धनबाद: जिले के डुमरा मोड़ स्थिति बरगद पेड़ के पास गुरुवार को दर्जनों सुहागिनों ने वट सावित्री पूजा की. पेड़ की परिक्रमा करते हुए उस पर सूत बांधा. ब्राह्मण द्वारा मंत्रोच्चार किया गया. वट सावित्री पूजा के बारे में धार्मिक मान्यता है कि भद्र देश के राजा अश्वपति की पुत्री सावित्री से साल्व देश के राजा सत्यवान की शादी हुई थी.
राजा सत्यवान अल्प आयु थे. पति की मृत्यु के बाद सावित्री ने घोर तपस्या की. इस दरमियान वट पेड़ की जटानाओं ने मृत सत्यवान के शरीर को जंगली जानवरों से सुरक्षित रखा था. सावित्री की तपस्या से प्रसन्न होकर यमराज ने सत्यवान के प्राण लौटा दिए. तब से सावित्री के जैसे सुहागिन अपने पति की लंबी उम्र के लिये यह व्रत रखती हैं.