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धनबाद के इस प्राचीन मंदिर की है महिमा अपरंपार, नि:संतान दंपति को मिलता है संतान का सुख!

धनबाद में अजगैबीनाथ मंदिर को लोग संतान प्राप्ति के लिए जानते हैं. ऐसी मान्यता है कि जिसको कोई संतान नहीं होती है, वो यहां पर आकर धरना देते हैं. इसके बाद भगवान भोलेनाथ स्वप्न या फिर कुछ संकेत देते हैं, जिसे पूरा करने के बाद संतान की प्राप्ति होती है.

धनबाद स्थित अजगैबीनाथ मंदिर
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Published : Jul 10, 2019, 2:17 PM IST

Updated : Jul 10, 2019, 7:30 PM IST

धनबाद: जिले के बड़ा जमुआ नामक गांव में एक ऐसा प्राचीन मंदिर है, जहां भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों को संतान देते हैं. यहां पर सालों से लोग संतान प्राप्ति की कामना लेकर आते हैं. इसे अजगैबीनाथ मंदिर कहा जाता है. वैसे तो अजगैबीनाथ मंदिर बिहार के सुल्तानगंज में फेमस है. जहां से सावन महीने में जल उठाकर बाबा बैद्यनाथ को अर्पण किया जाता है. लेकिन धनबाद में भी एक ऐसा अजगैबीनाथ मंदिर है, जिसे कम लोग जानते हैं.

वीडियो में देखें पूरी खबर

आज इस मंदिर को लोग संतान प्राप्ति के लिए जानते हैं. क्योंकि दशकों से जिसको कोई संतान नहीं होती है, वो यहां पर आकर धरना देते हैं. इसके बाद भगवान भोलेनाथ स्वप्न या फिर कुछ संकेत देते हैं, जिसे पूरा करने के बाद संतान की प्राप्ति होती है. एक महिला जिसे यहां पर धरना देने के बाद संतान प्राप्ति हुई, उसने खुद इस बात का जिक्र ईटीवी भारत से किया है.

ऐसा नहीं है कि इस मंदिर में सिर्फ संतान प्राप्ति की ही इच्छा पूरी होती है. बल्कि यहां पर भक्त जो भी मन्नत लेकर आते हैं सभी कामनाएं पूरी होती है. एक लड़के ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार 2011 में कराया. उस लड़के ने यह मन्नत मांगी थी कि अगर हमारी सरकारी नौकरी होगी तो हम इस मंदिर का जीर्णोद्धार करेंगे. भगवान भोलेनाथ ने उसकी मनोकामना सुनी और झारखंड पुलिस में उसकी नौकरी लग गई, जिसके बाद उसने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया.

पूरे झारखंड समेत धनबाद में भी चड़क पूजा की धूम होती है. यह वही चड़क पूजा है जिसमें भक्त शरीर पर कील चुभोकर भगवान को प्रसन्न करते हैं. उसी चड़क पूजा के उपवास के दिन एक व्यक्ति तालाब से नहाकर इस मंदिर में पूजा करने आ रहा था. उसी वक्त उसे किसी सांप ने डस लिया और वो रास्ते में ही बेहोश हो गया. लोग उठाकर उसे इस मंदिर में लेकर आए और मंदिर के अंदर भोलेनाथ की शरण में रख दिया. इसके बाद बगैर दवा के ही वो व्यक्ति आधे घंटे में मंदिर से जिंदा बाहर निकल आया.

वैसे तो पूरे भारतवर्ष में अनेकों ऐसे मंदिर है जिनकी अपनी अलग-अलग मान्यताएं हैं. कुछ लोग इसे आस्था के तौर पर देखते हैं, तो कुछ अंधविश्वास के तौर पर. हालांकि जिस मंदिर को आप देख रहे हैं इस मंदिर और भगवान के बारे में वो लोग खुद ही बता रहे हैं जिनकी मन की मुरादें इस मंदिर से पूरी हुई हैं. अब ऐसे में यह कहना बेहद मुश्किल है कि आखिरकार ये आस्था है या अंधविश्वास या फिर सच्चाई....

धनबाद: जिले के बड़ा जमुआ नामक गांव में एक ऐसा प्राचीन मंदिर है, जहां भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों को संतान देते हैं. यहां पर सालों से लोग संतान प्राप्ति की कामना लेकर आते हैं. इसे अजगैबीनाथ मंदिर कहा जाता है. वैसे तो अजगैबीनाथ मंदिर बिहार के सुल्तानगंज में फेमस है. जहां से सावन महीने में जल उठाकर बाबा बैद्यनाथ को अर्पण किया जाता है. लेकिन धनबाद में भी एक ऐसा अजगैबीनाथ मंदिर है, जिसे कम लोग जानते हैं.

वीडियो में देखें पूरी खबर

आज इस मंदिर को लोग संतान प्राप्ति के लिए जानते हैं. क्योंकि दशकों से जिसको कोई संतान नहीं होती है, वो यहां पर आकर धरना देते हैं. इसके बाद भगवान भोलेनाथ स्वप्न या फिर कुछ संकेत देते हैं, जिसे पूरा करने के बाद संतान की प्राप्ति होती है. एक महिला जिसे यहां पर धरना देने के बाद संतान प्राप्ति हुई, उसने खुद इस बात का जिक्र ईटीवी भारत से किया है.

ऐसा नहीं है कि इस मंदिर में सिर्फ संतान प्राप्ति की ही इच्छा पूरी होती है. बल्कि यहां पर भक्त जो भी मन्नत लेकर आते हैं सभी कामनाएं पूरी होती है. एक लड़के ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार 2011 में कराया. उस लड़के ने यह मन्नत मांगी थी कि अगर हमारी सरकारी नौकरी होगी तो हम इस मंदिर का जीर्णोद्धार करेंगे. भगवान भोलेनाथ ने उसकी मनोकामना सुनी और झारखंड पुलिस में उसकी नौकरी लग गई, जिसके बाद उसने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया.

पूरे झारखंड समेत धनबाद में भी चड़क पूजा की धूम होती है. यह वही चड़क पूजा है जिसमें भक्त शरीर पर कील चुभोकर भगवान को प्रसन्न करते हैं. उसी चड़क पूजा के उपवास के दिन एक व्यक्ति तालाब से नहाकर इस मंदिर में पूजा करने आ रहा था. उसी वक्त उसे किसी सांप ने डस लिया और वो रास्ते में ही बेहोश हो गया. लोग उठाकर उसे इस मंदिर में लेकर आए और मंदिर के अंदर भोलेनाथ की शरण में रख दिया. इसके बाद बगैर दवा के ही वो व्यक्ति आधे घंटे में मंदिर से जिंदा बाहर निकल आया.

वैसे तो पूरे भारतवर्ष में अनेकों ऐसे मंदिर है जिनकी अपनी अलग-अलग मान्यताएं हैं. कुछ लोग इसे आस्था के तौर पर देखते हैं, तो कुछ अंधविश्वास के तौर पर. हालांकि जिस मंदिर को आप देख रहे हैं इस मंदिर और भगवान के बारे में वो लोग खुद ही बता रहे हैं जिनकी मन की मुरादें इस मंदिर से पूरी हुई हैं. अब ऐसे में यह कहना बेहद मुश्किल है कि आखिरकार ये आस्था है या अंधविश्वास या फिर सच्चाई....

Intro:सर इस खबर का वॉइस करने में प्रॉब्लम हो रहा है. प्लीज कर दे। बहुत प्रयास किया पर हम खुद ही संतुष्ट नहीं हो पा रहे थे वाइस ओवर से।

धनबाद: जिले के बड़ा जमुआ नामक गांव में एक ऐसा प्राचीन मंदिर है जहां पर भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों को संतान देते हैं. यहां पर वर्षों से लोग संतान प्राप्ति के लिए आते हैं और उनकी मन की मुरादे भी पूरी होती है. खुद संतान प्राप्ति करने वाले भी इस बात को सही साबित करते हैं. इसे अजगैविनाथ मंदिर कहा जाता है.वैसे तो अजगैबीनाथ मंदिर बिहार के सुल्तानगंज में फेमस है. जहां से सावन महीने में जल उठाकर बाबा वैद्यनाथ को अर्पण किया जाता है, लेकिन धनबाद जिले में भी एक ऐसा अजगैबीनाथ मंदिर है जिसे कम लोग जानते हैं.


Body:आपको बताते चलें कि जिस मंदिर को आप देख रहे हैं ये धनबाद जिले के बड़ा जमुआ गांव में है, लगभग 100 साल पहले एक तालाब में भगवान भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में खुद प्रगट हुए थे और उस शिवलिंग को तालाब से उठाकर यहां पर इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की गई थी. लोग बताते हैं की बड़ा जमुआ के जमींदार धनबाद से जल उठा कर भगवान भोलेनाथ को जल अर्पण करने के लिए बराबर देवघर जाया करते थे. इसी से खुश होकर भगवान भोलेनाथ ने उन्हें स्वप्न दिया था कि अब तुम्हें देवघर आने की जरूरत नहीं है, हमारा एक भगीना अजगैबीनाथ बड़ा जमुआ में ही है वही तुम्हारी मनोकामना को पूर्ण करेगा. इसी स्वप्न के आधार पर तालाब से शिवलिंग को खोज कर इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था.

आज इस मंदिर को लोग संतान प्राप्ति के लिए जानते हैं, क्योंकि दशकों से यहां पर जिसको कोई संतान प्राप्ति नहीं होती है वह यहां पर आते हैं और यहां पर मंदिर में आकर धरना देते हैं. (घर द्वार त्याग कर मंदिर में ही रहते हैं जब तक कुछ संकेत नहीं मिलता) फिर भगवान भोलेनाथ स्वप्न या फिर कुछ संकेत देते हैं जिसे पूरा करने के बाद संतान प्राप्ति होती है. एक महिला जिसे यहां पर धरना देने के बाद संतान प्राप्ति हुई उसने खुद इस बात का जिक्र ईटीवी भारत से भी किया. इसी मंदिर में धरना देने के बाद उस महिला को एक पुत्री हुई है उसकी पुत्री भी ईटीवी भारत के कैमरे के सामने आई. उस महिला की सास ने भी इस बात को स्वीकार किया.

ऐसा नहीं है कि सिर्फ इस मंदिर में संतान प्राप्ति की ही इच्छा पूरी होती है बल्कि यहां पर भक्त जो भी मन्नत लेकर आते हैं सभी मनोकामना पूरी होती है.एक लड़के ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार 2011 में करवाया. उस लड़के ने यह मन्नत मांगी थी कि अगर हमारी सरकारी नौकरी होगी तो हम इस मंदिर का जीर्णोद्धार करेंगे और उसे झारखंड पुलिस में नौकरी लग गई जिसके बाद उसने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया.

पूरे झारखंड समेत धनबाद में भी चड़क पूजा की धूम होती है यह वही चड़क पूजा है जिसमें भक्त शरीर पर कील चुभोकर भगवान को प्रसन्न करते हैं. उसी चड़क पूजा के उपवास के दिन एक व्यक्ति तालाब से नहा कर इस मंदिर में पूजा करने आ रहा था. उसी वक्त उसे किसी सांप ने डस लिया और वह रास्ते में ही बेहोश हो गया. लोग उठाकर उसे इस मंदिर में लेकर आए और मंदिर के अंदर भोलेनाथ की शरण में रख दिया.और बगैर दवा के ही वह व्यक्ति आधे घंटे में मंदिर से बाहर निकल गया. जिसके बाद लोगों में इस मंदिर के प्रति आस्था और बढ़ गई. वह व्यक्ति आज भी जीवित है और उसने खुद इस बात को ईटीवी भारत के सामने रखा,आप भी सुनिए.


Conclusion:वैसे तो पूरे भारतवर्ष में अनेकों ऐसे मंदिर है जिनकी अपनी अलग-अलग मान्यताएं हैं. कुछ लोग इसे आस्था के तौर पर देखते हैं तो कुछ अंधविश्वास के तौर पर. लेकिन जिस मंदिर को आप देख रहे हैं इस मंदिर और भगवान के बारे में वह लोग स्वयं ही बता रहे हैं जिनकी मन की मुरादे इस मंदिर से पूरी हुई है.अब ऐसे में यह कहना बड़ा है कि आखिर यह आस्था है या अंधविश्वास या फिर सच्चाई.

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Last Updated : Jul 10, 2019, 7:30 PM IST
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