धनबाद: कोरोना के कहर के बाद से ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बराबर आत्मनिर्भर भारत की बात कह रहे हैं. आज इस कड़ी में एक और कदम बढ़ाते हुए देश के 41 कोल ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. अब देश-विदेश के कोई भी उद्योगपति इस कोल ब्लॉक की नीलामी में भाग ले सकते हैं. झारखंड के विभिन्न जिलों के 8 कोल ब्लॉक इस नीलामी प्रक्रिया में शामिल है. हालांकि धनबाद की एक भी कोल ब्लॉक नीलामी प्रक्रिया में नहीं है.
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प्रोफेसर धीरज कुमार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कमर्शियल माइनिंग की प्रक्रिया चल रही है और इस प्रक्रिया के तहत जो कोई कोयले के व्यवसाय से नहीं आते हैं, वह भी अब इसका व्यवसाय कर सकते हैं. इसमें देश-विदेश के सभी व्यवसायी में शामिल हो सकते हैं. यह एक ऑनलाइन और पारदर्शी प्रक्रिया होगी. इसके तहत एनवायरमेंटल माइनिंग, सेफ्टी माइनिंग आदि की भी बातें होंगी. इससे पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा और सुरक्षा के साथ भी इसमें समझौता नहीं किया जा सकता है सभी तरह से यह अच्छा ही है.
41 कोल ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया में झारखंड के भी विभिन्न जिलों के 8 कोल ब्लॉक शामिल हैं. हालांकि इसमें धनबाद जिले का एक भी कोल ब्लॉक शामिल नहीं है. प्रो धीरज कुमार ने कहा कि कमर्शियल माइनिंग का जो विरोध कर रहे हैं उन्हें जानकारी का अभाव है. किसी भी मजदूर की नौकरी इसमें नहीं जाएगी बल्कि इस प्रक्रिया के तहत और भी नौकरी का सृजन होगा. IIT-ISM के माइनिंग विभाग के प्रोफेसर धीरज कुमार ने स्पष्ट कहा कि जो लोग यह कह रहे थे कि माइनिंग के दिन अब लद गए हैं वास्तव में माइनिंग के दिन लदे नहीं है बल्कि माइनिंग के दिन आ गई है और अब पर्यावरण और सुरक्षा आदि सभी हितों को ध्यान में रखकर माइनिंग होगी.