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IIT आईएसएम के स्टूडेंट्स की पहल, पैड स्टूडेंट बनकर पीरियड को लेकर चला रहे जागरूकता अभियान - पीरियडस को लेकर जागरुकता

धनबाद में पैड स्टूडेंट के रूप में आईआईटी, आईएसएम के कुछ छात्र और छात्राओं ने पीरियड्स को लेकर जागरुकता अभियान चलाया है. इस दौरान उन्होंने स्कूली छात्राओं को इस बारे में शर्माना छोड़कर खुलकर बात करने की सलाह दी और उनके बीच सेनेटरी पैड बांटे.

IIT students awareness
स्टूडेंड बने पैडमैन
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Published : Jan 7, 2020, 9:49 PM IST

धनबादः आईआईटी, आईएसएम में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स सिर्फ डिग्रियां हासिल नहीं करते बल्कि समाज को स्वच्छता के प्रति एक नई दिशा देने का काम कर रहे हैं. करीब 25 ऐसे छात्र हैं, जो अपनी पढ़ाई के साथ-साथ किशोरियों को पीरियड के दौरान स्वच्छता का खास ख्याल रखने के लिए जागरूक कर रहें हैं. किशोरियों को जानकारी देने के लिए सबसे अच्छी और उपयुक्त जगह इन्होंने स्कूल को चुना है.

देखें स्पेशल स्टोरी

छोटे-छोटे कस्बों में भी जाकर वहां की महिलाओं और किशोरियों को पीरियड्स के बारे में जानकारी देते हैं. स्कूलों में पढ़ने वाली किशोरियों को ये कई तरह की जानकारी देते हैं. स्कूलों में सेनेटरी पैड का वितरण भी ये छात्र निःशुल्क कर रहे. किशोरियां भी सेनेटरी पैड पाकर काफी खुश नजर आती हैं.

सेनेटरी डोनेशन स्पेशल ड्राइव
वहीं, आईएसएम की पीएचडी स्कॉलर शालिनी बताती है कि सबसे पहले हमने सेनेटरी डोनेशन स्पेशल ड्राइव चलाया. उसके बाद हमने इस कार्यक्रम की शुरुआत की. पीरियड्स के दौरान शरीर पर किस तरह के प्रभाव पड़ते हैं. कैसे उन्हें अपने आप को स्वच्छ रखकर बीमारियों से ग्रसित होने से बचना है. ऐसे कई सारी बातों की जानकारी हम बच्चियों को देते हैं. उन्होंने कहा कि किशोरियां भी मुझे अपनी पीरियड्स की समस्या खुलकर बताती हैं.

ये भी पढ़ें- बहु ने ससुर पर लगाया यौन शोषण का आरोप, पीड़िता ने लगाई न्याय की गुहार

दिक्कतों की चर्चा खुलकर करें लड़कियां
वहीं सोनल कहती है कि हमें पीरियड्स के दौरान कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. घर पर भी पीरियड्स की चर्चा नहीं कर पाते थे, इसलिए हमने लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का तय किया. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी लड़कियां पीरियड्स के दौरान होने वाली दिक्कतों की चर्चा खुलकर करें, ताकि उसका समाधान आसानी से निकल सके.

लड़कियों में कम हुआ संकोच
वहीं, आईएसएम स्टूडेंट्स के इस जागरूकता कार्यक्रम पर बच्चियां कहती हैं कि पीरियड्स को लेकर लोगों के गंदे विचार हैं. जिसमें सुधार लाने की अच्छी पहल आईएसएम के स्टूडेंट्स की ओर से की जा रही है. इनकी जागरूकता के कारण लड़कियों में शर्माहट और संकोच कम हुआ है. बच्चियों ने कहा कि इस कार्यक्रम से सभी को काफी फायदा मिलेगा. पूरे देश में इस तरह का अभियान चलाया जाना चाहिए.

इनसे सीख लेने की जरूरत
बहरहाल, जिस तरह आईआईटी आइएसएम के स्टूडेंट्स अपनी जिम्मेदारी उठा रहे हैं. अन्य संस्थानों के स्टूडेंट्स को भी इनसे सीख लेकर और समाज हित में अलग हटकर कुछ करने की जरूरत है. तभी विश्व के अग्रणी देशों में भारत का नाम शुमार हो सकेगा.

धनबादः आईआईटी, आईएसएम में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स सिर्फ डिग्रियां हासिल नहीं करते बल्कि समाज को स्वच्छता के प्रति एक नई दिशा देने का काम कर रहे हैं. करीब 25 ऐसे छात्र हैं, जो अपनी पढ़ाई के साथ-साथ किशोरियों को पीरियड के दौरान स्वच्छता का खास ख्याल रखने के लिए जागरूक कर रहें हैं. किशोरियों को जानकारी देने के लिए सबसे अच्छी और उपयुक्त जगह इन्होंने स्कूल को चुना है.

देखें स्पेशल स्टोरी

छोटे-छोटे कस्बों में भी जाकर वहां की महिलाओं और किशोरियों को पीरियड्स के बारे में जानकारी देते हैं. स्कूलों में पढ़ने वाली किशोरियों को ये कई तरह की जानकारी देते हैं. स्कूलों में सेनेटरी पैड का वितरण भी ये छात्र निःशुल्क कर रहे. किशोरियां भी सेनेटरी पैड पाकर काफी खुश नजर आती हैं.

सेनेटरी डोनेशन स्पेशल ड्राइव
वहीं, आईएसएम की पीएचडी स्कॉलर शालिनी बताती है कि सबसे पहले हमने सेनेटरी डोनेशन स्पेशल ड्राइव चलाया. उसके बाद हमने इस कार्यक्रम की शुरुआत की. पीरियड्स के दौरान शरीर पर किस तरह के प्रभाव पड़ते हैं. कैसे उन्हें अपने आप को स्वच्छ रखकर बीमारियों से ग्रसित होने से बचना है. ऐसे कई सारी बातों की जानकारी हम बच्चियों को देते हैं. उन्होंने कहा कि किशोरियां भी मुझे अपनी पीरियड्स की समस्या खुलकर बताती हैं.

ये भी पढ़ें- बहु ने ससुर पर लगाया यौन शोषण का आरोप, पीड़िता ने लगाई न्याय की गुहार

दिक्कतों की चर्चा खुलकर करें लड़कियां
वहीं सोनल कहती है कि हमें पीरियड्स के दौरान कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. घर पर भी पीरियड्स की चर्चा नहीं कर पाते थे, इसलिए हमने लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का तय किया. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी लड़कियां पीरियड्स के दौरान होने वाली दिक्कतों की चर्चा खुलकर करें, ताकि उसका समाधान आसानी से निकल सके.

लड़कियों में कम हुआ संकोच
वहीं, आईएसएम स्टूडेंट्स के इस जागरूकता कार्यक्रम पर बच्चियां कहती हैं कि पीरियड्स को लेकर लोगों के गंदे विचार हैं. जिसमें सुधार लाने की अच्छी पहल आईएसएम के स्टूडेंट्स की ओर से की जा रही है. इनकी जागरूकता के कारण लड़कियों में शर्माहट और संकोच कम हुआ है. बच्चियों ने कहा कि इस कार्यक्रम से सभी को काफी फायदा मिलेगा. पूरे देश में इस तरह का अभियान चलाया जाना चाहिए.

इनसे सीख लेने की जरूरत
बहरहाल, जिस तरह आईआईटी आइएसएम के स्टूडेंट्स अपनी जिम्मेदारी उठा रहे हैं. अन्य संस्थानों के स्टूडेंट्स को भी इनसे सीख लेकर और समाज हित में अलग हटकर कुछ करने की जरूरत है. तभी विश्व के अग्रणी देशों में भारत का नाम शुमार हो सकेगा.

Intro:ANCHOR:- मासिक धर्म कहे या महावारी।इस विषय पर घर परिवार में चर्चा करने पर लोग शुरू से ही एतराज करते नजर आए हैं।नतीजा किशोरियां इस अवस्था मे अपनी बातें खुलकर करने में संकोच करती रही है।इस संकोच को दूर करने का बीड़ा पेड स्टूडेंट्स ने उठाया है...जी हां पैडमैन नही पेड वूमेन नही....बल्कि यह आईआईटी आइएसएम के पेड स्टूडेंट्स हैं जो इस तरह की जागरूकता फैलाने का काम कर रहें हैं।


Body:आईआईटी आईएसएम में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स सिर्फ डिग्रियां हासिल नही करते बल्कि समाज को स्वच्छता के प्रति एक नई दिशा देने का काम कर रहे हैं।शालिनी,सोनल,आकांक्षा और दीपक समेत करीब 25 ऐसे छात्र है।जो अपनी पढ़ाई के साथ किशोरियों को पीरियड के दौरान स्वच्छता का खास ख्याल रखने के लिए जागरूक कर रहें हैं।किशोरियों को जानकारी देने के लिए सबसे अच्छी और उपयुक्त जगह इन्होंने स्कूल को चुना है।हालाकि छोटे छोटे कस्बों में भी जाकर वहां की महिलाओं और किशोरियों को पीरियड्स के बारे में जानकारी देते हैं।स्कूलों में पढ़ने वाले किशोरियों को ये कई तरह की जानकारी देते हैं।स्कूलों में सेनेटरी पेड का वितरण भी इनके द्वारा निःशुल्क किया जाता है।किशोरियां भी सेनेटरी पेड पाकर काफी खुश नजर आती है। आईएएसएम की पीएचडी स्कॉलर शालिनी बताती है कि सबसे पहले हमने सेनेटरी डोनेशन स्पेशल ड्राइव चलाया।उसके बाद हमने इस कार्यक्रम की शुरुआत की। पीरियड्स के दौरान शरीर पर किस तरह के प्रभाव पड़ते हैं।कैसे उन्हें अपने आप को स्वच्छ रखकर बीमारियों से ग्रसित होने से बचना है।ऐसे कई सारी बातों को जानकारी हम बच्चियों को देते हैं।उन्होंने कहा कि किशोरियां भी मुझे अपनी पीरियड्स की समस्या खुलकर बताती है।

BYTE 01:-SHALINI,ISM STUDENT

VO 02:-वहीं सोनल कहती है कि हमे पीरियड्स के दौरान कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता तंग। घर पर भी पीरियड्स की चर्चा नही कर पाते थे।इसलिए हमने लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का तय किया।उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी लड़कियां पीरियड्स के दौरान होने वाली दिक्कतों की चर्चा खुलकर करें।ताकि उसका समाधान आसानी से निकल सके।
BYTE 02:-SONAL,ISM STUDENT

VO 03:-वहीं आईएसएम स्टूडेंट्स के इस जागरूकता कार्यक्रम पर बच्चियां कहती हैं कि पीरियड्स को लेकर लोगों के बहुत ही गन्दे विचार हैं।जिसमे सुधार लाने के बहुत अच्छी पहल आइएसएम के स्टूडेंट्स द्वारा की जा रही है।इनकी जागरूकता के कारण लड़कियों में शर्माहट और संकोच कम हुई है।बच्चियों ने कहा कि इस कार्यक्रम से सभी को काफी फायदा मिलेगा।पूरे देश मे इस तरह का अभियान चलाया जाना चाहिए।

BYTE 04:-ELVIN,CHAATRA
BYTE 05:-YASHIN,CHHATRA
BYTE 06:-TANJILA,CHHTRA


Conclusion:जिस तरह आईआईटी आइएसएम के स्टूडेंट्स अपनी जिम्मेदारी उठा रहें हैं।अन्य संस्थानों के स्टूडेंट्स को भी इनसे सिख लेकर समाज हित मे अलग हटकर कुछ करने की जरूरत है।तभी विश्व के अग्रणी देशों में भारत का नाम शुमार हो सकेगा।

नरेंद्र कुमार, ईटीवी भारत धनबाद
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