोक दी है. रघुकुल के मुखिया बच्चा सिंह ने कहा है कि यदि महागठबंधन से टिकट मिलता है तो रघुकुल का सदस्य जरूर चुनाव लड़ेगा. हालांकि नाम का खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन कयास लगाये जा रहे हैं कि नीरज सिंह पत्नी पूर्णिमा सिंह मैदान में उतरेंगी. रघुकुल समर्थक जीत सुनिश्चित कराने के लिए सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार भी कर रहे हैं.
कौन सी पार्टी किसे टिकट देती है, यह तो वक्त बताएगा. लेकिन दोनों परिवारों की दावेदारी से कोयलांचल की राजनीति अभी से गर्म है.