धनबाद: कोयलांचल धनबाद की लाइफलाइन कही जाने वाली दो बड़े नालों का सर्वेक्षण झारखंड विकास संघ ने किया. संबोधित करते हुए संघ के सदस्यों ने बताया कि यह रिपोर्ट जिला प्रशासन, नगर निगम और झारखंड सरकार को सौंपी जाएगी.
प्रदूषण में सबसे आगे
बता दें कि हालिया सर्वेक्षण में झरिया पूरे देश में प्रदूषण के मामले में नंबर एक पर रहा है और धनबाद शहर दूसरे पायदान पर है. अब धनबाद की आबो हवा के साथ-साथ जल भी प्रदूषित हो चुकी है. संघ अनुसार, कभी मटकुरिया होकर बहने वाली नदी नाले का रूप ले चुकी है.
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नालों का अतिक्रमण
संघ के अध्यक्ष अरूण राय ने कहा कि इन नालों का अतिक्रमण किया जा रहा है. जो नाला कभी 40 से 50 फीट चौड़ा हुआ करता था वह अब कहीं कहीं 15 फीट तक सिमट गया है. उन्होंने कहा कि लोग शौचालय और अपने-अपने घरों के गंदे पानियों को नाले में डाल रहे हैं, जिससे पानी प्रदूषित हो गया है. कभी इन नालों का रूप नदियों जैसा था और लोग इसमें नहाते भी थे.
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जिला प्रशासन गंभीर नहीं
आखिर में यह नाला दामोदर नदी में जाकर मिलता है. जो दामोदर नदी के पानी को भी दूषित कर रहा है. संघ के सदस्यों ने नगर निगम और जिला प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन भी इस मामले में गंभीर नहीं है.