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लोकसभा चुनाव 2019: धनबाद में महिलाओं की वोटिंग प्रतिशत है बेहद कम, ये है वजह - प्रत्याशी

धनबाद संसदीय क्षेत्र अंतर्गत छह विधानसभा की सीटें आती हैं. जिनमें धनबाद जिले के अंतर्गत झरिया, निरसा, धनबाद, सिंदरी विधानसभा की सीटें हैं और दो विधानसभा चंदनकियारी और बोकारो यह बोकारो जिले के अंतर्गत आती है. आधी आबादी वोटरों की संख्या लगभग आधी जरूर है, लेकिन पुरुषों की तुलना में महिला वोटर मतदान देने के लिए बहुत ही कम आती है.

महिलाओं की राय
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Published : Apr 7, 2019, 9:11 AM IST

धनबाद: कोयलांचल में 12 मई को मतदान होना है. धनबाद संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में 20, 44, 802 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इसमें महिला वोटरों की संख्या 9,35,234 और पुरुष वोटरों की संख्या 11,09,541 है. अगर हम यह कहें कि सिर्फ अगर महिला वोटर ही चाह ले तो किसी भी प्रत्याशी की जीत और हार का फैसला वो ही कर सकती हैं. लेकिन ठीक इसके विपरीत महिलाओं की भागीदारी मतदान में बहुत ही कम है.

महिलाओं की राय

धनबाद संसदीय क्षेत्र अंतर्गत छह विधानसभा की सीटें
बता दें कि धनबाद संसदीय क्षेत्र अंतर्गत छह विधानसभा की सीटें आती हैं. जिनमें धनबाद जिले के अंतर्गत झरिया, निरसा, धनबाद, सिंदरी विधानसभा की सीटें हैं और दो विधानसभा चंदनकियारी और बोकारो यह बोकारो जिले के अंतर्गत आती है. आधी आबादी वोटरों की संख्या लगभग आधी जरूर है, लेकिन पुरुषों की तुलना में महिला वोटर मतदान देने के लिए बहुत ही कम आती है.

आखिर क्या है कारण
मतदान केंद्रों पर ग्रामीण इलाके में ग्रामीण महिला वोटरों की कमी देखने को मिलती है. जिसका सबसे बड़ा कारण है कि मतदान केंद्र दूरी पर होता है. लगभग एक-दो किलोमीटर की दूरी पर मतदान केंद्र रहने से घरेलू ग्रामीण महिलाएं मई महीने के इस चिलचिलाती धूप में घर से निकलना नहीं चाहती. जिसके कारण ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की संख्या मतदान केंद्रों पर बहुत ही कम दिखाई पड़ती है.

'घर से निकलें और वोट जरूर दें'
वहीं, इस बारे में जब अलग-अलग वर्ग की महिलाओं से बातचीत की गई तो महिलाओं ने बताया कि कुछ महिलाओं की तो नकारात्मक रवैया है. वह मतदान करना ही नहीं चाहती. महिलाओं ने महिला मतदाताओं से अपील की है कि वोट मेरा सबसे बड़ा अधिकार है और वोट के दिन घर से निकलें और वोट जरूर दें.

ये भी पढ़ें- लालू का नहीं हो पा रहा उचित इलाज, डॉक्टर भी हैं मजबूर, तेजस्वी ने कह दी बड़ी बात

12 मई को धनबाद में चुनाव
बता दें कि 12 मई को धनबाद में लोकसभा का चुनाव होना है.16 अप्रैल को अधिसूचना जारी होगी. 16 से 23 अप्रैल तक नाम निर्देशन किया जा सकेगा. 24 अप्रैल को नामों की स्क्रूटनी होगी. नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 26 अप्रैल 2019 निर्धारित की गई है. जिला प्रशासन ने शहर में 10 से 15 सखी बूथ और 40 मॉडल बूथ बनाने का निर्णय लिया है. सखी बूथ बनाने का मकसद महिला वोटरों को बूथ तक लाना है.

धनबाद: कोयलांचल में 12 मई को मतदान होना है. धनबाद संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में 20, 44, 802 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इसमें महिला वोटरों की संख्या 9,35,234 और पुरुष वोटरों की संख्या 11,09,541 है. अगर हम यह कहें कि सिर्फ अगर महिला वोटर ही चाह ले तो किसी भी प्रत्याशी की जीत और हार का फैसला वो ही कर सकती हैं. लेकिन ठीक इसके विपरीत महिलाओं की भागीदारी मतदान में बहुत ही कम है.

महिलाओं की राय

धनबाद संसदीय क्षेत्र अंतर्गत छह विधानसभा की सीटें
बता दें कि धनबाद संसदीय क्षेत्र अंतर्गत छह विधानसभा की सीटें आती हैं. जिनमें धनबाद जिले के अंतर्गत झरिया, निरसा, धनबाद, सिंदरी विधानसभा की सीटें हैं और दो विधानसभा चंदनकियारी और बोकारो यह बोकारो जिले के अंतर्गत आती है. आधी आबादी वोटरों की संख्या लगभग आधी जरूर है, लेकिन पुरुषों की तुलना में महिला वोटर मतदान देने के लिए बहुत ही कम आती है.

आखिर क्या है कारण
मतदान केंद्रों पर ग्रामीण इलाके में ग्रामीण महिला वोटरों की कमी देखने को मिलती है. जिसका सबसे बड़ा कारण है कि मतदान केंद्र दूरी पर होता है. लगभग एक-दो किलोमीटर की दूरी पर मतदान केंद्र रहने से घरेलू ग्रामीण महिलाएं मई महीने के इस चिलचिलाती धूप में घर से निकलना नहीं चाहती. जिसके कारण ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की संख्या मतदान केंद्रों पर बहुत ही कम दिखाई पड़ती है.

'घर से निकलें और वोट जरूर दें'
वहीं, इस बारे में जब अलग-अलग वर्ग की महिलाओं से बातचीत की गई तो महिलाओं ने बताया कि कुछ महिलाओं की तो नकारात्मक रवैया है. वह मतदान करना ही नहीं चाहती. महिलाओं ने महिला मतदाताओं से अपील की है कि वोट मेरा सबसे बड़ा अधिकार है और वोट के दिन घर से निकलें और वोट जरूर दें.

ये भी पढ़ें- लालू का नहीं हो पा रहा उचित इलाज, डॉक्टर भी हैं मजबूर, तेजस्वी ने कह दी बड़ी बात

12 मई को धनबाद में चुनाव
बता दें कि 12 मई को धनबाद में लोकसभा का चुनाव होना है.16 अप्रैल को अधिसूचना जारी होगी. 16 से 23 अप्रैल तक नाम निर्देशन किया जा सकेगा. 24 अप्रैल को नामों की स्क्रूटनी होगी. नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 26 अप्रैल 2019 निर्धारित की गई है. जिला प्रशासन ने शहर में 10 से 15 सखी बूथ और 40 मॉडल बूथ बनाने का निर्णय लिया है. सखी बूथ बनाने का मकसद महिला वोटरों को बूथ तक लाना है.

Intro:धनबाद:धनबाद में 12 मई को मतदान होना है. धनबाद संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में 20,44,802 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. वहीं इसमें महिला वोटरों की संख्या 9,35,234 और पुरुष वोटरों की संख्या 11,09,541 है. अगर हम यह कहें कि सिर्फ अगर महिला वोटर ही चाह ले तो किसी भी प्रत्याशी की जीत और हार का फैसला महिला वोटर ही कर सकती हैं लेकिन ठीक इसके विपरीत महिलाओं की भागीदारी मतदान में बहुत ही कम है.


Body:आपको बता दें कि धनबाद संसदीय क्षेत्र अंतर्गत 6 विधानसभा की सीटें आती है जिनमें धनबाद जिले के अंतर्गत झरिया, निरसा, धनबाद, सिंदरी विधानसभा की सीटें हैं और 2 विधानसभा चंदनकीयारी और बोकारो यह बोकारो जिले के अंतर्गत आती है. आधी आबादी वोटरों की संख्या लगभग आधी जरूर है लेकिन पुरुषों की तुलना में महिला वोटर मतदान देने के लिए बहुत ही कम आती है.

आखिर क्या है कारण

मतदान केंद्रों पर ग्रामीण इलाके में ग्रामीण महिला वोटरों की कमी देखने को मिलती है.जिसका सबसे बड़ा कारण है कि मतदान केंद्र दूरी पर होता है लगभग 1- 2 किलोमीटर की दूरी पर मतदान केंद्र रहने से घरेलू ग्रामीण महिलाएं मई महीने के इस चिलचिलाती धूप में घर से निकलना नहीं चाहती. जिसके कारण ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की संख्या मतदान केंद्रों पर बहुत ही कम दिखाई पड़ती है. वहीं इस बारे में जब अलग अलग वर्ग की महिलाओं से बातचीत की गई तो महिलाओं ने बताया कि कुछ महिलाओं की तो नकारात्मक रवैया है वह मतदान करना ही नहीं चाहती.महिलाओं ने महिला मतदाताओं से अपील की है कि वोट मेरा सबसे बड़ा अधिकार है और वोट के दिन घर से निकले और वोट जरूर दें.

गौरतलब है कि 12 मई को धनबाद में लोकसभा का चुनाव होना है 16 अप्रैल को अधिसूचना जारी होगी. 16 से 23 अप्रैल तक नाम निर्देशन किया जा सकेगा. 24 अप्रैल को नामों की स्क्रूटनी होगी.नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 26 अप्रैल 2019 निर्धारित की गई है. जिला प्रशासन ने शहर में 10 से 15 सखी बूथ और 40 मॉडल बूथ बनाने का निर्णय लिया है. सखी बूथ बनाने का मकसद महिला वोटरों को बूथ तक लाना है. जिला प्रशासन हर संभव प्रयास कर रही है जिससे कि पुरुष हो या महिला मतदाता सभी को बूथ तक लाकर मतदान करवाने की दिशा में हर कदम उठा रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा मतदान प्रतिशत हो सके.


Conclusion:अब देखने वाली बात होगी कि जिला प्रशासन के द्वारा किए जा रहे सार्थक प्रयास और इन महिला महिलाओं की अपील खासकर महिला वोटरों को मतदान केंद्र तक ला पाने में कितना कारगर साबित होती है.

बाइट
1. रेणुका ठाकुर-प्रिंसिपल एसएसएलएनटी महिला कॉलेज धनबाद

2. रमा सिन्हा-व्यवसाई
3. ईशा खंडेलवाल- डीपीआरओ धनबाद
4. डॉक्टर संगीताकारण-स्त्री रोग विशेषज्ञ
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