धनबाद: झारखंड में 8 से 10 हजार झारखंड आंदोलनकारियों 3 महीने से पेंशन नहीं मिल रहा है. ये आंदोलनकारी जगत महतो के नेतृत्व में धनबाद उपायुक्त से न्याय की गुहार लगाने पहुंचे. लेकिन उनकी उपायुक्त से मुलाकात नहीं हो सकी. मीडिया से अपील करते हुए उन्होंने झारखंड सरकार से स्थापना दिवस से पहले पेंशन भुगतान करने की मांग की है.
बीते 3 महीने से झारखंड आंदोलनकारी को झारखंड सरकार की ओर से जो पेंशन दिया जा रहा था वह बंद है. इसी 3 महीने के दौरान दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार भी थे. ऐसे में त्यौहारों में पेंशन धारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इसी को लेकर जगत महतो के नेतृत्व में पेंशन धारियों का एक प्रतिनिधि मंडल धनबाद उपायुक्त से मिलने पहुंचा. हालांकि धनबाद उपायुक्त संदीप सिंह से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी. जगत महतो ने मीडिया के माध्यम से झारखंड सरकार से कहा कि 3 महीने से पेंशन नहीं मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति गंभीर हो गई है. सरकार इसे ध्यान में रखते हुए स्थापना दिवस से पूर्व उनका पेंशन भुगतान करे.
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जगत महतो ने कहा की जिला प्रशासन ने फिर से झारखंड आंदोलनकारियों के कागजात की मांग की है, लेकिन बहुत ऐसे आंदोलनकारी हैं जिन्होंने अपने पेपर पहले में ही जमा करा दिए हैं. जिला प्रशासन के कागजात मांगने पर आंदोलनकारी चास मंडल कारा भी पहुंचे थे, लेकिन मंडल कारा अधीक्षक ने मिलने से ही मना कर दिया गया. उन्होंने झारखंड सरकार से कारा अधीक्षक पर भी कार्रवाई की मांग की है. महतो ने कहा कि सभी आंदोलनकारी अपने कागजात पहले ही जमा कर चुके हैं. आंदोलनकारियों को इस तरह से परेशान ना किया जाय. उन्होंने कहा कि अभी वर्तमान में तीन कैटेगरी में पेंशनधारियों को पेंशन दिया जा रहा है इन केटेगरियों को खत्म कर एक ही कैटेगरी बनाया जाए और सभी को समान रूप से पेंशन दिया जाए.
झारखंड आंदोलनकारियों का कहना है कि पूरे झारखंड में लगभग 52000 से अधिक पेंशनधारियों के कागजात जमा करवाया गया था जिसे निलंबित कर दिया गया है. सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में 8 से 10 हजार झारखंड आंदोलनकारी हैं और धनबाद में लगभग 500 पेंशनधारी हैं जो पेंशन भुगतान नहीं होने से भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं.