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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हो रहा भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों का सर्वे, छूट रहे जिला प्रशासन के पसीने

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Published : Aug 18, 2019, 8:01 AM IST

Updated : Aug 18, 2019, 11:11 AM IST

धनबाद के भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को जरेडा के तहत चिन्हित करने में जिला प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद उन क्षेत्रों का सर्वे कराया जा रहा है.

जरेडा कार्यालय

धनबाद: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को जरेडा के तहत चिन्हित करने में जिला प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं. पुटकी, मुनीडीह और केंदुआडीह समेत करीब 23 ऐसे साइट हैं, जहां की जरेडा के तहत सर्वे नहीं हो सका है. इन बस्तियों के सर्वे के लिए प्रशासन को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. सर्वे को लेकर यहां के लोगों में विरोधाभास है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- शौचालय निर्माण के लिए जरुरी है मुखिया को 'चढ़ावा', फिर भी नहीं मिलती 'लोटा पार्टी' से मुक्ति

एसडीएम ने लोगों को समझाया
पुटकी अरलगड़िया बस्ती में सर्वे कराने की मंशा से लोगों को समझाने बुझाने एसडीएम राज महेश्वरम पहुंचे थे, बीसीसीएल पुटकी बलिहारी कार्यालय में सर्वे कराने के पीछे के कारणों को एसडीएम ने लोगों को समझाया. लेकिन एसडीम की बातों से लोग संतुष्ट नहीं हुए. सर्वे को लेकर लोगों ने अपना विरोध जताया, लोगों का कहना है कि उनके मुआवजे का क्या प्रावधान है. पहले प्रशासन इसे साफ करें, उसके बाद हमें सर्वे कराने में कोई दिक्कत नहीं है.

रैयत और गैर रैयत की हो रही पहचान
वहीं, एसडीएम राज महेश्वरम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को जरेडा के तहत चिन्हित करना है. लेकिन लोग भ्रमित है कि उन्हें उजाड़ने कि यह तैयारी है. उन्होंने कहा कि सिर्फ यहां सर्वे किया जाना है कि कितने रैयत हैं और कितने गैर रैयत. जरेडा के तहत सर्वे को लेकर लोगों के अंदर यह आशंका बनी हुई है कि सर्वे के बाद बिना उचित मुआवजा दिए ही उन्हें अन्यत जगहों पर शिफ्ट कर दिया जाएगा. वैसे लोगों को विश्वास दिलाने में प्रशासन के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.

धनबाद: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को जरेडा के तहत चिन्हित करने में जिला प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं. पुटकी, मुनीडीह और केंदुआडीह समेत करीब 23 ऐसे साइट हैं, जहां की जरेडा के तहत सर्वे नहीं हो सका है. इन बस्तियों के सर्वे के लिए प्रशासन को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. सर्वे को लेकर यहां के लोगों में विरोधाभास है.

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एसडीएम ने लोगों को समझाया
पुटकी अरलगड़िया बस्ती में सर्वे कराने की मंशा से लोगों को समझाने बुझाने एसडीएम राज महेश्वरम पहुंचे थे, बीसीसीएल पुटकी बलिहारी कार्यालय में सर्वे कराने के पीछे के कारणों को एसडीएम ने लोगों को समझाया. लेकिन एसडीम की बातों से लोग संतुष्ट नहीं हुए. सर्वे को लेकर लोगों ने अपना विरोध जताया, लोगों का कहना है कि उनके मुआवजे का क्या प्रावधान है. पहले प्रशासन इसे साफ करें, उसके बाद हमें सर्वे कराने में कोई दिक्कत नहीं है.

रैयत और गैर रैयत की हो रही पहचान
वहीं, एसडीएम राज महेश्वरम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को जरेडा के तहत चिन्हित करना है. लेकिन लोग भ्रमित है कि उन्हें उजाड़ने कि यह तैयारी है. उन्होंने कहा कि सिर्फ यहां सर्वे किया जाना है कि कितने रैयत हैं और कितने गैर रैयत. जरेडा के तहत सर्वे को लेकर लोगों के अंदर यह आशंका बनी हुई है कि सर्वे के बाद बिना उचित मुआवजा दिए ही उन्हें अन्यत जगहों पर शिफ्ट कर दिया जाएगा. वैसे लोगों को विश्वास दिलाने में प्रशासन के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.

Intro:धनबाद।सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भूधसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों को जरेडा के तहत चिन्हित करने में जिला प्रशासन को पसीना छूट रहा है।पुटकी,मुनीडीह और केंदुआडीह समेत करीब 23 ऐसे साइट है।जहां की जरेडा के तहत सर्वे नहीं हो सका है।इन बस्तियों के सर्वे के लिए प्रशासन को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।सर्वे को लेकर यहां के लोगों में विरोधाभास है।


Body:पुटकी अरलगड़िया बस्ती में सर्वे कराने की मंशा से लोगों को समझाने बुझाने एसडीएम राज महेश्वरम पहुंचे थे।बीसीसीएल पुटकी बलिहारी कार्यालय में सर्वे कराने के पीछे के कारणों को एसडीएम ने लोगों को समझाया।लेकिन एसडीम की बातों से लोग संतुष्ट नहीं हुए।सर्वे को लेकर लोगों ने अपना विरोध जताया। लोगों का कहना है कि उनके मुआवजे का क्या प्रावधान है।पहले प्रशासन इसे साफ करें।उसके बाद हमें सर्वे कराने में कोई दिक्कत नहीं है।

वहीं एसडीएम राज महेश्वरम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यहां बसे लोगों को सर्वे कराया जाना है।लेकिन लोग भ्रमित है कि उन्हें उजाड़ने कि यह तैयारी है।उन्होंने कहा कि सिर्फ यहां सर्वे किया जाना है कि रैय्यत है और कितने गैर रैय्यत।

1st byte:-fulchand mahto, sthaniya

2nd byte:-raj maheshvarm,sdm



Conclusion:जरेडा के तहत सर्वे को लेकर लोगों के अंदर यह आशंका बनी हुई है कि सर्वे के बाद बिना उचित मुआवजा दिए ही उन्हें अन्यत्र स्थान पर शिफ्ट कर दिया जाएगा।वैसे लोगों को विश्वास दिलाने में प्रशासन के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नही है।
Last Updated : Aug 18, 2019, 11:11 AM IST
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