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ISM के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, ताजा हुई पुरानी यादें

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद धनबाद में भी उनकी यादें एक बार फिर से ताजा हो गई हैं. 10 मई 2014 को प्रणब मुखर्जी उस वक्त आईएसएम के 36वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे.

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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
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Published : Sep 1, 2020, 5:40 PM IST

धनबाद: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद कोयलांचल धनबाद में भी उनकी यादें एक बार फिर से ताजा हो गई हैं. 10 मई 2014 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आईएसएम में आयोजित 36वें दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. उन्होंने यहां स्टूडेंट्स को डिग्रियां, उपाधि और प्रशस्ति पत्र सौंपी थी.

देखें पूरी खबर
समारोह को किया था संबोधित
उस वक्त आईएसएम को आईआईटी का दर्जा भी प्राप्त नहीं हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी यहां पहुंचे थे. हालांकि, 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी और 2016 में आईएसएम को आईआईटी दर्जा प्राप्त हुआ. 10 मई 2014 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 36वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे. उनके साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए थे. आईआईटी-आईएसएम के प्रोफेसर सह डिप्टी डायरेक्टर प्रोफेसर धीरज कुमार ने बताया कि डिग्रियां, उपाधि, मेडल और प्रशस्ति पत्र स्टूडेंट्स को सौंपा गया था. राष्ट्रपति के हाथों सम्मान पाकर स्टूडेंट्स भी काफी गौरवांवित महसूस कर रहे थे.

एक घंटे रूके थे प्रणब मुखर्जी

मंच से तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोगों को संबोधित भी किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि सिर्फ डिग्रियां हासिल ना करें, बल्कि इस संस्थान ने जो अनुभव दिया है उसे निजी जीवन में लाकर अपने आप में निखार लाने की कोशिश करें. करीब एक घंटे वह आईएसएम कैंपस में रहे थे. प्रोफेसर धीरज ने बताया कि सिर्फ एक बार ही दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए उन्हें पत्र भेजा गया था. जिसके बाद उन्होंने तुरंत इसकी स्वीकृति दे दी थी.

ये भी पढ़ें- भाई बसंत के जन्मदिन पर सीएम ने कहा- छोटे को शुभाशीष, अंदरखाने हो रही है ऐसी चर्चा


मंच पर एक जैसी कुर्सियां लगाई गई थी
आईएसएम के सुरक्षा अधिकारी राम मनोहर ने बताया कि दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन हुआ था. उस ऐतिहासिक क्षण को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है. उन्होंने बताया कि मंच पर राष्ट्रपति के लिए कोई अलग से बड़ी कुर्सी नहीं लगाई गई. उनके आग्रह पर ही आईएसएम के दीक्षांत समारोह में मंच पर एक जैसी कुर्सियां लगाई गई थी. यह काफी चर्चा का विषय भी बना था.

धनबाद: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद कोयलांचल धनबाद में भी उनकी यादें एक बार फिर से ताजा हो गई हैं. 10 मई 2014 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आईएसएम में आयोजित 36वें दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. उन्होंने यहां स्टूडेंट्स को डिग्रियां, उपाधि और प्रशस्ति पत्र सौंपी थी.

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समारोह को किया था संबोधितउस वक्त आईएसएम को आईआईटी का दर्जा भी प्राप्त नहीं हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी यहां पहुंचे थे. हालांकि, 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी और 2016 में आईएसएम को आईआईटी दर्जा प्राप्त हुआ. 10 मई 2014 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 36वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे. उनके साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए थे. आईआईटी-आईएसएम के प्रोफेसर सह डिप्टी डायरेक्टर प्रोफेसर धीरज कुमार ने बताया कि डिग्रियां, उपाधि, मेडल और प्रशस्ति पत्र स्टूडेंट्स को सौंपा गया था. राष्ट्रपति के हाथों सम्मान पाकर स्टूडेंट्स भी काफी गौरवांवित महसूस कर रहे थे.

एक घंटे रूके थे प्रणब मुखर्जी

मंच से तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोगों को संबोधित भी किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि सिर्फ डिग्रियां हासिल ना करें, बल्कि इस संस्थान ने जो अनुभव दिया है उसे निजी जीवन में लाकर अपने आप में निखार लाने की कोशिश करें. करीब एक घंटे वह आईएसएम कैंपस में रहे थे. प्रोफेसर धीरज ने बताया कि सिर्फ एक बार ही दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए उन्हें पत्र भेजा गया था. जिसके बाद उन्होंने तुरंत इसकी स्वीकृति दे दी थी.

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मंच पर एक जैसी कुर्सियां लगाई गई थी
आईएसएम के सुरक्षा अधिकारी राम मनोहर ने बताया कि दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन हुआ था. उस ऐतिहासिक क्षण को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है. उन्होंने बताया कि मंच पर राष्ट्रपति के लिए कोई अलग से बड़ी कुर्सी नहीं लगाई गई. उनके आग्रह पर ही आईएसएम के दीक्षांत समारोह में मंच पर एक जैसी कुर्सियां लगाई गई थी. यह काफी चर्चा का विषय भी बना था.

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