ETV Bharat / city

बच्ची को अस्पताल में छोड़कर फरार हुए माता-पिता, अब कई माताओं का मिल रहा प्यार

धनबाद जिले के पीएमसीएच में एक माता-पिता अपनी महज 7 दिन की बच्ची को छोड़कर चले गए. अब उस बच्ची का देखभाल वहां की नर्सें कर रही है. वहीं, बाल कल्याण समिति की वरीय सदस्य पूनम सिंह ने बताया कि बच्ची का स्वास्थ्य ठीक होते ही उसे बाल उपवन में बेहतर पालन पोषण के लिए रखा जाएगा.

नर्सें कर रही बच्ची का देखभाल
author img

By

Published : Jul 3, 2019, 4:26 AM IST

धनबाद: जिले के पीएमसीएच में एक परिवार वाले अपनी महज 7 दिन की बच्ची को छोड़कर चले गए. लेकिन उस नवजात बच्ची की देखभाल अस्पताल की नर्सें कर रही हैं. बल्कि अब बच्ची को एक नहीं बल्कि कई कुंवारी माताओं का प्यार एक साथ मिल रहा है.

नर्सें कर रही बच्ची का देखभाल

यह फूल सी नन्ही बच्ची महज 7 दिन की थी, तभी अस्पताल में माता पिता छोड़ कर चले गए. इस नन्ही सी बच्ची को क्या मालूम कि जन्म देने वाली मां ने उसे अपने कलेजे से दूर कर दिया है. भले ही मां ने इस बच्ची को अपने कलेजे से दूर किया हो लेकिन इस बच्ची को एक नहीं बल्कि कई माताओं का प्यार एक साथ मिल रहा है. लेकिन बच्ची का पूरा ख्याल अस्पताल की नर्सें रख रही है. पीएमसीएच अस्पताल के शिशु रोग विभाग के नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट में बच्ची का इलाज चल रहा है. एनआईसीयू में कार्यरत सभी शिफ्ट की नर्सें बच्ची का पूरी शिद्दत के साथ देखभाल करती हैं. नर्सें कहती है कि पिछले 14 दिनों से हम बच्ची की देखभाल कर रहे हैं और हम लोगों को बच्ची के साथ अपनापन का लगाव जुड़ गया है.

दरअसल, 19 जून को 7 दिन की बीमार बच्ची को माता-पिता द्वारा पीएमसीएच लाया गया था. बच्ची की हालत को गंभीर देखते हुए एनआईसीयू में भर्ती कराया गया. भर्ती होने के 2 दिन बाद ही माता-पिता बच्ची को छोड़ कर चले गए. अस्पताल के रजिस्टर में पिता का नाम अंजुम अंसारी और माता का नाम शमीमा खातून दर्ज है. गिरिडीह जिले के लुसाडीह बिरनी का पता दिया गया है. मामले की जानकारी मिलने के बाद बाल कल्याण समिति के सदस्य अस्पताल पहुंचकर बच्ची का हालचाल लिया. समिति द्वारा सरायढ़ेला थाना की पुलिस को बच्ची के माता-पिता को उपस्थित कराने का आदेश दिया गया है. बाल कल्याण समिति की वरीय सदस्य पूनम सिंह ने बताया कि बच्ची का स्वास्थ्य ठीक होते ही उसे बाल उपवन में बेहतर पालन पोषण के लिए रखा जाएगा.

धनबाद: जिले के पीएमसीएच में एक परिवार वाले अपनी महज 7 दिन की बच्ची को छोड़कर चले गए. लेकिन उस नवजात बच्ची की देखभाल अस्पताल की नर्सें कर रही हैं. बल्कि अब बच्ची को एक नहीं बल्कि कई कुंवारी माताओं का प्यार एक साथ मिल रहा है.

नर्सें कर रही बच्ची का देखभाल

यह फूल सी नन्ही बच्ची महज 7 दिन की थी, तभी अस्पताल में माता पिता छोड़ कर चले गए. इस नन्ही सी बच्ची को क्या मालूम कि जन्म देने वाली मां ने उसे अपने कलेजे से दूर कर दिया है. भले ही मां ने इस बच्ची को अपने कलेजे से दूर किया हो लेकिन इस बच्ची को एक नहीं बल्कि कई माताओं का प्यार एक साथ मिल रहा है. लेकिन बच्ची का पूरा ख्याल अस्पताल की नर्सें रख रही है. पीएमसीएच अस्पताल के शिशु रोग विभाग के नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट में बच्ची का इलाज चल रहा है. एनआईसीयू में कार्यरत सभी शिफ्ट की नर्सें बच्ची का पूरी शिद्दत के साथ देखभाल करती हैं. नर्सें कहती है कि पिछले 14 दिनों से हम बच्ची की देखभाल कर रहे हैं और हम लोगों को बच्ची के साथ अपनापन का लगाव जुड़ गया है.

दरअसल, 19 जून को 7 दिन की बीमार बच्ची को माता-पिता द्वारा पीएमसीएच लाया गया था. बच्ची की हालत को गंभीर देखते हुए एनआईसीयू में भर्ती कराया गया. भर्ती होने के 2 दिन बाद ही माता-पिता बच्ची को छोड़ कर चले गए. अस्पताल के रजिस्टर में पिता का नाम अंजुम अंसारी और माता का नाम शमीमा खातून दर्ज है. गिरिडीह जिले के लुसाडीह बिरनी का पता दिया गया है. मामले की जानकारी मिलने के बाद बाल कल्याण समिति के सदस्य अस्पताल पहुंचकर बच्ची का हालचाल लिया. समिति द्वारा सरायढ़ेला थाना की पुलिस को बच्ची के माता-पिता को उपस्थित कराने का आदेश दिया गया है. बाल कल्याण समिति की वरीय सदस्य पूनम सिंह ने बताया कि बच्ची का स्वास्थ्य ठीक होते ही उसे बाल उपवन में बेहतर पालन पोषण के लिए रखा जाएगा.

Intro:धनबाद।बच्ची होने के कारण भले ही उसकी मां अपने कलेजे के टुकड़े को अस्पताल में अकेला छोड़ कर चली गई।लेकिन उस नवजात बच्ची को एक नहीं बल्कि कई कुंवारी माताओं का प्यार एक साथ मिल रहा है। क्या है उस नवजात बच्चे की पूरी कहानी जिसे महज 7 दिन में ही उसके माता-पिता उसे अस्पताल में छोड़ कर चले गए थे देखिए इस स्पेशल रिपोर्ट...


Body:यह फूल सी नन्ही बच्ची। जब 7 दिन की थी अस्पताल में माता पिता छोड़ कर चले गए। इस नन्ही सी बच्ची को क्या मालूम कि जन्म देने वाली मां ने उसे अपने कलेजे से दूर कर दिया है। भले ही मां ने इस बच्ची को अपने कलेजे से दूर किया हो लेकिन इस बच्ची को एक नहीं बल्कि कई माताओं का प्यार एक साथ मिल रहा है।माताएं कुंवारी जरूर है लेकिन बच्ची का पूरा ख्याल रखती है। पीएमसीएच अस्पताल के शिशु रोग विभाग के नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट में उस बच्ची का इलाज चल रहा है एनआईसीयू में कार्यरत सभी शिफ़्ट की नर्सें बच्ची का पूरी शिद्दत के साथ देखभाल करती हैं। नर्सें कहती है कि पिछले 14 दिनों से हम बच्ची की देखभाल कर रहे हैं और हम लोगों को बच्ची के साथ एक अपनापन का लगाव जुड़ गया है।

बाइट--अशियानी अंश,नर्स

दरअसल 19 जून को 7 दिन की बीमार बच्ची को माता-पिता द्वारा पीएमसीएच लाया गया था। बच्ची की हालत को गंभीर देखते हुए एनआईसीयू में भर्ती कराया गया। भर्ती होने के 2 दिन बाद ही माता-पिता बच्चे को छोड़ कर चले गए। अस्पताल के रजिस्टर में पिता का नाम अंजुम अंसारी और माता का नाम शमीमा खातून दर्ज है।गिरिडीह जिले के लुसाडीह बिरनी का पता दिया गया है।मामले की जानकारी मिलने के बाद बाल कल्याण समिति के सदस्य अस्पताल पहुंचकर बच्ची का हालचाल लिया। समिति द्वारा सरायढेला थाना की पुलिस को बच्ची के माता-पिता को उपस्थित कराने का आदेश दिया गया है। बाल कल्याण समिति के वरीय सदस्य पूनम सिंह ने बताया कि बच्ची का स्वास्थ्य ठीक होते ही उसे बाल उपवन में बेहतर पालन पोषण के लिए रखा जाएगा।

बाइट--पूनम सिंह, वरीय सदस्य, बाल कल्याण समिति


Conclusion:बहरहाल, सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद भी बेटे और बेटियों में फर्क करने का सिलसिला अभी जारी है। लेकिन इस फर्क को दूर करने के लिए सरकार की नहीं बल्कि खुद के सोच में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। तभी हम भविष्य में एक सभ्य समाज की परिकल्पना कर सकते हैं।

नरेन्द्र कुमार, ईटीवी भारत, धनबाद
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.