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लोकसभा चुनाव 2019: अपने ही काम से खुश नहीं हैं सांसद, फिर भी टिकट की है उम्मीद - प्रचार प्रसार

पाकुड़ में राजनीतिक दल चुनावी एजेंडा और प्रत्याशियों के चयन में जुटे हैं, तो क्षेत्र की जनता बीते पांच साल के कार्यकाल को ध्यान में रखकर आगामी अपने सांसद को चुनने के लिए मन बनाने लगे हैं. इसी कड़ी में जेएमएम के सांसद विजय हांसदा एक बार फिर वह उम्मीद जता रहे हैं कि उन्हें महागठबंधन की तरफ से उम्मीदवार बनाया जाएगा. हालांकि पिछले पांच साल में किए गए काम से वह खुश नहीं हैं.

सांसद विजय हांसदा
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Published : Mar 15, 2019, 6:59 PM IST

पाकुड़: लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद प्रशासन स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की कवायद में है. राजनीतिक दल चुनावी एजेंडा और प्रत्याशियों के चयन में जुटे हैं, तो क्षेत्र की जनता बीते पांच साल के कार्यकाल को ध्यान में रखकर आगामी अपने सांसद को चुनने के लिए मन बनाने लगे हैं. लेकिन इसी चुनावी समर में एक ऐसे भी सांसद हैं जो खुद अपने काम से खुश नहीं हैं.

खुद के ताम से खुश नहीं

राजमहल संसदीय क्षेत्र का चुनाव अंतिम चरण यानी 19 मई को होगा. लेकिन अभी से मतदाता प्रत्याशियों के चयन के लिए उनके काम काज की समीक्षा कर रहे हैं. इस क्षेत्र से विजय हांसदा सांसद हैं एक बार फिर वह उम्मीद जता रहे हैं कि उन्हें महागठबंधन की तरफ से उम्मीदवार बनाया जाएगा. हालांकि पिछले पांच साल में किए गए काम से वह खुश नहीं हैं.

'राज्य की मशीनरी पूरी तरह विफल'
इधर, राजमहल संसदीय क्षेत्र के झामुमो सांसद विजय हांसदा ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में हमारा क्षेत्र सबसे पिछड़ा पायदान पर है. उन्होंने कहा कि वह खुद अपने कार्यकाल में हुए कार्यों से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि राज्य की मशीनरी पूरी तरह विफल है.

ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: इन महिला चेहरों पर दांव लगा सकती हैं पार्टियां, 2 के नाम की सबसे ज्यादा चर्चा

'कई योजनाएं भी समय पर पूरी नहीं हो पाई'
हांसदा ने कहा कि शिलान्यास की गई कई योजनाएं भी समय पर पूरी नहीं हो पाई. सांसद ने कहा कि अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल करने का मामला हो, या जरूरतमंद लोगों को राशन दिलाने का, या मनरेगा के तहत मजदूरों को 100 दिनों का रोजगार मुहैया कराने का सभी मामलों में हम प्रयास किए पर शत प्रतिशत सफल इसलिए नहीं हो पाए कि राज्य सरकार की एजेंसी को जो सहयोग करना चाहिए था किया नहीं.

पाकुड़: लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद प्रशासन स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की कवायद में है. राजनीतिक दल चुनावी एजेंडा और प्रत्याशियों के चयन में जुटे हैं, तो क्षेत्र की जनता बीते पांच साल के कार्यकाल को ध्यान में रखकर आगामी अपने सांसद को चुनने के लिए मन बनाने लगे हैं. लेकिन इसी चुनावी समर में एक ऐसे भी सांसद हैं जो खुद अपने काम से खुश नहीं हैं.

खुद के ताम से खुश नहीं

राजमहल संसदीय क्षेत्र का चुनाव अंतिम चरण यानी 19 मई को होगा. लेकिन अभी से मतदाता प्रत्याशियों के चयन के लिए उनके काम काज की समीक्षा कर रहे हैं. इस क्षेत्र से विजय हांसदा सांसद हैं एक बार फिर वह उम्मीद जता रहे हैं कि उन्हें महागठबंधन की तरफ से उम्मीदवार बनाया जाएगा. हालांकि पिछले पांच साल में किए गए काम से वह खुश नहीं हैं.

'राज्य की मशीनरी पूरी तरह विफल'
इधर, राजमहल संसदीय क्षेत्र के झामुमो सांसद विजय हांसदा ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में हमारा क्षेत्र सबसे पिछड़ा पायदान पर है. उन्होंने कहा कि वह खुद अपने कार्यकाल में हुए कार्यों से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि राज्य की मशीनरी पूरी तरह विफल है.

ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: इन महिला चेहरों पर दांव लगा सकती हैं पार्टियां, 2 के नाम की सबसे ज्यादा चर्चा

'कई योजनाएं भी समय पर पूरी नहीं हो पाई'
हांसदा ने कहा कि शिलान्यास की गई कई योजनाएं भी समय पर पूरी नहीं हो पाई. सांसद ने कहा कि अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल करने का मामला हो, या जरूरतमंद लोगों को राशन दिलाने का, या मनरेगा के तहत मजदूरों को 100 दिनों का रोजगार मुहैया कराने का सभी मामलों में हम प्रयास किए पर शत प्रतिशत सफल इसलिए नहीं हो पाए कि राज्य सरकार की एजेंसी को जो सहयोग करना चाहिए था किया नहीं.

Intro:बाइट : विजय हांसदा, झामुमो सांसद
पाकुड़ : लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद प्रशासन जाना स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने की कवायद में, राजनीतिक दल चुनावी एजेंडा एवं प्रत्याशियों के चयन में जुटा हुआ है तो क्षेत्र की जनता बीते 5 साल के कार्यकाल को ध्यान में रखकर आगामी अपने सांसद को चुनने के लिए मन बनाने लगे हैं।


Body:वैसे तो राजमहल संसदीय क्षेत्र का चुनाव अंतिम चरण 19 मई को होगा परंतु अभी से खासकर मतदाता प्रत्याशियों के चयन को लेकर किए गए विकास के पैमाने को नापने में जुट गए हैं। चुनावी प्रचार प्रसार तेज होने के बाद कई मुद्दे गौण भी होंगे और तत्कालिक मुद्दे उठाएंगे परंतु एक मुद्दा क्षेत्र के किए गए विकास बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने का मुद्दा प्रत्याशियों को ही नहीं बल्कि राजनीतिक दलों एवं कार्यकर्ताओं को प्रचार प्रसार के दौरान अच्छा परेशान करेगा।
राजमहल संसदीय क्षेत्र अंतर्गत पाकुड़ जिले के 3 विधानसभा क्षेत्रों में जिस विकास के मुद्दे को लेकर सत्ताधारी दल भाजपा चुनाव मैदान में बाजी मारने का प्रयास करेगी तो प्रमुख विपक्षी दल और महागठबंधन संसद विजय हांसदा द्वारा क्षेत्र में किए गए विकास और आशातीत विकास में सरकार का नकारात्मक सहयोग को मतदाताओं के बीच रखेगा, परंतु जिस विकास के मुद्दे को लेकर अभी से चुनावी चर्चा प्रत्याशियों के चयन को लेकर चल रही है उसमें महागठबंधन दल के प्रमुख झामुमो के स्थानीय नेता अपने सांसद द्वारा किए गए विकास कार्यों को लोगों को गिना जरूर रहे हैं परंतु खुद सांसद श्री हांसदा अपने कार्यकाल में किए गए कार्यों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है और अपनी नाकामी का ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ रहे हैं।
ऐसी बात नहीं है कि सांसद ने क्षेत्र में कुछ किया ही नहीं सांसद निधि से सड़के बनवाई पेयजल आपूर्ति व्यवस्था बहाल की रेल सुविधाओं के विस्तार के लिए प्रयास भी किया बावजूद हुए अपने को संतुष्ट नहीं बता रहे है। सांसद श्री हांसदा ने कैमरे पर जो कहा वाकई चौंकाने वाला है।


Conclusion:राजमहल संसदीय क्षेत्र के झामुमो सांसद विजय हांसदा ने कहा कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य के मामले में हमारा क्षेत्र सबसे पिछड़ा पायदान पर है। उन्होंने कहा कि मैं खुद अपने कार्यकाल में हुए कार्यों से संतुष्ट नहीं हूं, क्योंकि राज्य की मशीनरी पूरी तरह विफल है । उन्होंने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं को राज्य की एजेंसी धरातल पर उतारती है और मशीनरी पूरी तरह विफल है जिसके कारण शिलान्यास की गई कई योजनाएं भी समय पर पूरी नहीं हो पाई। सांसद ने कहा कि अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल करने का मामला हो या जरूरतमंद लोगों को राशन दिलाने का या मनरेगा के तहत मजदूरों को 100 दिनों का रोजगार मुहैया कराने का सभी मामलों में हम प्रयास किया परंतु शत प्रतिशत सफल इसलिए नहीं हो पाए कि राज्य सरकार की एजेंसी ने जो सहयोग करना चाहिए था किया नही।
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