धनबाद: जिले के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में एक रिक्शे में मरीज को लाता देख लोग हैरान रह गए. जिस रिक्शे का उपयोग सामानों को ढोने में किया जाता है उस पर मरीजों को ढोना कहां तक सही है ये बड़ा सवाल है.
मरीज को ठेले पर लेकर पहुंचा
रिक्शे में मरीज को लेकर आने वाले का नाम दारा सिंह है. उसने बताया कि ठेले पर पड़ी मरीज उसकी भाभी है. तबीयत बिगड़ने पर उसे आनन-फानन में रिक्शे पर लाया है. उसने बताया कि उसके पास पैसे भी नहीं और न ही मोबाइल है कि वह एंबुलेंस मंगा सके. उसे तो सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में भी नहीं पता.
जागरुकता की कमी
इससे साफ जाहिर होता है कि अभी भी लोगों में जागरूकता की कमी है. इसलिए जरुरी है कि सरकार और जोर शोर से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में प्रचार-प्रसार करे, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी इसकी पूरी जानकारी हो.
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व्यापक प्रचार प्रसार की कमी
वहीं, इस संबंध में पीएमसीएच अधीक्षक डॉ अरुण कुमार चौधरी ने कहा कि चार-पांच एंबुलेंस हैं जो मरीजों के लिए उपयोग में लाई जाती है.108 नंबर एंबुलेंस की सेवा बिल्कुल निशुल्क है. उन्होंने कहा कि व्यापक प्रचार-प्रसार की कमी के कारण लोग इसका फायदा कभी-कभी नहीं उठा पाते हैं.