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New Year 2022: धनबाद का मैथन डैम तैयार, सैलानियों का है इंतजार

धनबाद में नए साल 2022 की तैयारी जोरों पर है. नव वर्ष के आगमन को लेकर धनबाद का मैथन डैम तैयार है. यहां अब हर किसी को सैलानियों का इंतजार है.

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धनबाद का मैथन डैम
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Published : Dec 27, 2021, 8:41 PM IST

Updated : Dec 28, 2021, 11:03 PM IST

धनबादः नव वर्ष के आगमन को लेकर मैथन डैम सज-धजकर सैलानियों के इंतजार में है. शहर से लगभग 48 किमी दूर स्थित अंडरग्राउंड पावर स्टेशन वाला बांध दक्षिण-पूर्व एशिया में मैथन डैम अद्वितीय है. जिस जगह पर मैथन डैम बनाया गया है वह 65 वर्ग किलोमीटर से अधिक में फैला हुआ है. मैथन डैम वर्ष 1948 में दामोदर घाटी निगम (डीवीसी लिमिटेड) द्वारा विकसित किया गया था जिसका बांध लगभग 15 हजार 712 फिट लंबा और लगभग 165 फिट लंबा है. भूमिगत पावर स्टेशन में बिजली की लगभग 60 हजार किलोवाट बिजली उत्पादन क्षमता है. डीवीसी और मैथन थर्मल पावर द्वारा बिजली उत्पादन की जाती है.

इसे भी पढ़ें- नर्क में तब्दील हो रहा है झारखंड का स्वर्ग मैथन डैम, आसपास फैले कचरे ने बिगाड़ी सूरत

मैथन डैम एक खूबसूरत झील और हरे-भरे जंगलों के बीच स्थित है. डैम पर प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में सैलानी घूमने और पिकनिक मनाने आते हैं. साल के दिसंबर और जनवरी माह में पर्यटकों की संख्या काफी रहती है. मैथन डैम को झारखंड का स्वर्ग कहा जाता है साथ ही इसे क्वीन वैली के भी नाम से भी जानता है. मैथन डैम में प्रकृति का अद्भुत नजारा और मनमोहक दृश्य डैम के आसपास देखने को मिलता है. सैलानी यहां की यादों को अपने कैमरे में कैद करते हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

मैथन डैम का मनमोहक झील के साथ साथ फूलों का बागीचा और मिलेनियम पार्क भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा पर मैथन डैम स्थित रहने के कारण बंगाल से भी पर्यटक काफी संख्या में घूमने आते हैं. साथ ही देश के कई राज्यों से सैलानी मैथन डैम घुमने बड़ी संख्या में आते हैं. पिछले दो वर्ष से कोरोना का प्रभाव पर्यटन स्थल मैथन डैम पर भी दिखा. इस दौरान काफी कम संख्या में यहां पर्यटक दिखे लेकिन इस बार ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि मैथन डैम में सैलानी आएंगे.

दामोदर घाटी निगम डीवीसी की ओर से तैयारियां पूरी
पर्यटकों को लुभाने के लिए दामोदर वैली कारपोरेशन कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाह रही हैं. पिछले दो-तीन माह से डीवीसी द्वारा डैम की साफ-सफाई, रंग रोगन और फूलों की बागीचे को अच्छी तरह से देख-रेखकर रहे हैं ताकि जो भी पर्यटक मैथन आए वो एक सुंदर अनुभव लेकर जाएं.

इसे भी पढ़ें- मैथन डैम के मनोरम वादियों को लगी कोरोना की नजर, कारोबार हुआ ठप

मैथन डैम में प्रशासन भी है मुस्तैद
दिसंबर और जनवरी माह में मैथन डैम में लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं. जिसे लेकर प्रशासन की ऊपर भी बड़ी जिम्मेदारी रहती है. कोई अप्रिय घटना ना घटे इसको लेकर डैम की चारों दिशाओं में चप्पे-चप्पे सुरक्षा बल मुस्तैद हैं. पिछले दिनों डीवीसी प्रशासनिक भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें कई निर्णय लिए गए हैं. पर्यटकों की संख्या को देखते हुए डैम पर सभी बोट संचालकों को निर्देश दिया गया है कि बोट पर क्षमता से अधिक पर्यटकों को ना बैठाएं और बोट पर चढ़ने वाले सभी व्यक्तियों को लाइफ जैकेट अनिवार्य रूप से पहनना है. प्रशासन की ओर से डैम में हेल्प डेक्स भी बनाए गए हैं ताकि मैथन डैम में आने वाले पर्यटक को किसी प्रकार का असुविधा ना हो.

धनबादः नव वर्ष के आगमन को लेकर मैथन डैम सज-धजकर सैलानियों के इंतजार में है. शहर से लगभग 48 किमी दूर स्थित अंडरग्राउंड पावर स्टेशन वाला बांध दक्षिण-पूर्व एशिया में मैथन डैम अद्वितीय है. जिस जगह पर मैथन डैम बनाया गया है वह 65 वर्ग किलोमीटर से अधिक में फैला हुआ है. मैथन डैम वर्ष 1948 में दामोदर घाटी निगम (डीवीसी लिमिटेड) द्वारा विकसित किया गया था जिसका बांध लगभग 15 हजार 712 फिट लंबा और लगभग 165 फिट लंबा है. भूमिगत पावर स्टेशन में बिजली की लगभग 60 हजार किलोवाट बिजली उत्पादन क्षमता है. डीवीसी और मैथन थर्मल पावर द्वारा बिजली उत्पादन की जाती है.

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मैथन डैम एक खूबसूरत झील और हरे-भरे जंगलों के बीच स्थित है. डैम पर प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में सैलानी घूमने और पिकनिक मनाने आते हैं. साल के दिसंबर और जनवरी माह में पर्यटकों की संख्या काफी रहती है. मैथन डैम को झारखंड का स्वर्ग कहा जाता है साथ ही इसे क्वीन वैली के भी नाम से भी जानता है. मैथन डैम में प्रकृति का अद्भुत नजारा और मनमोहक दृश्य डैम के आसपास देखने को मिलता है. सैलानी यहां की यादों को अपने कैमरे में कैद करते हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

मैथन डैम का मनमोहक झील के साथ साथ फूलों का बागीचा और मिलेनियम पार्क भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा पर मैथन डैम स्थित रहने के कारण बंगाल से भी पर्यटक काफी संख्या में घूमने आते हैं. साथ ही देश के कई राज्यों से सैलानी मैथन डैम घुमने बड़ी संख्या में आते हैं. पिछले दो वर्ष से कोरोना का प्रभाव पर्यटन स्थल मैथन डैम पर भी दिखा. इस दौरान काफी कम संख्या में यहां पर्यटक दिखे लेकिन इस बार ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि मैथन डैम में सैलानी आएंगे.

दामोदर घाटी निगम डीवीसी की ओर से तैयारियां पूरी
पर्यटकों को लुभाने के लिए दामोदर वैली कारपोरेशन कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाह रही हैं. पिछले दो-तीन माह से डीवीसी द्वारा डैम की साफ-सफाई, रंग रोगन और फूलों की बागीचे को अच्छी तरह से देख-रेखकर रहे हैं ताकि जो भी पर्यटक मैथन आए वो एक सुंदर अनुभव लेकर जाएं.

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मैथन डैम में प्रशासन भी है मुस्तैद
दिसंबर और जनवरी माह में मैथन डैम में लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं. जिसे लेकर प्रशासन की ऊपर भी बड़ी जिम्मेदारी रहती है. कोई अप्रिय घटना ना घटे इसको लेकर डैम की चारों दिशाओं में चप्पे-चप्पे सुरक्षा बल मुस्तैद हैं. पिछले दिनों डीवीसी प्रशासनिक भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें कई निर्णय लिए गए हैं. पर्यटकों की संख्या को देखते हुए डैम पर सभी बोट संचालकों को निर्देश दिया गया है कि बोट पर क्षमता से अधिक पर्यटकों को ना बैठाएं और बोट पर चढ़ने वाले सभी व्यक्तियों को लाइफ जैकेट अनिवार्य रूप से पहनना है. प्रशासन की ओर से डैम में हेल्प डेक्स भी बनाए गए हैं ताकि मैथन डैम में आने वाले पर्यटक को किसी प्रकार का असुविधा ना हो.

Last Updated : Dec 28, 2021, 11:03 PM IST
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