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ब्लास्टिंग से जलागार को खतरा, पानी के लिए तरस सकते हैं 3.5 लाख लोग - jharkhand

झरिया के राजापुर परियोजना में हो रही आउट सोर्सिंग से 100 से 200 मीटर की दूरी पर स्थित जलागार खतरे में है. हर दिन यहां से कोयला निकालने के लिए ब्लास्टिंग की जाती है. लगातार हो रहे ब्लास्टिंग से जलागार को बहुत खतरा है.

जानकारी देते श्रवण कुमार, कनीय अभियंता
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Published : Apr 8, 2019, 1:52 PM IST

धनबाद/झरिया: राजापुर परियोजना में हो रही आउट सोर्सिंग से 100 से 200 मीटर की दूरी पर स्थित जलागार खतरे में है. हर दिन यहां से कोयला निकालने के लिए ब्लास्टिंग की जाती है. लगातार हो रहे ब्लास्टिंग से जलागार को बहुत खतरा है. वहीं, जलागार को धनसार शिफ्ट करने की प्रक्रिया की जा रही है.

जानकारी देते श्रवण कुमार, कनीय अभियंता

ये भी पढ़ें-पलामू: नाबालिग का अपहरण कर धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में 2 युवक गिरफ्तार

कनीय अभियंता श्रवण कुमार ने बताया कि हर दिन राजापुर परियोजना के आउट सोर्सिंग में दोपहर के वक्त ब्लास्टिंग की जाती है. जिससे जलागार सहित आस-पास के क्षेत्र में ब्लास्टिंग के वक्त काफी कम्पन्न होती है. उन्होंने बताया कि अगर यही हाल रहा तो कभी भी ये जलागार क्षतिग्रस्त हो जाएगा. जिससे की 3.5 लाख की आबादी को पानी मिलना बंद हो जाएगा.

इस जलागार की सुरक्षा को लेकर 8 फरवरी 2019 को तकनीकी सदस्य इंद्रेश शुक्ल ने बस्ता कोला के जीएम को पत्र लिख कर मामले की जानकारी दी. जिसके बाद इसे धनसार शिफ्ट करने की प्रक्रिया की जा रही है. वहीं, स्थानीय निवासी अनूप ने बताया कि इस जलागार से लाखों लोगों को पानी मिलता है. उन्होंने कहा कि इस पुराने जलागार को धनसार शिफ्ट करने कर दिया गया तो लोगों को पानी मिलना काफी मुश्किल हो जाएगा.

धनबाद/झरिया: राजापुर परियोजना में हो रही आउट सोर्सिंग से 100 से 200 मीटर की दूरी पर स्थित जलागार खतरे में है. हर दिन यहां से कोयला निकालने के लिए ब्लास्टिंग की जाती है. लगातार हो रहे ब्लास्टिंग से जलागार को बहुत खतरा है. वहीं, जलागार को धनसार शिफ्ट करने की प्रक्रिया की जा रही है.

जानकारी देते श्रवण कुमार, कनीय अभियंता

ये भी पढ़ें-पलामू: नाबालिग का अपहरण कर धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में 2 युवक गिरफ्तार

कनीय अभियंता श्रवण कुमार ने बताया कि हर दिन राजापुर परियोजना के आउट सोर्सिंग में दोपहर के वक्त ब्लास्टिंग की जाती है. जिससे जलागार सहित आस-पास के क्षेत्र में ब्लास्टिंग के वक्त काफी कम्पन्न होती है. उन्होंने बताया कि अगर यही हाल रहा तो कभी भी ये जलागार क्षतिग्रस्त हो जाएगा. जिससे की 3.5 लाख की आबादी को पानी मिलना बंद हो जाएगा.

इस जलागार की सुरक्षा को लेकर 8 फरवरी 2019 को तकनीकी सदस्य इंद्रेश शुक्ल ने बस्ता कोला के जीएम को पत्र लिख कर मामले की जानकारी दी. जिसके बाद इसे धनसार शिफ्ट करने की प्रक्रिया की जा रही है. वहीं, स्थानीय निवासी अनूप ने बताया कि इस जलागार से लाखों लोगों को पानी मिलता है. उन्होंने कहा कि इस पुराने जलागार को धनसार शिफ्ट करने कर दिया गया तो लोगों को पानी मिलना काफी मुश्किल हो जाएगा.

Intro:स्लग-- झरिया में पानी के लिए मच सकता हैं हाहाकार
अनिल पाण्डेय झरिया


एंकर-- झरिया के राजापुर परियोजना में हो रही आउट सोर्सिग से अंग्रेजो के ज़माने में बने 14 लाख गैलन की छमता वाला जलागार को है खतरा ,

झरिया प्रखंड की साढ़े तीन लाख की आबादी को मिलता है इस जलागार से पानी ,Body:भीओ -- आपको बता दे की झरिया में अंग्रेजो के जमाने में बना ये 14 लाख गैलन की छमता वाला जलागार राजापुर परियोजना में हो रही आउट सोर्सिंग से महज 100 से 200 मीटर की दुरी पर है , और प्रतिदिन इस आउट सोर्सिंग में कोयला निकालने के लिए ब्लास्टिंग कि जाती है ,

कितना खतरा है ब्लास्टिंग से इस जलागार को , और क्या होगा जब ये जलागार ब्लास्टिंग के कारन छतिग्रस्त हो जायेगा ,इस बात की जानकारी के लिए हमने झरिया के माडा कार्यालय पहुंचे और कनीय अभियंता श्रवण कुमार से बाते की ,
हमारे संवाददाता को जानकारी देते हुए कनीय अभियंता श्रवण कुमार ने बताया की प्रतिदिन राजापुर परियोजना के आउट सोर्सिंग में दोपहर के वक्त ब्लास्टिंग की जाती है ,जिस्से जलागार सहित आस पास के छेत्र में भी ब्लास्टिंग के वक्त काफी कम्पन्न होती है ,और अगर यही हाल रहा तो कभी भी 14 लाख गैलन की छमता वाला जलागार छतिग्रस्त हो जायेगा ,जिससे झरिया में बिधी व्यवस्था उतपन्न हो जाएगी , और अगर ऐसा हुआ तो झरिया की 3.5 लाख की आबादी को पानी मिलना बंद हो जायेगा ,जिस्से झरिया में पानी के लिए हहाकार मच जायेगा ,

इस जलागार की सुरक्षा को लेकर 8 फरवरी 2019 को तकनीकी सदस्य इंद्रेश शुक्ल ने बस्ता कोला के जीएम को एक पत्र लिख कर पुरे मामले की जानकारी दी ,जिसके बाद इस जलागार को धनसार सिप्ट करने की प्रकिरिया की जा रही है ,

लेकिन सोचने वाली बात यह है की अगर अचानक जलागार छतिग्रस्त होता है तो क्या रातो रात 14 लाख गैलन की छमता वाला जलागार बन जायेगा ,अगर नहीं तो क्या होगा ,ये मै इस लिए कह रहा हु की बीसीसीएल राजापुर परियोजना में कोयला निकालने के लिए प्रतिदिन ब्लास्टिंग कर रही है ,

झरिया की जनता क्या कहती है इस जलागार को लेकर
अनूप शाव की माने तो अंग्रेजो के जमाने में बना ये जलागार झरिया के लाखो लोगो को पानी देता है ,इस जमाने में ऐसा जलागार बनाना काफी मुश्किल है ,पुराने जमाने के टेक्नीशियन ने काफी सोच समझ कर इस जगह पर ये जलागार बनाया ताकि पुरे झरिया वासी को इस जलागार से पानी मिले ,
लेकिन बीसीसीएल , राज्य सरकार और धनबाद के जनप्रतिनिधि साजिश के तहत 105 वर्ष इस पुराने जलागार को धनसार सिप्ट करने की प्लानिंग कर रहे है , अगर जलागार को धनसार सिप्ट किया गया तो झरिया वासी को पानी मिलना काफी मुश्किल हो जायेगा ,जिससे झरिया में त्राहिमाम मच जायेगा , इस प्लानिंग से साफ पता चलता है की बीसीसीएल ,राज्य सरकार और धनबाद के जनप्रतिनिधि झरिया को उजाड़ने में लगे है /
बाइट-- स्रवण कुमार कनीय अभियंता, जमाड़ा
बाइट-- अनूप साव, स्थानीय
बाइट-- स्थानीयConclusion:अब देखना है सरकार झरिया में पानी के लिए क्या विकल्प तलाशती है समय रहते जलागार को धनसार शिफ्ट करती है या झरिया खाली करने के लिए समय का इनतजार करती है कि कब जलागार आउट सोसिंग में हेबी ब्लास्टिंग से क्षतिग्रस्त हो और लोग झरिया से मजबूरन पलायन कर जाय।
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