धनबाद: कोयलांचल की निरसा विधानसभा क्षेत्र लाल झंडे का गढ़ माना जाता है. आजादी से लेकर आज तक यहां पर बीजेपी का कमल नहीं खिला. पिछले चुनाव में बीजेपी ने अच्छी पकड़ बनाते हुए मासस को कड़ी टक्कर दी, लेकिन सफलता हासिल नहीं कर पाई. मात्र 1 हजार 035 वोट से बीजेपी प्रत्याशी गणेश मिश्रा चुनाव हार गए. बीजेपी ने इस बार यहां से प्रत्याशी बदलकर अपर्णा सेनगुप्ता को टिकट दिया है. बीजेपी उम्मीदवार से ईटीवी भारत ने उनके मुद्दों को लेकर खास बातचीत की.
निरसा विधानसभा की सीट पर कांग्रेस के बाद लाल झंडे ने अपना कब्जा जमाया और उसके बाद आज तक इस सीट पर लाल झंडा ही फहराता रहा है. अगर बीजेपी की बात करें, तो इस सीट पर बीजेपी का कमल आज तक नहीं खिला. पिछले चुनाव में बीजेपी ने मासस प्रत्याशी अरूप चटर्जी को कड़ी टक्कर दी थी और बीजेपी निरसा सीट पर मात्र 1 हजार 035 वोट से चुनाव हार गई. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि बीजेपी का जनाधार इस सीट पर बढ़ा है. 2014 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी गणेश मिश्रा उम्मीदवार थे और लगभग एक हजार वोट के अंतर से चुनाव हार गए. हालांकि इस बार पार्टी ने इस सीट पर प्रत्याशी को बदल दिया है और फॉरवर्ड ब्लाक से बीजेपी में आईं पूर्व मंत्री अपर्णा सेनगुप्ता को टिकट दिया है.
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इसके बाद गणेश मिश्र के समर्थकों ने इसका विरोध भी किया. धनबाद सांसद पशुपतिनाथ सिंह और नरेंद्र मोदी तक का पुतला दहन भी किया गया. ऐसे में आने वाले समय में आपसी गुटबाजी को रोक पाना बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी प्रत्याशी अपर्णा सेन गुप्ता का कहना है कि अपने पूर्व के कार्यकाल में जहां हमें पांच साल से भी कम समय मिला था. इसके बावजूद निरसा क्षेत्र में विकास की एक नई लकीर खींची थी. चाहे वह बरबेंदीया का पुल हो, पांडरा का रेफरल अस्पताल, जयपुर का उपस्वास्थ्य केंद्र, अनेको कॉलेज और पूरे विधानसभा क्षेत्र में हाई मास्ट लाइट लगाई गई थी. वह सारे काम अधूरे पड़े हैं.
इन सभी कार्यों को पूरा करना पहली प्राथमिकता होगी. 2005 में फॉरवर्ड ब्लॉक की टिकट पर अपर्णा सेनगुप्ता ने जीत हासिल की थी. उसके बाद झारखंड सरकार में मंत्री भी रही. अपर्णा का कहना है कि मैने अपने विकास कार्यों की एक किताब छपवाई थी. जिसमें 4 से 5 हजार विकास कार्यों को छपवाकर लोगों के घर-घर जाकर बांटने का काम किया. अगर इस बार जनता एक और मौका देती है तो विकास की एक नई परिभाषा निरसा क्षेत्र में लिख दी जाएगी. पूरे झारखंड में निरसा विकास के क्षेत्र में नंबर वन होगा.
निरसा विधानसभा क्षेत्र में मासस प्रत्याशी अरूप चटर्जी की जमीनी पकड़ है. वहीं, पिछले चुनाव को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि बीजेपी का जनाधार यहां पर बढ़ा है. ऐसे में आने वाले चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी और मासस प्रत्याशी के बीच सीधी टक्कर देखी जा रही है. यह तो आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा कि जनता किसे अपना प्रतिनिधित्व करने का मौका देती है.