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धनबाद: शहर के नालों पर हो रहा अवैध कब्जा, सरकार को जल्द सौंपी जाएगी रिपोर्ट

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Published : Jan 24, 2020, 1:20 PM IST

धनबाद की लाइफलाइन कही जाने वाली दो बड़े नालों का सर्वेक्षण झारखंड विकास संघ ने किया. बता दें कि हालिया सर्वेक्षण में झरिया पूरे देश में प्रदूषण के मामले में नंबर एक पर रहा है और धनबाद शहर दूसरे पायदान पर है. धनबाद के दोनों नालों पर अतिक्रमण कर लिया गया है.

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झारखंड विकास संघ

धनबाद: कोयलांचल धनबाद की लाइफलाइन कही जाने वाली दो बड़े नालों का सर्वेक्षण झारखंड विकास संघ ने किया. संबोधित करते हुए संघ के सदस्यों ने बताया कि यह रिपोर्ट जिला प्रशासन, नगर निगम और झारखंड सरकार को सौंपी जाएगी.

देखें पूरी खबर

प्रदूषण में सबसे आगे
बता दें कि हालिया सर्वेक्षण में झरिया पूरे देश में प्रदूषण के मामले में नंबर एक पर रहा है और धनबाद शहर दूसरे पायदान पर है. अब धनबाद की आबो हवा के साथ-साथ जल भी प्रदूषित हो चुकी है. संघ अनुसार, कभी मटकुरिया होकर बहने वाली नदी नाले का रूप ले चुकी है.

ये भी पढ़ें- जल्द बंद होंगी BS-4 की गाड़ियां, 'औद्योगिक क्षेत्र में मंदी की मार से अगस्त महीने से सुधार'

नालों का अतिक्रमण
संघ के अध्यक्ष अरूण राय ने कहा कि इन नालों का अतिक्रमण किया जा रहा है. जो नाला कभी 40 से 50 फीट चौड़ा हुआ करता था वह अब कहीं कहीं 15 फीट तक सिमट गया है. उन्होंने कहा कि लोग शौचालय और अपने-अपने घरों के गंदे पानियों को नाले में डाल रहे हैं, जिससे पानी प्रदूषित हो गया है. कभी इन नालों का रूप नदियों जैसा था और लोग इसमें नहाते भी थे.

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जिला प्रशासन गंभीर नहीं
आखिर में यह नाला दामोदर नदी में जाकर मिलता है. जो दामोदर नदी के पानी को भी दूषित कर रहा है. संघ के सदस्यों ने नगर निगम और जिला प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन भी इस मामले में गंभीर नहीं है.

धनबाद: कोयलांचल धनबाद की लाइफलाइन कही जाने वाली दो बड़े नालों का सर्वेक्षण झारखंड विकास संघ ने किया. संबोधित करते हुए संघ के सदस्यों ने बताया कि यह रिपोर्ट जिला प्रशासन, नगर निगम और झारखंड सरकार को सौंपी जाएगी.

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प्रदूषण में सबसे आगे
बता दें कि हालिया सर्वेक्षण में झरिया पूरे देश में प्रदूषण के मामले में नंबर एक पर रहा है और धनबाद शहर दूसरे पायदान पर है. अब धनबाद की आबो हवा के साथ-साथ जल भी प्रदूषित हो चुकी है. संघ अनुसार, कभी मटकुरिया होकर बहने वाली नदी नाले का रूप ले चुकी है.

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नालों का अतिक्रमण
संघ के अध्यक्ष अरूण राय ने कहा कि इन नालों का अतिक्रमण किया जा रहा है. जो नाला कभी 40 से 50 फीट चौड़ा हुआ करता था वह अब कहीं कहीं 15 फीट तक सिमट गया है. उन्होंने कहा कि लोग शौचालय और अपने-अपने घरों के गंदे पानियों को नाले में डाल रहे हैं, जिससे पानी प्रदूषित हो गया है. कभी इन नालों का रूप नदियों जैसा था और लोग इसमें नहाते भी थे.

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जिला प्रशासन गंभीर नहीं
आखिर में यह नाला दामोदर नदी में जाकर मिलता है. जो दामोदर नदी के पानी को भी दूषित कर रहा है. संघ के सदस्यों ने नगर निगम और जिला प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन भी इस मामले में गंभीर नहीं है.

Intro:धनबाद:कोयलांचल धनबाद की लाइफलाइन कही जाने वाली दो बड़े नालों का सर्वेक्षण झारखंड विकास संघ के द्वारा किया गया. पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए संघ के सदस्यों ने बतलाया कि यह रिपोर्ट जिला प्रशासन नगर निगम और झारखंड सरकार को सौंपी जाएगी.Body:आपको बता दें कि हालिया सर्वेक्षण में झरिया पूरे देश में प्रदूषण के मामले में नंबर एक का खिताब जीत चुका है और धनबाद शहर दूसरे पायदान पर है. अब धनबाद की आबो हवा के साथ साथ जल भी प्रदूषित हो चुकी है आज संघ के द्वारा जो बतलाया गया उससे यही पता चलता है. कभी मटकुरिया होकर बहने वाली नदी और नाले का रूप ले चुकी है.


संघ के अध्यक्ष अरूण राय ने कहा कि इन नालों का अतिक्रमण किया जा रहा है जो नाला कभी 40 से 50 फुट चौड़ा हुआ करती थी वह अब कहीं कहीं 15 फुट तक सिमट गई है.साथ ही उन्होंने कहा कि शौचालय और अपने-अपने घरों के पानियों को नाले में डाल रहे हैं.जिससे पानी प्रदूषित हो गया है कभी इन नालों का रूप नदियों जैसा था और लोग इसमें स्नान किया करते थे
पर आज इस पानी को लोग छू भी नहीं सकते ऐसी स्थिति हो गई है.अंत में यह नाला दामोदर नदी में जाकर मिलता है जो दामोदर नदी के पानी को भी दूषित कर रहा है.Conclusion:संघ के सदस्यों ने नगर निगम और जिला प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि जिला प्रशासन भी इस मामले में गंभीर नहीं है, आगे उन्होंने रचनात्मक और गुणात्मक कार्य किए जाने की भी बात कही. रिपोर्ट सौंपने के बाद आगे आंदोलन की रूपरेखा भी तय की जाएगी.

बाइट- अरूण रॉय- झारखंड विकास संघ अध्यक्ष
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