धनबाद: पेट्रोल डीजल के दामों की बढ़ोतरी ने पूरे देश में हलचल पैदा कर दी है. लगातार विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार से पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी की मांग कर रही थी. जिसे केंद्र सरकार ने पूरा भी कर दिया है. अब भाजपा ही विपक्षी पार्टियों पर हावी हो गयी है और सभी विपक्षी राज्य सरकारों से पेट्रोल और डीजल पर वैट घटाने की मांग कर रही है. लेकिन अब तक झारखंड में ऐसा नहीं हो सका है.
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Jharkhand Petroleum Dealers Association के अध्यक्ष ने भी वैट घटाने की सरकार से मांग की है. उन्होंने यहां तक कहा है कि वैट घटाने से सरकार को राजस्व का फायदा होगा, अगर ऐसा नहीं होता है तो सरकार दूसरे ही दिन सरकार उन्हें गोली मार दे. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो 21 दिसंबर को 1 दिन की हड़ताल भी पेट्रोल पंपों पर की जाएगी. आगे उन्होंने कहा कि वह एक पेट्रोलियम व्यवसायी हैं और पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश भी अध्यक्ष हैं, वो कभी अपने ही व्यवसाय का बुरा नहीं चाहेंगे. सरकार को हमारी मांगों पर एक बार जरूर विचार करनी चाहिए. यह सरकार, आम जनता और पेट्रोलियम व्यापारी सभी के हित में है.
देश के कई हिस्सों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये से अधिक होने के बाद लगातार विपक्षी पार्टियां हमलावर हो गयी थीं. इसको लेकर केंद्र सरकार से लगातार पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी की मांग कर रही थी. इसी बीच उपचुनाव के भी नतीजे घोषित हो गए जिसमें भाजपा को हार भी मिली. आने वाले दिनों में 5 राज्यों में चुनाव भी होने हैं, इन सभी को देखते हुए केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 5 डीजल 10 रुपए एक्साइज ड्यूटी में कटौती की है. जिसके बाद भाजपा ही विपक्षी पार्टियों पर हमलावर दिख रही है. केंद्र सरकार की कमी के बाद विपक्षी पार्टियों की जितनी भी राज्यों में सरकार है, वहां पर पेट्रोल डीजल के दामों में कमी की मांग की जाने लगी. क्योंकि भाजपा शासित प्रदेशों ने केंद्र सरकार के बाद पहले ही कर दी है.
लगभग सभी राज्यों में चाहे वह भाजपा शासित राज्य हो या कांग्रेस शासित राज्य या अन्य जैसे पंजाब, राजस्थान, ओड़िशा अन्य राज्यों ने अपने यहां वैट में कमी की है और आम लोगों को राहत दी है. लेकिन आज तक झारखंड में वैट में कमी नहीं की गयी है, यहां अभी-भी लगभग 100 रुपये के करीब पेट्रोल मिल रहा है. जिसको लेकर अब भाजपा के साथ-साथ सरकार में शामिल दल के नेता भी सरकार के खिलाफ मुखर होने लगे हैं.
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झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता अशोक सिंह ने कहा है कि झारखंड में वैट में कमी नहीं किए जाने के कारण यहां की जनता के साथ-साथ पेट्रोलियम व्यवसायियों को भी बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के संगठन के लोग इसके पक्ष में हैं. लेकिन सरकार में बैठे बाबू सरकार को यह करने से मना कर रहे हैं जबकि वैट घटाने से सरकार को राजस्व में फायदा ही होगा.
झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड में अगर वैट घटा दिया जाता है तो लगभग 42 करोड़ का महीने का नुकसान सरकार को होगा. लेकिन इस नुकसान की भरपाई एक ही दिन में पूरा हो जाएगा. पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में झारखंड से सस्ते दाम में डीजल मिल रहा है. जिस कारण झारखंड में कार्यरत जितने भी बड़े ग्राहक हैं वो उत्तर प्रदेश से डीजल ला रहे हैं. वहां से ट्रांसपोर्टिंग खर्च के बाद भी उन्हें डीजल सस्ता मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि BCCL, CCL, TATA, SAIL जैसी आउटसोर्सिंग कंपनियां, बड़े-बड़े उद्योग धंधे वाले, सड़क निर्माण में लगी कंपनियां सभी फिलहाल झारखंड के बाहर से ही डीजल खरीद रही हैं. अगर झारखंड में वैट घटा दिया जाए तो यहां भी डीजल सस्ता हो जाएगा और यह कंपनियां झारखंड में ही डीजल की खरीदारी करेंगी. जिससे एक ही दिन में सरकार को जो नुकसान दिख रहा है उसकी भरपाई हो जाएगी. उन्होंने कहा कि यह एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते कह रहा हूं और इसके लिए सरकार को एक कमिटी भी निर्धारित करने के लिए कहा है. यह बिल्कुल सही बात है अगर यह गलत साबित होती है तो सरकार बेशक मुझे गोली मार दे.
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शुक्रवार को पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की एक अहम बैठक रांची में मंत्री के साथ हुई है. जिसमें प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह ने सरकार से एक कमिटी बनाने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि सरकार में शामिल जितने भी बाबू हैं, वह सरकार को कैसे और क्या समझा रहे हैं यह समझ में नहीं आ रहा. उन्होंने कहा कि वैट में कमी नहीं किए जाने से सरकार, आम जनता और पेट्रोलियम व्यवसायी सभी को नुकसान हो रहा है. अगर सरकार हमारी बातें नहीं मानती है तो आगामी 21 दिसंबर को एकदिवसीय हड़ताल की जाएगी. झारखंड के जितने भी पेट्रोल पंप हैं सभी 21 दिसंबर को बंद रहेंगे, उसके बाद फिर आगे की रणनीति बनाई जाएगी.