पलामूः टाना भगतों की जमीन को रेलवे ने अधिग्रहित नहीं किया है. उनके किसी भी मांग में रेलवे की भूमिका नहीं है. यह बात धनबाद रेल डिवीजन के डीआरएम अनिल कुमार मिश्रा ने कही. अनिल कुमार मिश्रा ने गुरुवार को वर्चुअल तरीके से प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. बता दें कि टोरी में टाना भगतों के रेलवे ट्रैक के जाम के बाद डीआरएम समेत रेलवे के तमाम बड़े अधिकारी मीडिया से बातचीत कर रहे थे. डीआरएम ने कहा कि टाना भगतों के जाम से गुरुवार को रेलवे की 14 से 15 ट्रैक फंस गई. उन्होंने बताया कि राजधानी एक्सप्रेस इसी जाम में फंस गई थी. उसमें सवार यात्रियों को डालटनगंज रेलवे स्टेशन से बसों के माध्यम से रांची भेजा गया.
ये भी पढ़ें-हेट स्पीच पर उठे विवाद को लेकर फेसबुक ने भाजपा विधायक को किया बैन
चार घंटे में खत्म होना था जाम
उन्होंने बताया कि देर शाम डालटनगंज स्टेशन से राजधानी एक्सप्रेस को डायवर्ट कर दिया गया जो गया होते हुए रांची जाएगी. उन्होंने बताया कि ट्रेन पर एक मात्र 22 वर्षीय लड़की सवार है जिसे आरपीएफ के स्कॉर्ट से भेजा जा रहा है. डालटनगंज रेलवे स्टेशन से करीब 32 बसों से 930 यात्रियों को रांची भेजा गया है. मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए डीआरएम ने कहा कि रेलवे को कहा गया था कि सुबह राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया था कि चार घंटे में टाना भगतों का जाम खत्म हो जाएगा. इसी कारण राजधानी को डाइवर्ट नहीं किया गया और डालटनगंज स्टेशन तक लाया गया.
धनबाद रेल डिवीजन को 380 करोड़ का नुकसान
डीआरएम अनिल कुमार मिश्रा ने कहा कि जुलाई और अगस्त महीनों में विभिन्न जगहों पर रेलवे साइडिंग से ढुलाई ठप होने के कारण धनबाद रेल डिवीजन को 380 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. जाम के कारण लगभग 490 रेलवे की ट्रैक फंसी रह गई थी. वहीं, उन्होंने बताया कि सीआईसी सेक्शन के केचकी रेलवे स्टेशन के पास हिरण के ट्रेन से कटने की मौत मामले में रेलवे पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के साथ जल्द ही बड़ी बैठक करेगी.
उन्होंने बताया कि हादसे की जिम्मेदारी किसी एक पर नहीं है, मामले में जांच जारी है. डीआरएम ने बताया कि छिपादोहर के पास 25 किलोमीटर तक रेलवे ने कॉशन लिया हुआ है. डीआरएम ने लोगों से अपील किया कि वह विभिन्न मांगों को लेकर रेलवे ट्रैक को जाम न करें. बता दें कि राज्य सरकार से जुड़े मांगों को लेकर लोग रेलवे ट्रैक जाम कर रहे हैं जिससे भारी नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा राज्य सरकार से जुड़े मांगों को लेकर लोग उचित मंच से आवाज उठाएं.