धनबाद: सरकारी स्कूल की जब बात आती है तो आमजनों के जहन में पढ़ाई के प्रति शिक्षक की लापरवाही, उदासीनता की बात सोचते है. कोरोना महामारी में अभी फिलहाल सरकारी, निजी, सभी स्कूल लॉकडाउन के कारण बंद हैं लेकिन सरकार के आदेश पर अब भी 30 प्रतिशत शिक्षक रोस्टर बनाकर पहुंच रहे है, जो पाठयक्रम का प्लान तैयार करते हैं.
आकर्षण का केंद्र बना स्कूल
बाघमारा के तारगा पंचायत अंतर्गत महथाटाड़ प्राथमिक विद्यालय इन दिनों आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. स्कूल प्रबंधन ने एक अनोखी पहल की है, जो आकर्षण का केंद्र अभिभावकों ओर बच्चों के लिए बन गया है. दरअसल, स्कूल में दो कमरे हैं जिसे रेलगाड़ी की बोगी का रूप दिया गया है. देखने से कमरा बिल्कुल रेलगाड़ी की बोगी की तरह लगती है, जो यह सभी लोगों का आकर्षण का केंद्र बन गया है.
लॉकडाउन के दौरान जब स्कूल बंद थे तो कई स्कूलों का रूप ही बदल दिया गया. ऐसे ही बाघमारा स्कूल का रूप बदल गया है. स्कूल की कक्षाएं अब रेलगाड़ी की बोगी बन गईं हैं. बोगी पर टीटी नहीं शिक्षक खड़े होते हैं. इन्ही के कंधों पर इन बच्चो के भविष्य संवारने की जिम्मेवारी दी गई है.
स्कूल के वातावरण में परिवर्तन
स्कूल में इस तरह का प्रयोग करने के पीछे स्कूल वातावरण में परिवर्तन लाना है. सरकारी स्कूलों का भवन अब वैज्ञानिक सोच के साथ रंग, रोहन और अलग अलग कलाकृति के जरिये संवारा जा रहा ताकि सरकारी स्कूलों के प्रति समाज मे फैले नकारात्मक सोच को दूर किया जा सके. इसके साथ ही ड्रॉप आउट छात्रों को बेहतर माहौल और वातावरण बनाकर स्कूल से जोड़ा जा सके.
ये भी पढ़े- धनबाद: कापासारा आउटसोर्सिंग में जीएम के बॉडीगार्ड ने चलाई गोली, एक महिला घायल
वहीं, विद्यालय की शिक्षिका ने बताया कि रेलगाड़ी की बोगी का रूप कमरे को देने के बाद से प्रतिदिन अभिभावक बच्चों का समूह देखने पहुंचते हैं. इस पहल से बच्चों को पढ़ने में ओर भी अधिक रुचि बढ़ेगी. हालांकि अभी स्कूल लॉकडाउन के कारण बंद है लेकिन स्कूल जब सुचारू रूप से चलने लगेगा तो बच्चे मन के साथ पढ़ाई और अधिक करेंगे. स्थानीय मुखिया ने कहा कि विद्यालय की एक अच्छी पहल है, आज यह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.