धनबाद: 29 अप्रैल को धनबाद में टायर दुकानदार रंजीत साव की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. अपराधियों ने रंजीत साव की दुकान में घुसकर उन्हें गोली मारी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद कानून व्यवस्था को लेकर प्रदर्शन हुए. इस बीच राजनीति भी गर्म हो गई. 3 जून को झारखंड में खराब कानून व्यवस्था का राजनीतिक फायदा उठाने रघुवर दास रंजीत साव के घर पहुंचे. लेकिन यहां पर मृतक की बेटी ने नाराजगी जताई.
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रंजीत साव हत्याकांड के लगभग एक महीने बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास उनके परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे. इस दौरान रघुवर दास ने परिवार के लोगों को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया. लेकिन इस बीच रंजीत साव की पत्नी और बच्चों का दर्द छलक उठा. रंजीत साव की बेटी ने सभी के सामने जमकर अपनी भड़ास निकाली. इस बीच रघुवर दास मुस्कुरा रहे थे.
हालांकि, इस मामले में रघुवर दास ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए कहा कि वे वहां पर ना हंस रहे थे और ना मुस्कुरा रहे थे. वे वहां पर रो रहे थे. रघुवर दास ने ईटीवी भारत से कहा कि उस परिवार से उनका पारिवारिक रिश्ता है और जो बेटी नाराज हो रही थी वह अपने परिवार के सदस्य पर ही नाराज हो रही थी, जो उसका हक है. वह मेरे उपर नहीं नाराज होगी तो किसके उपर होगी. उन्होंने ये भी कहा कि धनबाद एसपी और डीआईजी को मामले में जल्द कार्रवाई की मांग की है और बाकी आरोपियों को जल्द गिरफ्तारी करने की मांग की है.
29 अप्रैल को धनबाद में टायर कारोबारी रंजीत साव की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद छानबीन में पुलिस ने यह दावा किया कि पीडीएस चावल के कालाबाजारी में वर्चस्व कायम स्थापित रखने के लिए रंजीत साव की हत्या की गई. मामले में दो अपराधी विजय गर्ग और हुमायूं खान को गिरफ्तार भी किया गया है. लेकिन इन सब के बीच मृतक की बेटी के आंसुओं और सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है. अगर कानून व्यवस्था दुरुस्त होती तो शायद रंजीत साव की जिंदगी बचाई जा सकती थी.