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धनबाद के इस इलाके में जंगली हाथियों का बसेरा, एक वृद्ध को कुचला, लोगों में दहशत - death by crushing elephant

धनबाद के टुंडी पहाड़ी पर इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक है. हाथियों ने यहां एक वृद्ध को कुचल कर मार डाला.

टुंडी में हाथियों का कहर
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Published : Jun 4, 2019, 5:50 PM IST

धनबाद: जिले के अति नक्सल प्रभावित प्रखंड टुंडी में हाथियों का आतंक है. आए दिन यहां जंगली हाथियों के कुलचने से लोगों की जान चली जाती है. इसी क्रम में मंगलवार को टुंडी पहाड़ी के उपर हाथियों के एक झुंड ने लगभग 65 वर्षीय बुद्धू मुर्मू को कुचलकर दिया जिससे उसकी मौके पर ही उसकी मौत हो गई.

देखें पूरी खबर

सूचना पाकर वन विभाग की टीम और टुंडी थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और पहाड़ी के ऊपर से शव को नीचे लाया गया. बता दें कि विगत कुछ वर्षों से टुंडी पहाड़ी पर हाथियों ने अपना डेरा बसाया हुआ है. हाथियों के झुंड में लगभग 18 से 20 हाथी शामिल है.

वहीं, घटनास्थल पर मौजूद वन क्षेत्र पदाधिकारी ने बताया कि विगत कुछ वर्षों से ही यहां पर हाथी अकसर यहां उत्पात मचाते हैं और पानी पीने के लिए कभी-कभी हाथी नीचे आ जाते हैं. यहां के लोग टुंडी जाने के लिए पहाड़ी के रास्ता का इस्तेमाल करते हैं जिसके कारण कई बार लोग हाथियों की चपेट में आ जाते हैं.

4 लाख मुआवजा देने का प्रावधान
बताया जा रहा कि मृतक तिलाई बेड़ा गांव का रहने वाला था, जिसके 4 बच्चे हैं. मामले में अजय कुमार मंजूल वन क्षेत्र पदाधिकारी ने कहा कि मृतक के परिजनों को 4 लाख मुआवजा देने का प्रावधान है. अग्रिम राशि के रूप में फिलहाल 25 हजार रुपए भी दिया जा रहा है. बाकी बचे पैसे कुछ दिनों के बाद मृतक के परिजनों को दे दिए जाएंगे.

वन विभाग ने पहाड़ी पर जाने से किया मना
वन क्षेत्र पदाधिकारी तोपचांची अजय कुमार मंजूल ने लोगों से अपील की है कि टुंडी जाने के लिए पहाड़ी के रास्तों का इस्तेमाल करने से बचें. उन्होंने कहा कि चुकी 18 से 20 हाथियों का दल टुंडी पहाड़ी पर ही डेरा जमाए हुए बैठे हैं, ऐसे में आसपास के लोगों से यह अपील किया जा रहा है कि पहाड़ी पर ना चढ़े.

धनबाद: जिले के अति नक्सल प्रभावित प्रखंड टुंडी में हाथियों का आतंक है. आए दिन यहां जंगली हाथियों के कुलचने से लोगों की जान चली जाती है. इसी क्रम में मंगलवार को टुंडी पहाड़ी के उपर हाथियों के एक झुंड ने लगभग 65 वर्षीय बुद्धू मुर्मू को कुचलकर दिया जिससे उसकी मौके पर ही उसकी मौत हो गई.

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सूचना पाकर वन विभाग की टीम और टुंडी थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और पहाड़ी के ऊपर से शव को नीचे लाया गया. बता दें कि विगत कुछ वर्षों से टुंडी पहाड़ी पर हाथियों ने अपना डेरा बसाया हुआ है. हाथियों के झुंड में लगभग 18 से 20 हाथी शामिल है.

वहीं, घटनास्थल पर मौजूद वन क्षेत्र पदाधिकारी ने बताया कि विगत कुछ वर्षों से ही यहां पर हाथी अकसर यहां उत्पात मचाते हैं और पानी पीने के लिए कभी-कभी हाथी नीचे आ जाते हैं. यहां के लोग टुंडी जाने के लिए पहाड़ी के रास्ता का इस्तेमाल करते हैं जिसके कारण कई बार लोग हाथियों की चपेट में आ जाते हैं.

4 लाख मुआवजा देने का प्रावधान
बताया जा रहा कि मृतक तिलाई बेड़ा गांव का रहने वाला था, जिसके 4 बच्चे हैं. मामले में अजय कुमार मंजूल वन क्षेत्र पदाधिकारी ने कहा कि मृतक के परिजनों को 4 लाख मुआवजा देने का प्रावधान है. अग्रिम राशि के रूप में फिलहाल 25 हजार रुपए भी दिया जा रहा है. बाकी बचे पैसे कुछ दिनों के बाद मृतक के परिजनों को दे दिए जाएंगे.

वन विभाग ने पहाड़ी पर जाने से किया मना
वन क्षेत्र पदाधिकारी तोपचांची अजय कुमार मंजूल ने लोगों से अपील की है कि टुंडी जाने के लिए पहाड़ी के रास्तों का इस्तेमाल करने से बचें. उन्होंने कहा कि चुकी 18 से 20 हाथियों का दल टुंडी पहाड़ी पर ही डेरा जमाए हुए बैठे हैं, ऐसे में आसपास के लोगों से यह अपील किया जा रहा है कि पहाड़ी पर ना चढ़े.

Intro:धनबाद: जिले के अति नक्सल प्रभावित प्रखंड टुंडी प्रखंड हाथियों से हमेशा परेशान रहता है. आए दिन यहां पर हाथियों के द्वारा लोगों की जान चली जाती है. आज इसी क्रम में टुंडी पहाड़ी के ऊपर हाथियों के एक झुंड ने लगभग 65 वर्षीय बुद्धू मुर्मू को कुचल डाला, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई.घटना की सूचना पाकर वन विभाग की टीम और टुंडी थाना की पुलिस मौके पर पहुंची हुई है और पहाड़ी के ऊपर से शव को नीचे लाया गया.


Body:आपको बता दें कि विगत कुछ वर्षों से टुंडी पहाड़ी पर हाथियों ने अपना डेरा बसाया हुआ है.हाथियों के झुंड में लगभग 18 से 20 हाथी शामिल है जिसमें हाथियों के कुछ बच्चे भी शामिल है. वन क्षेत्र पदाधिकारी तोपचांची भी घटनास्थल पर मौजूद रहे उन्होंने बतलाया कि विगत कुछ वर्षों से ही यहां पर हाथी डेरा जमाए हुए बैठे हैं और पानी पीने के लिए कभी-कभी हाथी नीचे आ जाते हैं. यहां के लोग टुंडी जाने के लिए पहाड़ी के रास्ता का इस्तेमाल करते हैं जिसके कारण इस प्रकार की घटना कभी-कभी घट जाती है.

मृतक तिलाई बेड़ा गांव निवासी बुधु मुर्मू है, जिसके 4 बच्चे हैं. अजय कुमार मंजूल वन क्षेत्र पदाधिकारी ने कहा कि हाथी के मारे जाने पर मृतक के परिजनों को 4 लाख मुआवजा देने का प्रावधान है. अग्रिम राशि के रूप में फिलहाल 25000 रुपैया भी दिया जा रहा है बाकी बचे पैसे कुछ दिनों के बाद मृतक के परिजनों को दे दिए जाएंगे.


Conclusion:वन क्षेत्र पदाधिकारी तोपचांची अजय कुमार मंजूल ने लोगों से अपील की है कि टुंडी जाने के लिए पहाड़ी के रास्तों का इस्तेमाल करने से बचें.उन्होंने कहा कि चुकी 18 से 20 हाथियों का दल टुंडी पहाड़ी पर ही डेरा जमाए हुए बैठे हैं,ऐसे में आसपास के लोगों से यह अपील किया जा रहा है कि पहाड़ी पर ना चढ़े.

बाइट- मृतक का बेटा
बाइट- परमेश्वर मुर्मू- मृतक का बेटा
वाइट- अजय कुमार मंजूल- वन क्षेत्र पदाधिकारी
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