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धनबाद: बालू की बढ़ी कीमत से सरकारी योजनाएं प्रभावित, मुखिया संघ ने डीसी से की समाधान की मांग

धनबाद जिले में बालू की बढ़ी कीमत से सरकारी योजनाएं के प्रभावित रही है. इसको लेकर मुखिया संघ ने डीसी से मिलकर बात की. जहां डीसी के सामने सारी परेशानियों को रखा गया. इस पर डीसी ने मुखिया संघ को जल्द ही समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है.

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Published : Jul 17, 2020, 6:08 PM IST

धनबाद: मुखिया संघ का एक प्रतिनिधिमंडल बालू की मूल्यवृद्धि को लेकर जिला उपायुक्त से मिले. मुखिया संघ की दलील है कि बालू की बढ़ी कीमत को लेकर पंचायतों में विकास योजनाएं प्रभावित हो रही हैं. इन समस्याओं का जल्द समाधान करने की मांग डीसी से की. संघ ने कहा कि मनमाने दर पर बालू उपलब्ध हो पा रहा है, जिस कारण सरकारी योजनाएं प्रभावित हो रही है. उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने समस्या को दूर करने का आश्वासन दिया है.

बालू की उत्पन्न समस्या को लेकर योजनाएं प्रभावित
मुखिया संघ का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालय निर्माण जैसी कई योजनाएं बालू की उत्पन्न समस्या को लेकर प्रभावित हो रही है. सभी लाइसेंसी स्टॉकिस्ट की तरफ से बालू का मनमानी कीमत वसूली जा रही है. स्टॉकिस्ट 500 कीमत का बालू ढाई हजार से 5 हजार तक में बेच रहे हैं. जिन्हें प्रधानमंत्री आवास या फिर शौचालय बनाना है. वह आखिर इतने रेट पर कैसे निर्माण करा सकेंगे.

इसे भी पढ़ें-धनबादः कोविड-19 अस्पताल में मेडिकल स्टाफ का हंगामा, स्वास्थ्यकर्मियों ने की सुरक्षा की मांग


उपायुक्त ने दिया समस्या के समाधान का आश्वासन
उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने समस्या का समाधान करने का आश्वासन मुखिया संघ को दिया है. उपायुक्त ने कहा कि जिले में करीब 13 लाइसेंसी स्टॉकिस्ट हैं. स्टॉकिस्ट की पंचायत स्तर से मैपिंग की गई है. खनन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि स्टॉकिस्ट की ओर से मनमानी कीमत वसूलने पर अंकुश लगाया जाए. जिले में एक लाख 50 हजार सीएफटी बालू का स्टॉक बचा हुआ है. विभागीय स्तर पर भी निर्देश का इंतजार किया जा रहा है. जबकि डीसी ने जरूरी कार्यों के लिए बालू की समस्या खड़ी नहीं होने देने की बात कही है.

धनबाद: मुखिया संघ का एक प्रतिनिधिमंडल बालू की मूल्यवृद्धि को लेकर जिला उपायुक्त से मिले. मुखिया संघ की दलील है कि बालू की बढ़ी कीमत को लेकर पंचायतों में विकास योजनाएं प्रभावित हो रही हैं. इन समस्याओं का जल्द समाधान करने की मांग डीसी से की. संघ ने कहा कि मनमाने दर पर बालू उपलब्ध हो पा रहा है, जिस कारण सरकारी योजनाएं प्रभावित हो रही है. उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने समस्या को दूर करने का आश्वासन दिया है.

बालू की उत्पन्न समस्या को लेकर योजनाएं प्रभावित
मुखिया संघ का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालय निर्माण जैसी कई योजनाएं बालू की उत्पन्न समस्या को लेकर प्रभावित हो रही है. सभी लाइसेंसी स्टॉकिस्ट की तरफ से बालू का मनमानी कीमत वसूली जा रही है. स्टॉकिस्ट 500 कीमत का बालू ढाई हजार से 5 हजार तक में बेच रहे हैं. जिन्हें प्रधानमंत्री आवास या फिर शौचालय बनाना है. वह आखिर इतने रेट पर कैसे निर्माण करा सकेंगे.

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उपायुक्त ने दिया समस्या के समाधान का आश्वासन
उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने समस्या का समाधान करने का आश्वासन मुखिया संघ को दिया है. उपायुक्त ने कहा कि जिले में करीब 13 लाइसेंसी स्टॉकिस्ट हैं. स्टॉकिस्ट की पंचायत स्तर से मैपिंग की गई है. खनन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि स्टॉकिस्ट की ओर से मनमानी कीमत वसूलने पर अंकुश लगाया जाए. जिले में एक लाख 50 हजार सीएफटी बालू का स्टॉक बचा हुआ है. विभागीय स्तर पर भी निर्देश का इंतजार किया जा रहा है. जबकि डीसी ने जरूरी कार्यों के लिए बालू की समस्या खड़ी नहीं होने देने की बात कही है.

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