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यहां बरसात में जगकर रात बीताते हैं ग्रामीण, सरकारी योजनाओं से हैं वंचित

स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव, पंचायत या जिले को ओडीएफ होने के प्रशासन चाहे लाख दावे करे, लेकिन हकीकत इसकी उलट है. सच्चाई यह है कि गांव के बाहर बोर्ड लगी है 'खुले में शौच मुक्त पंचायत' की लेकिन इस गांव की औरते आज भी शौच जाने के लिए अंधेरे का इंतेजार करती हैं.

odf reality in village
धनबाद में ओडीएफ का हकीकत
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Published : Jan 18, 2020, 8:45 PM IST

धनबाद: जिले के गोविंदपुर प्रखंड के रतनपुर पंचायत को धनबाद सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने गोद लिया है, लेकिन इसके बावजूद भी अब तक इस पंचायत के लोगों की समस्याएं कम नहीं हुई है. आज भी पंचायत के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. लोगों को पीने के लिए पानी तक नहीं मिल पा रहा है और शौचालय और प्रधानमंत्री आवास भी लोगों को नसीब नहीं हुआ है.

पूरी खबर वीडियो में देखिए

रात जागकर बिताते हैं लोग

आपको बता दें कि रतनपुर पंचायत के आर एस मोर कॉलेज कैंपस के अंदर रह रहे लोगों को पीने के लिए काफी दूर से पानी लाना पड़ता है. वहीं आजतक लोगों को शौचालय भी नसीब नहीं हुई है. प्रधानमंत्री आवास भी इन्हें अब तक नहीं मिला है. बरसात के दिनों में जब बारिस होती है तो महिलाएं और बच्चे सभी जाग कर रात बिता देते हैं. यहां लोग घरों के ऊपर प्लास्टिक डालकर किसी तरह बरसात से बचने की कोशिश करते हैं.

कई बार दे चुके हैं कागज, नहीं हुई सुनवाई

स्थानीय लोगों ने बताया कि शौचालय और प्रधानमंत्री आवास के लिए मुखिया को तीन-चार बार कागज देने के बाद भी काम नहीं हुआ. स्थानीय लोगों का कहना है कि एक दो बार नहीं कई बार मुखिया और जल सहिया को शौचालय और आवास के लिए कागज उपलब्ध कराया गया है लेकिन उसके बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है. बस बार-बार आश्वासन मिलता है कि काम हो जाएगा.

ये कैसा ओडीएफ गांव?

महिलाओं और लड़कियों का कहना है कि सुबह 4 बजे ही शौचालय जाने के लिए जगना पड़ता है, क्योंकि बाद में भीड़ हो जाती है और अगर दिन में शौच के लिए जाना भी पड़े तो शाम या रात होने का इंतजार करना पड़ता है. फिर भी गांव के प्रवेश के समय आपको एक बोर्ड दिख जाएगा जिसमें लिखा है 'खुले में शौच मुक्त गांव'.

ये भी पढ़ें- पैरालिसिस के कारण 6 महीने बेड पर रहा राजस्थान का 50 वर्षीय अजय, अब साइकिल से निकला है करने भारत दर्शन

वहीं वार्ड मेंबर लता देवी का कहना है कि मुखिया को कई बार इस बारे में बताया गया लेकिन उनको इन बातों से कोई मतलब नहीं है. वह सिर्फ अपने गिने-चुने करीबी लोगों को ही सारा सरकारी लाभ पहुंचा रहे हैं. वार्ड सदस्य ने कहा कि मुखिया जी कंबल, शौचालय, प्रधानमंत्री आवास का लाभ कुछ गिने-चुने लोगों को ही दे रहे हैं.

मुखिया लेता है घूस

वहीं वार्ड सदस्य लता देवी ने मुखिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन्हें प्रधानमंत्री आवास का लाभ भी दिया जा रहा है, उनसे मुखिया 10 हजार घूस के तौर पर ले रहे हैं. वार्ड सदस्य का कहना है कि जब किसी कार्य के लिए वार्ड सदस्य से पूछा ही नहीं जाता है तो यह पोस्ट ही हटा देना चाहिए. सिर्फ मुखिया का ही पोस्ट रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर जीते हुए वार्ड सदस्य को भी एक बार किसी काम के लिए नहीं पूछा जाता है तो ऐसे पद को ही हटा देना चाहिए.

रतनपुर पंचायत के साथ किया गया है भद्दा मजाक- पंचायत समिति सदस्य
वहीं पंचायत समिति सदस्य का कहना है कि रतनपुरा पंचायत में समस्याओं का अंबार है. पूरे इलाके में खुले में शौचमुक्त का बोर्ड लगा दिया गया है लेकिन यह सही नहीं है. उन्होंने जिला प्रशासन से सवाल किया है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि से बगैर पूछे शौचमुक्त का बोर्ड आखिर क्यों और किसने लगाया.

ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते पहुंचे खूंटी, लोगों को दी NRC और CAA की जानकारी

ऐसे में अब सवाल उठना लाजमी है कि आखिर गरीबों के लिए बनाई गई जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आखिर मिल रहा है तो किसे मिल रहा है. जरूरतमंदों को इसका लाभ मिलने में कठिनाई क्यों हो रही है इस पर सरकार के द्वारा उचित जांच जरूरी है.

धनबाद: जिले के गोविंदपुर प्रखंड के रतनपुर पंचायत को धनबाद सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने गोद लिया है, लेकिन इसके बावजूद भी अब तक इस पंचायत के लोगों की समस्याएं कम नहीं हुई है. आज भी पंचायत के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. लोगों को पीने के लिए पानी तक नहीं मिल पा रहा है और शौचालय और प्रधानमंत्री आवास भी लोगों को नसीब नहीं हुआ है.

पूरी खबर वीडियो में देखिए

रात जागकर बिताते हैं लोग

आपको बता दें कि रतनपुर पंचायत के आर एस मोर कॉलेज कैंपस के अंदर रह रहे लोगों को पीने के लिए काफी दूर से पानी लाना पड़ता है. वहीं आजतक लोगों को शौचालय भी नसीब नहीं हुई है. प्रधानमंत्री आवास भी इन्हें अब तक नहीं मिला है. बरसात के दिनों में जब बारिस होती है तो महिलाएं और बच्चे सभी जाग कर रात बिता देते हैं. यहां लोग घरों के ऊपर प्लास्टिक डालकर किसी तरह बरसात से बचने की कोशिश करते हैं.

कई बार दे चुके हैं कागज, नहीं हुई सुनवाई

स्थानीय लोगों ने बताया कि शौचालय और प्रधानमंत्री आवास के लिए मुखिया को तीन-चार बार कागज देने के बाद भी काम नहीं हुआ. स्थानीय लोगों का कहना है कि एक दो बार नहीं कई बार मुखिया और जल सहिया को शौचालय और आवास के लिए कागज उपलब्ध कराया गया है लेकिन उसके बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है. बस बार-बार आश्वासन मिलता है कि काम हो जाएगा.

ये कैसा ओडीएफ गांव?

महिलाओं और लड़कियों का कहना है कि सुबह 4 बजे ही शौचालय जाने के लिए जगना पड़ता है, क्योंकि बाद में भीड़ हो जाती है और अगर दिन में शौच के लिए जाना भी पड़े तो शाम या रात होने का इंतजार करना पड़ता है. फिर भी गांव के प्रवेश के समय आपको एक बोर्ड दिख जाएगा जिसमें लिखा है 'खुले में शौच मुक्त गांव'.

ये भी पढ़ें- पैरालिसिस के कारण 6 महीने बेड पर रहा राजस्थान का 50 वर्षीय अजय, अब साइकिल से निकला है करने भारत दर्शन

वहीं वार्ड मेंबर लता देवी का कहना है कि मुखिया को कई बार इस बारे में बताया गया लेकिन उनको इन बातों से कोई मतलब नहीं है. वह सिर्फ अपने गिने-चुने करीबी लोगों को ही सारा सरकारी लाभ पहुंचा रहे हैं. वार्ड सदस्य ने कहा कि मुखिया जी कंबल, शौचालय, प्रधानमंत्री आवास का लाभ कुछ गिने-चुने लोगों को ही दे रहे हैं.

मुखिया लेता है घूस

वहीं वार्ड सदस्य लता देवी ने मुखिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन्हें प्रधानमंत्री आवास का लाभ भी दिया जा रहा है, उनसे मुखिया 10 हजार घूस के तौर पर ले रहे हैं. वार्ड सदस्य का कहना है कि जब किसी कार्य के लिए वार्ड सदस्य से पूछा ही नहीं जाता है तो यह पोस्ट ही हटा देना चाहिए. सिर्फ मुखिया का ही पोस्ट रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर जीते हुए वार्ड सदस्य को भी एक बार किसी काम के लिए नहीं पूछा जाता है तो ऐसे पद को ही हटा देना चाहिए.

रतनपुर पंचायत के साथ किया गया है भद्दा मजाक- पंचायत समिति सदस्य
वहीं पंचायत समिति सदस्य का कहना है कि रतनपुरा पंचायत में समस्याओं का अंबार है. पूरे इलाके में खुले में शौचमुक्त का बोर्ड लगा दिया गया है लेकिन यह सही नहीं है. उन्होंने जिला प्रशासन से सवाल किया है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि से बगैर पूछे शौचमुक्त का बोर्ड आखिर क्यों और किसने लगाया.

ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते पहुंचे खूंटी, लोगों को दी NRC और CAA की जानकारी

ऐसे में अब सवाल उठना लाजमी है कि आखिर गरीबों के लिए बनाई गई जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आखिर मिल रहा है तो किसे मिल रहा है. जरूरतमंदों को इसका लाभ मिलने में कठिनाई क्यों हो रही है इस पर सरकार के द्वारा उचित जांच जरूरी है.

Intro:धनबाद:कोयलांचल धनबाद के गोविंदपुर प्रखंड के रतनपुर पंचायत को धनबाद सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने गोद लिया है लेकिन उसके बावजूद भी अब तक इस पंचायत के लोगों की समस्याएं कम नहीं हुई है.आज भी पंचायत के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है लोगों को
पीने की पानी की घोर समस्या हो रही है. शौचालय और प्रधानमंत्री आवास भी लोगों को नसीब नहीं हुआ है.


Body:बरसात के दिनों में घरों से टपकता है पानी रात भर जागकर बिताते हैं लोग

आपको बता दें कि रतनपुर पंचायत के आर एस मोर
कॉलेज केंपस के अंदर रह रहे लोगों को पीने के पानी के लिए काफी दूर से पानी लाना पड़ता है.लोगों को शौचालय भी नसीब नहीं हुई है और प्रधानमंत्री आवास भी इन्हें अब तक नहीं मिला है. बरसात के दिनों में जब पानी बरसता है तो महिलाएं और बच्चे सभी जाग कर रात बिता देते हैं.घरों के ऊपर प्लास्टिक रखकर किसी तरह बरसात से बचने का बहाना ढूंढते हैं.

कई बार दे चुके हैं कागज नहीं हुई सुनवाई

स्थानीय लोगों ने बताया कि शौचालय और प्रधानमंत्री आवास के लिए तीन चार बार कागज मुखिया को देने के बाद भी काम नहीं हुआ. स्थानीय महिला पुरुष सभी का कहना है कि एक दो बार नहीं कई बार मुखिया और जल सहिया को शौचालय और आवास के लिए कागज उपलब्ध कराया गया लेकिन उसके बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है बार-बार आश्वासन मिलता है कि काम हो जाएगा.

अहले सुबह ही शौच के लिए पड़ता है उठना, रात होने का किया जाता है इंतजार

महिलाओं ओर लसकियों का कहना है कि सुबह 4 बजे ही शौचालय जाने के लिए जगना पड़ता है क्योंकि बाद में भीड़ हो जाती है और अगर दिन में शौच के लिए जाना भी पड़े तो शाम या रात होने का इंतजार करना पड़ता है.लोगों ने कहा कि गरीब की व्यथा सुनने वाला कोई नहीं है. वहीं लोगों ने कहा कि बहू और बेटियों को बाहर खुले में जाते देख बहुत बुरा लगता है लेकिन मजबूरी है कुछ भी नहीं कर सकता.

वार्ड सदस्य ने कहा हटा देना चाहिए वार्ड सदस्य का पद

वहीं वार्ड मेंबर लता देवी का कहना है कि मुखिया को कई बार इस बारे में बताया गया लेकिन मुखिया को इन बातों से कोई मतलब नहीं है वह सिर्फ अपने गिने-चुने करीबी लोगों को ही सारा सरकारी लाभ पहुंचा रहा है. वार्ड सदस्य ने कहा कि कंबल बांटना, शौचालय देना, प्रधानमंत्री आवास देना सभी कार्य मुखिया गिने-चुने लोगों को ही दे रहा है. वहीं वार्ड सदस्य लता देवी ने मुखिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन्हें प्रधानमंत्री आवास का लाभ भी दिया जा रहा है उनसे मुखिया 10 हजार घूस के तौर पर ले रहे हैं. वार्ड सदस्य का कहना है कि जब किसी कार्य के लिए वार्ड सदस्य से पूछा भी नहीं जाता है तो यह पोस्ट ही हटा देना चाहिए सिर्फ मुखिया कहीं पोस्ट रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर जीते हुए वार्ड सदस्य को भी एक बार किसी काम के लिए नहीं पूछा जाता है तो ऐसे पद को ही हटा देना चाहिए.

पंचायत समिति सदस्य ने कहा है रतनपुर पंचायत के साथ किया गया है भद्दा मजाक

वही पंचायत के पंचायत समिति सदस्य का कहना है कि रतनपुरा पंचायत में समस्याओं का अंबार है. पूरे इलाके में खुले से शौच मुक्त का बोर्ड लगा दिया गया है जबकि यह सही नहीं है. उन्होंने जिला प्रशासन से सवाल किया है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि से बगैर पूछे शौच मुक्त का बोर्ड आखिर क्यों और किसने लगाया. उन्होंने कहा कि संसद द्वारा गोद लिए जाने के कारण यह पंचायत के लिए वरदान नहीं बल्कि अभिशाप साबित हुआ है. उन्होंने कहा कि यहां पर समस्याओं का अंबार है क्योंकि वह स्थानीय जनप्रतिनिधि हैं यहां की समस्याओं के बारे में उनसे ज्यादा सांसद को भी नहीं पता है.

Conclusion:ऐसे में अब यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर गरीबों के लिए बनाई गई जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आखिर मिल रहा है तो किसे मिल रहा है.जरूरतमंदों को इसका लाभ मिलने में कठिनाई क्यों हो रही है इस पर उचित जांच होनी चाहिए.

बाइट-
1. हराधन धीवर-स्थानीय
2. सविता देवी- स्थानीय
3.रीना देवी-स्थानीय
4.भक्ति देवी- स्थानीय
5.नंदिनी देवी- स्थानीय
6.मौसमी धीवर-छात्रा
7.लता देवी-वार्ड सदस्य
8समीर कुमार दे-पंचायत समिति सदस्य
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