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स्वास्थ्य सचिव का धनबाद दौरा, सदर और एसएनएमएमसीएच का किया निरीक्षण, दिए दिशा-निर्देश - धनबाद की खबर

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव केके सोन ने सदर और एसएनएमएमसीएच का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान कई खामियां नजर आईं. जिस पर सचिव ने नाराजगी भी जताई और मिलकर खामियों को दूर करने की बात भी कही.

Health Department Secretary General KK Son visits Dhanbad
स्वास्थ्य सचिव का धनबाद दौरा
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Published : Feb 26, 2021, 8:43 AM IST

धनबाद: स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने सर्वप्रथम सदर अस्पताल और फिर एसएनएमएमसीएच का निरीक्षण किया. इस दौरान कई खामियां भी नजर आई जिस पर उन्होंने नाराजगी जतायी. इसके साथ ही मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कमियां जरूर हैं लेकिन इन्हीं कमियों को मिलकर दूर भी करना है. निरीक्षण के दौरान इमरजेंसी में जर्जर दीवार, उसके ऊपरी तल्ले के निर्माण में विलंब को लेकर विभागीय अभियंता को फटकार भी लगाई गई. इसके अलावा सर्जरी वार्ड और हॉस्टल के किचेन में गंदगी को लेकर भी स्वास्थ्य सचिव ने नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि डॉक्टर की पढ़ाई कर रहे छात्रों का यह किचेन है. इसमें टेबल कुर्सी भी अच्छी होनी चाहिए. जल्द से जल्द उन्होंने टेबल कुर्सी मेज आदि को हटाने का निर्देश दिया.

देखें पूरी खबर

निरीक्षण के दौरान जर्जर क्वार्टर में रह रहे पास आउट छात्रों और स्टाफ को 24 घंटे के अंदर जर्जर बिल्डिंग को खाली करने का आदेश दिया गया. इस जर्जर बिल्डिंग में अवैध तरीके से पास आउट छात्र और अस्पताल स्टाफ रह रहे हैं. बिल्डिंग की स्थिति ऐसी है कि कोई भी घटना कभी भी घट सकती है जिसको देखकर स्वास्थ्य सचिव काफी नाराज दिखे और 24 घंटे के अंदर इन लोगों को वहां से हटाने का आदेश दिया. यह बिल्डिंग हॉस्पिटल की बिल्डिंग है जिसमें पास आउट छात्र और स्टाफ अवैध तरीके से रह रहे हैं.

ये भी पढ़ें-ओडीएफ पलामू की हकीकत: 30% से ज्यादा शौचालय उपयोग में नहीं, हजारों हो गए बेकार

इस दौरान जूनियर चिकित्सकों ने भी सचिव के सामने अपनी मांग रखी. इंटर्न और जूनियर चिकित्सकों से बात कर उनकी समस्याओं को भी स्वास्थ्य सचिव ने सुना. छात्रों ने मानदेय वृद्धि एवं हॉस्टल की बेहतर सुविधा की मांग की. वर्क एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट जारी करने की भी मांग सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों ने किया. उसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने चिकित्सकों एवं कॉलेज अध्यापकों के साथ बैठक की और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया गया.

इस दौरान उन्होंने आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों में बेहतर सुविधा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि अगर एक जगह सभी चीजों का इलाज होगा तो मरीजों को भी इस में आसानी होगी साथ ही साथ आयुष्मान योजना के तहत मिलने वाले पैसे से अस्पताल का विकास होगा.उन्होंने आयुष्मान योजना के तहत अधिक से अधिक कार्य अस्पतालों में करने पर जोर दिया. अस्पतालों में कई विभागों के डॉक्टर नहीं होने के मामले में भी उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द इन सभी चीजों पर सरकार विचार कर रही है और इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे गए लोगों के बारे में उन्होंने बताया कि यह सिर्फ धनबाद की समस्या नहीं बल्कि पूरे राज्य की समस्या है और इस मामले को सरकार गंभीरता से देख रही है और जल्द ही इसका निदान होगा.

निरीक्षण के दौरान धनबाद उपायुक्त, सिविल सर्जन, एसएन एमएमसीएच प्राचार्य, अधीक्षक, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर समेत तमाम विभागीय चिकित्सक मौजूद रहे. कुल मिलाकर स्वास्थ्य सचिव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कमियों को गिनाना नहीं बल्कि एक साथ मिलकर कमियों को दूर करना है. सदर अस्पताल के भी बारे में उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में बेहतर तरीके से चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी ताकि मेडिकल कॉलेज पर भार कम पड़े.

धनबाद: स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने सर्वप्रथम सदर अस्पताल और फिर एसएनएमएमसीएच का निरीक्षण किया. इस दौरान कई खामियां भी नजर आई जिस पर उन्होंने नाराजगी जतायी. इसके साथ ही मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कमियां जरूर हैं लेकिन इन्हीं कमियों को मिलकर दूर भी करना है. निरीक्षण के दौरान इमरजेंसी में जर्जर दीवार, उसके ऊपरी तल्ले के निर्माण में विलंब को लेकर विभागीय अभियंता को फटकार भी लगाई गई. इसके अलावा सर्जरी वार्ड और हॉस्टल के किचेन में गंदगी को लेकर भी स्वास्थ्य सचिव ने नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि डॉक्टर की पढ़ाई कर रहे छात्रों का यह किचेन है. इसमें टेबल कुर्सी भी अच्छी होनी चाहिए. जल्द से जल्द उन्होंने टेबल कुर्सी मेज आदि को हटाने का निर्देश दिया.

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निरीक्षण के दौरान जर्जर क्वार्टर में रह रहे पास आउट छात्रों और स्टाफ को 24 घंटे के अंदर जर्जर बिल्डिंग को खाली करने का आदेश दिया गया. इस जर्जर बिल्डिंग में अवैध तरीके से पास आउट छात्र और अस्पताल स्टाफ रह रहे हैं. बिल्डिंग की स्थिति ऐसी है कि कोई भी घटना कभी भी घट सकती है जिसको देखकर स्वास्थ्य सचिव काफी नाराज दिखे और 24 घंटे के अंदर इन लोगों को वहां से हटाने का आदेश दिया. यह बिल्डिंग हॉस्पिटल की बिल्डिंग है जिसमें पास आउट छात्र और स्टाफ अवैध तरीके से रह रहे हैं.

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इस दौरान जूनियर चिकित्सकों ने भी सचिव के सामने अपनी मांग रखी. इंटर्न और जूनियर चिकित्सकों से बात कर उनकी समस्याओं को भी स्वास्थ्य सचिव ने सुना. छात्रों ने मानदेय वृद्धि एवं हॉस्टल की बेहतर सुविधा की मांग की. वर्क एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट जारी करने की भी मांग सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों ने किया. उसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने चिकित्सकों एवं कॉलेज अध्यापकों के साथ बैठक की और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया गया.

इस दौरान उन्होंने आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों में बेहतर सुविधा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि अगर एक जगह सभी चीजों का इलाज होगा तो मरीजों को भी इस में आसानी होगी साथ ही साथ आयुष्मान योजना के तहत मिलने वाले पैसे से अस्पताल का विकास होगा.उन्होंने आयुष्मान योजना के तहत अधिक से अधिक कार्य अस्पतालों में करने पर जोर दिया. अस्पतालों में कई विभागों के डॉक्टर नहीं होने के मामले में भी उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द इन सभी चीजों पर सरकार विचार कर रही है और इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे गए लोगों के बारे में उन्होंने बताया कि यह सिर्फ धनबाद की समस्या नहीं बल्कि पूरे राज्य की समस्या है और इस मामले को सरकार गंभीरता से देख रही है और जल्द ही इसका निदान होगा.

निरीक्षण के दौरान धनबाद उपायुक्त, सिविल सर्जन, एसएन एमएमसीएच प्राचार्य, अधीक्षक, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर समेत तमाम विभागीय चिकित्सक मौजूद रहे. कुल मिलाकर स्वास्थ्य सचिव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कमियों को गिनाना नहीं बल्कि एक साथ मिलकर कमियों को दूर करना है. सदर अस्पताल के भी बारे में उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में बेहतर तरीके से चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी ताकि मेडिकल कॉलेज पर भार कम पड़े.

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