धनबाद: झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के बैनर तले विद्युत कर्मियों ने 19 सूत्री मांगों को लेकर महाप्रबंधक कार्यालय के सामने जमकर प्रदर्शन किया. मांगे पूरी न होने पर हड़ताल पर जाने की घोषणा यूनियन ने दी है.
ये भी पढ़ें- विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा स्कॉलरशिप योजना का लाभ, आय प्रमाण पत्र के चलते रिजेक्ट हो रहे आवेदन
यूनियन के प्रदेश महामंत्री रामकृष्णा सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 19 सूत्री मांगों को लेकर कई बार ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड प्रबंधन से समझौता हुआ लेकिन प्रबंधन हर बार टालमटोल की नीति अपना रहा है. उन्होंने बताया कि बिहार में कर्तव्य निर्वहन की अवधि 24×7 के चलते 6 फीसदी विशेष ऊर्जा भत्ता 2017 में लागू कर दिया है. पड़ोसी राज्य झारखंड में समझौते के बाद भी इसे लागू नहीं कर रहा है. जबकि इस बार 403 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड राजस्व की वसूली विद्युत कर्मियों ने की है.
कर्मियों में काफी रोष
आज 12 साल से काम कर रहे मजदूरों को अधिकार भत्ता नहीं दिया जा रहा है. काल अवधि समाप्त होते ही पदोन्नति देना है लेकिन पदोन्नति नहीं दी जा रही है. स्नातक कर्मियों को लिपिक नहीं बनाकर उनका शोषण किया जा रहा है, जिसके कारण कर्मियों में काफी रोष और असंतोष है.
इन्हीं मांगों की पूर्ति के लिए प्रबंधन का समय-समय पर ध्यान आकृष्ट कराया जा रहा है लेकिन मांगें तो दूर वार्ता तक के लिए नहीं बुलाया गया. इसलिए आज पूरे राज्य में प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके बावजूद भी मांगों पर विचार नहीं किया जाता तो राज्यव्यापी हड़ताल की जाएगी. 10 जून से राज्यव्यापी हड़ताल पर जाने की तैयारी है.