धनबाद: जिला में कोरोना रिपोर्ट के नाम पर एक बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामना आया है. पैसे लेकर कोरोना की निगटिव रिपोर्ट बनाई जा रही थी. जांच एजेंसी पैथकाइंड की ओर से यह कारनामा किया जा रहा था. ईटीवी भारत से बातचीत में कोविड इंचार्ज डॉ राजकुमार सिंह ने पूरे मामले की जानकारी दी है.
स्वास्थ्य विभाग की जांच में खुलासा
सीएमसी पोर्टल पर इनकी ओर से कोरोना टेस्ट की एंट्री कर दी जाती थी और फिर निगेटिव रिपोर्ट जेनरेट कर दी जाती थी. स्वास्थ्य विभाग की नजर पोर्टल पर एंट्री होने वाली प्रतिदिन 15 से 20 अतिरिक्त रिपोर्ट पर पड़ी. जांच पड़ताल में यह मालूम हुआ कि रैपिड किट के जरिए यह हुआ है. पूरे जिले में रैपिड किट से ना के बराबर टेस्ट हो रहा है. बिनोद बिहारी स्कूल से रैपिड किट से टेस्ट करने की एंट्री इनकी ओर से की जाती थी. जांच पड़ताल के दौरान डिवाइस से डिटेक्ट हुआ कि झरिया के बकरहट्टा और सिंदरी पैथकाइंड से यह फर्जी खेल खेला जा रहा है. डॉ राजकुमार सिंह ने कहा कि यहां का माइक्रोबायलॉजी डिपार्टमेंट एक स्टाफ से लॉगिन कर यह निगेटिव रिपोर्ट जेनरेट किया करता था. करीब 194 लोगों को इनकी ओर से निगेटिव रिपोर्ट दी गई है.
194 लोगों को दी गई नेगेटिव रिपोर्ट
उन्होंने कहा कि बड़ा सवाल यह है कि 194 में से कितने लोग कोरोना पॉजिटिव होंगे यह कह पाना मुश्किल है. वैसे लोग निगेटिव रिपोर्ट लेकर बाहर घूम रहे हैं या फिर कोई दूसरा काम कर रहे हैं. कई अन्य लोग भी इनके संपर्क में आकर पॉजिटिव हुए होंगे. इस कारनामे के बाद पैथकाइंड एजेंसी की सभी फ्रेंचाइजी को सीज किया जा रहा है. इसके साथ ही उनकी सिक्योरिटी मनी को भी जब्त किया जा रहा है. डीसी के निर्देश में इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है.