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चार साल पहले अग्रवाल बंधु धनबाद से रांची हुए थे शिफ्ट, ससुर बोले- जल्द हो आरोपी की गिरफ्तारी

महेंद्र और हेमंत अग्रवाल चार साल पहले धनबाद छोड़कर रांची शिफ्ट हुए थे. लालपुर में रहकर दोनों कारगो कूरियर के धंधे से जुड़े थे. उनके हत्या की खबर लगने के बाद जिले के शास्त्रीनगर स्थित उनके आवास पर मातम का माहौल है.

दुख जताते परिजन.
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Published : Mar 7, 2019, 7:54 PM IST


धनबाद: महेंद्र और हेमंत अग्रवाल चार साल पहले धनबाद छोड़कर रांची शिफ्ट हुए थे. लालपुर में रहकर दोनों कारगो कूरियर के धंधे से जुड़े थे. उनके हत्या की खबर लगने के बाद जिले के शास्त्रीनगर स्थित उनके आवास पर मातम का माहौल है.

महेंद्र अग्रवाल और हेमंत अग्रवाल की जन्मभूमि झरिया है. झरिया के पोद्दारपाड़ा में रहकर राजकमल सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में पढ़ाई करने के बाद आरएसपी कॉलेज में पूरी शिक्षा हासिल की. शेखर अग्रवाल हेमंत और महेंद्र के बड़े भाई हैं, इनके पिता ओमप्रकाश अग्रवाल कोयला व्यवसायी परमेश्वर अग्रवाल के यहां काम करते थे. झरिया छोड़कर तीनों भाई दस साल पहले शास्त्रीनगर स्थित बालाजी इंक्लेव में रह रहे थे.

दुख जताते परिजन.

रांची शिफ्ट करने के बाद बीच-बीच में ये धनबाद अपने परिवार से मिलने आया करते थे. महेंद्र की पत्नी का नाम बरखा अग्रवाल है. महेंद्र के ससुर हजारीमल ने पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने बताया कि हेमंत और महेंद्र बुधवार की शाम 3 बजे स्कूटी से घर से निकले थे. रात 11 बजे के आसपास उनकी मिसिंग कंप्लेन स्थानीय थाने में दर्ज करायी गयी थी.
उन्होंने कहा कि गुरुवार को दस बजे अशोक नगर इलाके में उनकी स्कूटी कंबल से ढकी हुई पायी गई. शाम के छह बजे से दोनों का मोबाइल स्विच ऑफ था. हेमंत की पत्नी एव उसके दोस्तों द्वारा लगातार मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया. लेकिन उन्हें कामयाबी हाथ नहीं लगी.

हैरान परेशान होकर रात के 11 बजे थाने में मिसिंग कंप्लेन दर्ज कराई गई. परिजनों ने रातभर दोनों के मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की. आखिरकार सुबह तीन बजे मोबाइल की घंटी बजी और मोबाइल रिसीव हुआ, लेकिन बात नहीं हो सकी. सुबह परिजनों ने थाना में मोबाइल संबंधित सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर उनके शव को बरामद किया है.

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धनबाद: महेंद्र और हेमंत अग्रवाल चार साल पहले धनबाद छोड़कर रांची शिफ्ट हुए थे. लालपुर में रहकर दोनों कारगो कूरियर के धंधे से जुड़े थे. उनके हत्या की खबर लगने के बाद जिले के शास्त्रीनगर स्थित उनके आवास पर मातम का माहौल है.

महेंद्र अग्रवाल और हेमंत अग्रवाल की जन्मभूमि झरिया है. झरिया के पोद्दारपाड़ा में रहकर राजकमल सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में पढ़ाई करने के बाद आरएसपी कॉलेज में पूरी शिक्षा हासिल की. शेखर अग्रवाल हेमंत और महेंद्र के बड़े भाई हैं, इनके पिता ओमप्रकाश अग्रवाल कोयला व्यवसायी परमेश्वर अग्रवाल के यहां काम करते थे. झरिया छोड़कर तीनों भाई दस साल पहले शास्त्रीनगर स्थित बालाजी इंक्लेव में रह रहे थे.

दुख जताते परिजन.

रांची शिफ्ट करने के बाद बीच-बीच में ये धनबाद अपने परिवार से मिलने आया करते थे. महेंद्र की पत्नी का नाम बरखा अग्रवाल है. महेंद्र के ससुर हजारीमल ने पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने बताया कि हेमंत और महेंद्र बुधवार की शाम 3 बजे स्कूटी से घर से निकले थे. रात 11 बजे के आसपास उनकी मिसिंग कंप्लेन स्थानीय थाने में दर्ज करायी गयी थी.
उन्होंने कहा कि गुरुवार को दस बजे अशोक नगर इलाके में उनकी स्कूटी कंबल से ढकी हुई पायी गई. शाम के छह बजे से दोनों का मोबाइल स्विच ऑफ था. हेमंत की पत्नी एव उसके दोस्तों द्वारा लगातार मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया. लेकिन उन्हें कामयाबी हाथ नहीं लगी.

हैरान परेशान होकर रात के 11 बजे थाने में मिसिंग कंप्लेन दर्ज कराई गई. परिजनों ने रातभर दोनों के मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की. आखिरकार सुबह तीन बजे मोबाइल की घंटी बजी और मोबाइल रिसीव हुआ, लेकिन बात नहीं हो सकी. सुबह परिजनों ने थाना में मोबाइल संबंधित सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर उनके शव को बरामद किया है.

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Intro:धनबाद।महेन्द्र और हेमंत अग्रवाल चार साल पहले ही धनबाद छोड़ रांची में शिफ़्ट हुए थे।लालपुर रहकर दोनों कारगो कूरियर के धंधे से जुड़े थे।उनके हत्या की खबर लगने के बाद जिले के शास्त्रीनगर स्थित उनके आवास पर मातम का माहौल है।


Body:महेंद्र अग्रवाल और हेमंत अग्रवाल की जन्मभूमि झरिया है।झरिया के पोद्दारपाड़ा में रहकर राजकमल सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में पढाई करने के बाद आरएसपी कॉलेज पूरी शिक्षा हासिल की है।शेखर अग्रवाल हेमंत और महेंद्र के बड़े भाई हैं।इनके पिता ओमप्रकाश अग्रवाल कोयला व्यवसायी परमेश्वर अग्रवाल के यहां काम करते थे।झरिया छोड़कर तीनो भाई दस साल पहले शास्त्रीनगर स्थित बालाजी इन्क्लेव में रह रहे थे।चार साल पहले महेंद्र और हेमंत कारगो कूरियर के धंधे से जुड़े और रांची के लालपुर शिफ्ट हो गए।बीच बीच मे ये धनबाद अपने परिवार से मिलने आया करते थे।महेन्द्र की पत्नी का नाम बरखा अग्रवाल है।महेंद्र के ससुर हजारीमल ने पूरे मामले की जांच कर दोषियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।उन्होंने बताया कि हेमंत और महेंद्र बुधवार की शाम 3 बजे स्कूटी से घर से निकले थे।रात 11 बजे के आसपास उनकी मिसिंग कंप्लेन स्थानीय थाने में दर्ज करायी गयी थी।आज दस बजे अशोक नगर इलाके में उनकी स्कुटी कंबल से ढकी हुई पायी गई।शाम के छह बजे से दोनों का मोबाइल स्विच ऑफ था।हेमंत की पत्नी एव उसके दोस्तों द्वारा लगातार मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया।लेकिन उन्हें कामयाबी हांथ नही लगी।अंततः रात के 11 बजे थाने में मिसिंग कंप्लेन दर्ज कराई गई।परिजन रातभर दोनों के मोबाइल पर सम्पर्क करने की कोशिश की।अन्ततः सुबह तीन बजे मोबाइल की घण्टी बजी और मोबाइल रिसीव हुआ,लेकिन बात नही हो सकी।सुबह परिजनों ने थाना में मोबाइल संबंधित सूचना पुलिस को दी।पुलिस ने मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर उनके शव को बरामद किया है।


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