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अब कोरोना से लड़ेगा 'पॉलीमेरिक सुपर हाइड्रोफोबिक कोटिंग', हर कपड़ा बनेगा पीपीई किट

पीपीई किट आपको वायरस से बचाती है, लेकिन यह किट हर किसी के लिए उपलब्ध कराना संभव नहीं है. परंतु अब इस समस्या का भी समाधान होने जा रहा है, क्योंकि धनबाद के आईआईटी-आइएसएम के वैज्ञानिकों ने नैनो टेक्नोलॉजी के सहारे पॉलीमेरिक सुपर हाइड्रोफोबिक कोटिंग तैयार की है, जिससे कोरोना वायरस जैसे सूक्ष्मजीव नष्ट हो जायेंगे. पढ़िए पूरी रिपोर्ट.

ISM Dhanbad made polymeric super hydrophobic coatin
अब कोरोना से लड़ेगा 'पॉलीमेरिक सुपर हाइड्रोफोबिक कोटिंग
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Published : Jun 11, 2020, 10:38 PM IST

धनबाद: इस समय पूरा विश्व कोरोनावायरस की चपेट में है. भारत में भी लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है. मरीजों का आंकड़ा कहां तक जाएगा यह अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है, क्योंकि भारत में दूसरे देशों की तरह समुचित व्यवस्था नहीं है. कोरोना वायरस ने संपूर्ण मानव जाति को झकझोर कर रख दिया है सभी लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगातार कोरोना वारियर्स अपनी सेवा दे रहे हैं. खासकर डॉक्टर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं. जिस कारण उन्हें अपनी सुरक्षा का भी ध्यान रखना पड़ता है. जिसके लिए वह तमाम तरह के सुरक्षा किट पहनकर मरीजों के पास जाते हैं. जिनमें पीपीई किट का अहम योगदान रहता है. हालांकि अभी जो भी पीपीई किट है. वह एक बार ही इस्तेमाल होता है. इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए देश के जाने-माने संस्थान आईआईटी-आईएसएम के प्रोफेसर आदित्य कुमार ने नैनो टेक्नोलॉजी के सहारे एक ऐसा ड्रेस कोटिंग तैयार किया है जिसे पहनकर डॉक्टर या कोई भी कोरोना वारियर्स मरीजों के पास जा सकते हैं.

अंतिम दौर में रिसर्च

इस ड्रेस को पहने के बाद उन्हें बार-बार किट बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्योंकि इस ड्रेस के ऊपर सुपरहाइड्रोफोबिक कोटिंग किया जाएगा. जिस के संपर्क में आते ही कोरोना वायरस खुद-ब-खुद नष्ट हो जाएगा. आईआईटी-आईएसएम संस्थान के प्रोफेसर आदित्य कुमार ने बताया कि जिस समय चीन में इस वायरस की शुरुआत हुई थी, उसी समय से इस पर अध्ययन किया जा रहा है. यह रिसर्च अब अंतिम दौर तक पहुंच चुका है. प्रयास किया जा रहा है कि यह आम लोग तक भी पहुंच सके.

ISM Dhanbad made polymeric super hydrophobic coatin
हाइड्रोफोबिक कोटिंग पर पानी डालकर परिक्षण करते प्रो. आदित्य कुमार

आपको बता दें कि कोरोना वायरस कपड़ा, प्लास्टिक और मेटल सहित कई अन्य चीजों की सरफेस पर जीवित रहता है. मरीजों के इलाज कर रहे चिकित्सक हर रोज कई मरीजों के संपर्क में आते हैं. ऐसे में चिकित्सकों को पर्सनल प्रोटेक्टिव केयर इक्विपमेंट यानी कि पीपीई किट पहनना पड़ता है. डॉक्टर के अलावा और भी कई तरह के लोग हैं जिन्हें इस किट की जरूरत पड़ती है. संसाधनों की कमी के कारण सभी के लिए किट पहन पाना संभव नहीं हो पाता है, जिस कारण भय का वातावरण बना रहता है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन ने कबाड़ी वालों की जिंदगी को भी बना दिया 'कबाड़', जिला प्रशासन से लगा रहे गुहा

इन्हीं सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आईआईटी-आईएसएम धनबाद ऐसे पोलिमेरिक सुपरहाइड्रोफोबिक कोटिंग तैयार करने में जुट गया है. जिसे कपड़ों के ऊपर कोटिंग किया जा सकता है और इसके संपर्क में आते ही कोरोना वायरस नष्ट हो जाएगा और इसे आप हमेशा इस्तेमाल कर सकते हैं. जिससे पीपीई किट की कमी की समस्या भी कम होगी.

ISM Dhanbad made polymeric super hydrophobic coatin
अपने लैब में ISM के प्रो. आदित्य कुमार

संस्थान के प्रोफेसर आदित्य कुमार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि यह कोटिंग एक तरह की परत होती है. पॉलीमरीक कोटिंग इंफ्लूजा एचआईवी वायरस को रोकने में कारगर होती है. जिसका शोध सफलतापूर्वक किया जा चुका है और इस प्रोजेक्ट के माध्यम से किसी भी कपड़े में कोटिंग कर कोरोना वायरस को नष्ट किया जा सकता है. इसका रिसर्च अंतिम दौर तक पहुंच चुका है. उसके बाद किसी कपड़े की कंपनी से बात किया जाएगा और फिर बहुत ही जल्द यह लोंगो के बीच उपलब्ध होगा.

धनबाद: इस समय पूरा विश्व कोरोनावायरस की चपेट में है. भारत में भी लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है. मरीजों का आंकड़ा कहां तक जाएगा यह अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है, क्योंकि भारत में दूसरे देशों की तरह समुचित व्यवस्था नहीं है. कोरोना वायरस ने संपूर्ण मानव जाति को झकझोर कर रख दिया है सभी लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगातार कोरोना वारियर्स अपनी सेवा दे रहे हैं. खासकर डॉक्टर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं. जिस कारण उन्हें अपनी सुरक्षा का भी ध्यान रखना पड़ता है. जिसके लिए वह तमाम तरह के सुरक्षा किट पहनकर मरीजों के पास जाते हैं. जिनमें पीपीई किट का अहम योगदान रहता है. हालांकि अभी जो भी पीपीई किट है. वह एक बार ही इस्तेमाल होता है. इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए देश के जाने-माने संस्थान आईआईटी-आईएसएम के प्रोफेसर आदित्य कुमार ने नैनो टेक्नोलॉजी के सहारे एक ऐसा ड्रेस कोटिंग तैयार किया है जिसे पहनकर डॉक्टर या कोई भी कोरोना वारियर्स मरीजों के पास जा सकते हैं.

अंतिम दौर में रिसर्च

इस ड्रेस को पहने के बाद उन्हें बार-बार किट बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्योंकि इस ड्रेस के ऊपर सुपरहाइड्रोफोबिक कोटिंग किया जाएगा. जिस के संपर्क में आते ही कोरोना वायरस खुद-ब-खुद नष्ट हो जाएगा. आईआईटी-आईएसएम संस्थान के प्रोफेसर आदित्य कुमार ने बताया कि जिस समय चीन में इस वायरस की शुरुआत हुई थी, उसी समय से इस पर अध्ययन किया जा रहा है. यह रिसर्च अब अंतिम दौर तक पहुंच चुका है. प्रयास किया जा रहा है कि यह आम लोग तक भी पहुंच सके.

ISM Dhanbad made polymeric super hydrophobic coatin
हाइड्रोफोबिक कोटिंग पर पानी डालकर परिक्षण करते प्रो. आदित्य कुमार

आपको बता दें कि कोरोना वायरस कपड़ा, प्लास्टिक और मेटल सहित कई अन्य चीजों की सरफेस पर जीवित रहता है. मरीजों के इलाज कर रहे चिकित्सक हर रोज कई मरीजों के संपर्क में आते हैं. ऐसे में चिकित्सकों को पर्सनल प्रोटेक्टिव केयर इक्विपमेंट यानी कि पीपीई किट पहनना पड़ता है. डॉक्टर के अलावा और भी कई तरह के लोग हैं जिन्हें इस किट की जरूरत पड़ती है. संसाधनों की कमी के कारण सभी के लिए किट पहन पाना संभव नहीं हो पाता है, जिस कारण भय का वातावरण बना रहता है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन ने कबाड़ी वालों की जिंदगी को भी बना दिया 'कबाड़', जिला प्रशासन से लगा रहे गुहा

इन्हीं सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आईआईटी-आईएसएम धनबाद ऐसे पोलिमेरिक सुपरहाइड्रोफोबिक कोटिंग तैयार करने में जुट गया है. जिसे कपड़ों के ऊपर कोटिंग किया जा सकता है और इसके संपर्क में आते ही कोरोना वायरस नष्ट हो जाएगा और इसे आप हमेशा इस्तेमाल कर सकते हैं. जिससे पीपीई किट की कमी की समस्या भी कम होगी.

ISM Dhanbad made polymeric super hydrophobic coatin
अपने लैब में ISM के प्रो. आदित्य कुमार

संस्थान के प्रोफेसर आदित्य कुमार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि यह कोटिंग एक तरह की परत होती है. पॉलीमरीक कोटिंग इंफ्लूजा एचआईवी वायरस को रोकने में कारगर होती है. जिसका शोध सफलतापूर्वक किया जा चुका है और इस प्रोजेक्ट के माध्यम से किसी भी कपड़े में कोटिंग कर कोरोना वायरस को नष्ट किया जा सकता है. इसका रिसर्च अंतिम दौर तक पहुंच चुका है. उसके बाद किसी कपड़े की कंपनी से बात किया जाएगा और फिर बहुत ही जल्द यह लोंगो के बीच उपलब्ध होगा.

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