धनबाद: बाघमारा में रहने वाले मुनीलाल को पिछले दो साल से राशन नहीं मिल रहा था. इस मामले पर झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. जिसके बाद सूबे के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने आपातकालीन बैठक बुलाई. हालांकि उन्होंने इसे एक रूटीन बैठक बताया.
अखबारों में आई खबरों से इंकार
जिले के सर्किट हाउस में पीडीएस की योजना सुचारू ढंग से चलाने को लेकर सरयू राय ने अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में पीडीएस डीलर प्रतिनिधि, निगरानी समिति और मार्केटिंग ऑफिसर शामिल हुए. बैठक के बाद उन्होने मुनीलाल के संबंध में आई खबरों को सीरे से नकार दिया. उन्होंने कहा कि मामला वैसा बिल्कुल भी नहीं है, जैसा खबरों में बताया जा रहा है.
सरयू राय ने कहा कि मुनीलाल का राशन कार्ड 2017 में ही रद्द कर दिया गया था. उनका राशन कार्ड किस आधार पर कैंसल हुआ है यह जानकारी अधिकारियों से मांगी गई है. बीजेपी नेता ने कहा कि जब राशन कार्ड नहीं है तो अंगूठा मैच करना या बायोमेट्रिक पर निशान नहीं मिलने का सवाल ही नहीं उठता है.
दस हजार रुपए का अनाज बैंक
सरयू राय ने कहा कि अगर किसी के पास राशन नहीं है तो मुखिया के पास दस हजार रुपए का अनाज बैंक है. इस राशि का वह पांच हजार भी खर्च करता है तो उसके अकाउंट में फिर पांच हजार रुपए चले जाएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि इसमें कहां लापरवाही बरती गई है.
जांच कमिटी का हो सकता है गठन
खाद्य आपूर्ति मंत्री ने कहा कि इस मामले से जुडी़ जरूरी सूचनाएं इकट्ठी की जा रही हैं और जरूरत पड़ने पर जांच कमिटी भी बनाई जा सकती है. संबंधित मंत्री ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि किसी भी तरह की लीपापोती नहीं चलेगी और जो भी जिम्मेदार होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.