ETV Bharat / city

धनबादः सावन के पहले सोमवारी पर कोरोना का ग्रहण, भक्तों में दिखी निराशा - धनबाद में सावन की पूजा

सावन माह में सोमवारी का विशेष महत्व है. सोमवार के दिन शिव मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ती है. कोरोना कहर के कारण इस बार ऐसा कुछ नहीं दिखा. लोग बहुत ही कम संख्या में मंदिरों तक पहुंचे.

Disappointment among people of Dhanbad
सावन की पहली सोमवारी पर कोरोना का ग्रहण
author img

By

Published : Jul 6, 2020, 3:48 PM IST

धनबाद: वैश्विक महामारी कोविड-19 में मंदिर बंद किये जाने के आदेश के बाद मंदिरों के कपाट भी पूरी तरह से बंद रहे. वहीं सावन माह के पहले सोमवारी और बाबा भोले नाथ के प्रति आस्था के चलते श्रद्धालुओं को मंदिर जाने पर मजबूर कर दिया. मंदिर बंद होने के कारण श्रद्धालु मंदिर के बाहर बने गेट पर ही जल अर्पण कर घर वापस लौटे. कहीं-कहीं मंदिरों में भी लोग पूजा करते नजर आए.

देखें पूरी खबर

सावन को भगवान भोलेनाथ का महीना कहा जाता है. इसमें एक-एक दिन की महत्ता होती है, लेकिन सावन के सोमवारी का विशेष महत्व है. इस कारण सोमवार के दिन शिव मंदिरों में गजब की भीड़ उमड़ती है. कोरोना कहर के कारण इस बार ऐसा कुछ नहीं दिखा. लोग बहुत ही कम संख्या में मंदिरों तक पहुंचे, जो लोग मंदिरों तक पहुंच गए, वह भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर जल्दी-जल्दी पूजा कर अपने घर लौट गए. पूजा के दौरान श्रद्धालुओं में भय का माहौल देखा गया. धनबाद के बलियापुर के अलकडीहा में स्थित बाबा भोले नाथ की मंदिर की महिमा भी अरंपार है.

ये भी पढ़ें- अखिलेश ने घर को बनाया नर्सरी, 8000 दुर्लभ प्रजाति के पेड़-पौधों का करते हैं संरक्षण

मान्यता है कि यहां रहने वाले गांव के एक श्रद्धालु को भगवान शिव ने दर्शन देकर इस जगह पर शिवलिंग होने की बात कही थी. उसके बाद खुदाई करने पर शिवलिंग मिले थे. शिवलिंग मिलने के बाद यहां मंदिर का निर्माण किया गया. इस मंदिर में दामोदर नदी से जल लाकर सावन के महीने में श्रद्धालु चढ़ाते हैं, लेकिन इस बार भक्तों में उत्साह कम दिखा. कोयलांचल के विभिन्न इलाकों में पहली सोमवारी के दिन आज मंदिरों में भक्त जरूर दिखें, लेकिन उत्साह कम था.

धनबाद: वैश्विक महामारी कोविड-19 में मंदिर बंद किये जाने के आदेश के बाद मंदिरों के कपाट भी पूरी तरह से बंद रहे. वहीं सावन माह के पहले सोमवारी और बाबा भोले नाथ के प्रति आस्था के चलते श्रद्धालुओं को मंदिर जाने पर मजबूर कर दिया. मंदिर बंद होने के कारण श्रद्धालु मंदिर के बाहर बने गेट पर ही जल अर्पण कर घर वापस लौटे. कहीं-कहीं मंदिरों में भी लोग पूजा करते नजर आए.

देखें पूरी खबर

सावन को भगवान भोलेनाथ का महीना कहा जाता है. इसमें एक-एक दिन की महत्ता होती है, लेकिन सावन के सोमवारी का विशेष महत्व है. इस कारण सोमवार के दिन शिव मंदिरों में गजब की भीड़ उमड़ती है. कोरोना कहर के कारण इस बार ऐसा कुछ नहीं दिखा. लोग बहुत ही कम संख्या में मंदिरों तक पहुंचे, जो लोग मंदिरों तक पहुंच गए, वह भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर जल्दी-जल्दी पूजा कर अपने घर लौट गए. पूजा के दौरान श्रद्धालुओं में भय का माहौल देखा गया. धनबाद के बलियापुर के अलकडीहा में स्थित बाबा भोले नाथ की मंदिर की महिमा भी अरंपार है.

ये भी पढ़ें- अखिलेश ने घर को बनाया नर्सरी, 8000 दुर्लभ प्रजाति के पेड़-पौधों का करते हैं संरक्षण

मान्यता है कि यहां रहने वाले गांव के एक श्रद्धालु को भगवान शिव ने दर्शन देकर इस जगह पर शिवलिंग होने की बात कही थी. उसके बाद खुदाई करने पर शिवलिंग मिले थे. शिवलिंग मिलने के बाद यहां मंदिर का निर्माण किया गया. इस मंदिर में दामोदर नदी से जल लाकर सावन के महीने में श्रद्धालु चढ़ाते हैं, लेकिन इस बार भक्तों में उत्साह कम दिखा. कोयलांचल के विभिन्न इलाकों में पहली सोमवारी के दिन आज मंदिरों में भक्त जरूर दिखें, लेकिन उत्साह कम था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.