धनबाद: मनरेगा मजदूर गुलाम मुंह कैंसर से पीड़ित है. इलाज के लिए रुपये की जरूरत है लेकिन पैसे नहीं है. जिसके कारण इलाज नहीं हो पा रहा है. जवान बेटे के इलाज के लिए बूढ़े मां-बाप बेहद परेशान हैं. बेटा मनरेगा में मजदूरी कर बूढ़े माता-पिता का भरण पोषण करता था. लेकिन कैंसर से पीड़ित होने के बाद मनरेगा में कार्य नहीं कर पा रहा है. जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगाई है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है. इस परिवार को अब किसी मसीहा का ही इंतजार है.
ये भी पढ़ें- धनबाद में कैंसर से पीड़ित महिला का दर्द बर्दाश्त से हुआ बाहर, कर ली आत्महत्या
इलाज के लिए नहीं है पैसे
बाघमारा प्रखंड के बरकी बस्ती के रहने वाले गुलाम सरवर मुंह कैंसर से पीड़ित हैं. सरकारी अस्पताल में इलाज के बाद सरवर के माता-पिता ने प्राइवेट अस्पताल का रुख किया. गुलाम सरवर का इलाज टाटा मेमोरियल अस्पताल मुंबई से चल रहा था. लेकिन आर्थिक समस्या के कारण वह इलाज भी बंद हो चुका है. इलाज के लिए अस्पताल में एक लाख का खर्च बताया गया है. गुलाम सरवर मनरेगा में काम कर बूढ़े माता-पिता का पालन पोषण कर रहा था. लेकिन बीमारी के कारण वह काम कर पाने में भी सक्षम नहीं है. इलाज की बात तो दूर, खाने पर भी आफत पड़ी हुई है.
मां ने सरकार से लगाई मदद की गुहार
कैंसर पीड़ित गुलाम की मां कहती है कि स्थानीय विधायक ढुल्लू महतो और सांसद पीएन सिंह से भी मदद की गुहार लगाई. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. मदद के नाम पर लोग सौ पचास दे देते हैं लेकिन थोड़े से पैसे से बेटे का इलाज संभव नहीं है. मां कहती है कि पति भी अब बूढ़े हो चुके हैं. कुछ काम वह नहीं कर सकते हैं. सरकार यदि उन्हें मदद करती तो उनके बेटे का इलाज हो पाएगा. उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
सरकार को करनी चाहिए मदद
वहीं, आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि बेटे के कैंसर पीड़ित होने के बाद उनके बूढ़े माता-पिता उसके इलाज के लिए बेहद परेशान हैं. स्थानीय लोगों से जितना बन पा रहा है उतना सहयोग कर रहें हैं. सरकार को भी इनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए. सरकार की मदद से एक बेटे की जान बच जाएगी. इसके साथ ही एक वृद्ध दंपती को बुढ़ापे का सहारा मिल जाएगा.