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धनबाद: ओपन खदानों में उड़ रही नियमों की धज्जियां, दहकते कोयला का हो रहा ट्रांसपोर्ट

बीसीसीएल की ओपन खदानों में उत्खनन का काम कर रही आउटसोर्सिंग कंपनियां डीजीएमएस के नियमों का खुलेआम धज्जियां उड़ा रही हैं. खदानों से उत्खनन के दौरान निकलने वाले दहकते कोयले और ओबी बिना बुझाए आउटसोर्सिंग कंपनी ट्रांसपोर्टिंग करवा रही हैं.

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Published : Feb 21, 2019, 12:36 PM IST

धनबाद: बीसीसीएल की ओपन खदानों में उत्खनन का काम कर रही आउटसोर्सिंग कंपनियां डीजीएमएस के नियमों का खुलेआम धज्जियां उड़ा रही हैं. खदानों से उत्खनन के दौरान निकलने वाले दहकते कोयले और ओबी बिना बुझाए आउटसोर्सिंग कंपनी ट्रांसपोर्टिंग करवा रही हैं. बीसीसीएल से लेकर खान सुरक्षा महानिदेशालय के अधिकारी इन कंपनियों पर नकेल कसने में पूरी तरह से विफल है.

माइनिंग क्षेत्र में चलने वाले कामों में नियमों का अनुपालन ठीक ढंग से हो रहा है या नहीं इसकी जिम्मेदारी खान सुरक्षा महानिदेशालय यानी डीजीएमएस के अधिकारियों के कंधों पर है. डीजीएमएस के डिप्टी डीजी एन राव का इस मामले पर कहना है कि आग लगे हुए कोयले की बिल्कुल भी ट्रांसपोर्टिंग नहीं होनी चाहिए. उत्खनन कर रही कंपनी को अगर थोड़ी बहुत आग है तो बुझने के बाद ही ट्रांसपोर्टिंग करना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि हमेशा हम उत्खनन क्षेत्रों में जाकर जांच नहीं कर सकते. उन्होंने सीधे तौर पर बीसीसीएल प्रबंधन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. वहीं, मामले को लेकर बीसीसीएल डायरेक्टर पर्सनल आरएसएस महापात्रा ने कहा कि कभी-कभार ऐसे मामले आते हैं. लेकिन इस आग को बुझाने के बाद ही ट्रांसपोर्टिंग की जाती है.

धनबाद: बीसीसीएल की ओपन खदानों में उत्खनन का काम कर रही आउटसोर्सिंग कंपनियां डीजीएमएस के नियमों का खुलेआम धज्जियां उड़ा रही हैं. खदानों से उत्खनन के दौरान निकलने वाले दहकते कोयले और ओबी बिना बुझाए आउटसोर्सिंग कंपनी ट्रांसपोर्टिंग करवा रही हैं. बीसीसीएल से लेकर खान सुरक्षा महानिदेशालय के अधिकारी इन कंपनियों पर नकेल कसने में पूरी तरह से विफल है.

माइनिंग क्षेत्र में चलने वाले कामों में नियमों का अनुपालन ठीक ढंग से हो रहा है या नहीं इसकी जिम्मेदारी खान सुरक्षा महानिदेशालय यानी डीजीएमएस के अधिकारियों के कंधों पर है. डीजीएमएस के डिप्टी डीजी एन राव का इस मामले पर कहना है कि आग लगे हुए कोयले की बिल्कुल भी ट्रांसपोर्टिंग नहीं होनी चाहिए. उत्खनन कर रही कंपनी को अगर थोड़ी बहुत आग है तो बुझने के बाद ही ट्रांसपोर्टिंग करना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि हमेशा हम उत्खनन क्षेत्रों में जाकर जांच नहीं कर सकते. उन्होंने सीधे तौर पर बीसीसीएल प्रबंधन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. वहीं, मामले को लेकर बीसीसीएल डायरेक्टर पर्सनल आरएसएस महापात्रा ने कहा कि कभी-कभार ऐसे मामले आते हैं. लेकिन इस आग को बुझाने के बाद ही ट्रांसपोर्टिंग की जाती है.

Intro:ANCHOR:-बीसीसीएल की ओपन खदानों में उत्खनन का कार्य कर रही आउटसोर्सिंग कंपनियां डीजीएमएस के नियमों का खुले आम धज्जियां उड़ा रही हैं।खदानों से उत्खनन के दौरान निकलने वाले दहकती कोयले और ओबी बिना बुझाए आउटसोर्सिंग कंपनी ट्रांसपोर्टिंग करवा रही है।बीसीसीएल के अधिकारी से लेकर खान सुरक्षा महानिदेशालय के अधिकारी इन कंपनियों पर नकेल कसने में पूरी तरह से विफल है।


Body:VO 01:-कोयला, लोहा पत्थर सहित कई तरह की वस्तुओं या फिर अन्य सामानों की गाड़ियों से ढुलाई सभी ने देखा होगा लेकिन दहकते अंगारे की ढुलाई शायद ही किसी ने देखी और सुनी होगी।आप भी देखिए इन तश्वीरों को।इन भारी भरकम गाड़ियों में दहकते अंगारे को ले जाया जा रहा है।इन वाहनों के ड्राइवर अपनी जान जोखिम में डालकर यह काम कर रहे हैं।दअरसल यह तश्वीर है बीसीसीएल के लोदना एरिया दस की है।एटिदेवप्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी यहां ओपन खदानो से कोयले और ओबी के उत्खनन का कार्य कर रही है।खदानों में आग लगी दहकती कोयले और ओबी को बिना बुझाए ही इनका उत्खनन कार्य कराया जा रहा है।यही नही उत्खनन के बाद दहकते हुए कोयले और आग की ओबी को डंप भी कर रहे हैं।हमने जब इस संबंध में बीसीसीएल के डायरेक्टर पर्सनल आरएसएस महापात्रा से बात की तो उन्होंने कहा कि कभी कभार ऐसे मामले आते हैं।लेकिन इस आग को बुझाने के बाद ही ट्रांसपोर्टिंग की जाती है।

01 BYTE:- RS MOHAPATRA,DP, BCCL

VO 02:-कभी कभी आग लगा यह कोयला डंपिंग यार्ड से सीधे रेलवे की मालगाड़ियों में भी लोड हो जाता है।मालगाड़ी का इंजन के ड्राइवर इस बात से अनजान वह मालगाड़ियों को अपने नियत स्थान के लिए लेकर निकल पड़ता है।इंजन ड्राइवर जब पटरी के राउंड स्थान गुजरता है तब माल डब्बे पर नजर पड़ने पर उन्हें जानकारी होती है कि डब्बे में लोड कोयले में आग लगी हुई।ड्राइवर की सूचना पर रेलवे अधिकारी पहल करते है।और आनन फानन में मालगाड़ी को खड़ा कर आग को फायर ब्रिगेड की मदद से बुझाया जाता है। धनबाद रेल मंडल के डीआरएम अनिल कुमार ने बताया कि ऐसे मामले आते हैं तो साइडिंग में ही आग को बुझाया जाता है।

BYTE 02:-AK MISHRA,DRM

VO 3:-माइनिंग क्षेत्र में चलने वाले कार्यों में नियमों का अनुपालन ठीक ढंग से हो रहा है या नही इसकी जिम्मेवारी खान सुरक्षा महानिदेशालय यानी डीजीएमएस के अधिकारियों के कंधे पर है।डीजीएमएस के डिप्टी डीजी एन राव का इस मामले पर कहना है कि आग लगे हुए कोयले की बिलकुल भी ट्रांसपोर्टिंग नही होनी चाहिए।उत्खनन कर रही कंपनी को आग यदि थोड़ी बहुत आग है तो बुझने के बाद ही ट्रांसपोर्टिंग किया जाना चाहिए। बुझाने की व्यवस्था करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि हमेशा हम उत्खनन क्षेत्रों में जाकर जांच नही कर सकते हैं।उन्होंने बीसीसीएल प्रबंधन को इसके लिए जिम्मेवार ठहराया है।

BYTE 03- N RAW,DUPTY DG,DGMS



Conclusion:Na
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