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धनबाद: कोरोना पॉजिटिव की झारखंड में एंट्री पर प्रशासन सख्त, मजिस्ट्रेट को दिया गया शोकॉज नोटिस

धनबाद में कोरोना मरीज मिलने के बाद जिले में दहशत फैल गई है. दिन प्रतिदिन बढ़ते आंकड़े से लोग सहमे हुए हैं, वहींं धनबाद में कोरोना मरीज मिलने के बाद डीसी ने चेकपोस्ट में तैनात मजिस्ट्रेट से जबाव मांगा है.

corona patient in dhanbad
मजिस्ट्रेट को डीसी ने किया शोकॉज
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Published : Apr 18, 2020, 7:42 AM IST

धनबादः जिले के कुमारधुबी में पाया गया कोराना पॉजिटिव मरीज आखिरकार वह पश्चिम बंगाल से झारखंड में कैसे पहुंच गया, जबकि चिरकुंडा मुख्य चौक के चेकपोस्ट पर मजिस्ट्रेट के रूप में भ्रमणशील चिकित्सा अधिकारी कामेश्वर प्रसाद की तैनाती की गई थी. इसके लिए जिले के डीसी अमित कुमार ने डॉ कामेश्वर प्रसाद को शो कॉज नोटिस दिया है. 24 घंटे के अंदर उन्हें अपना जवाब प्रस्तुत करना है.

इस मामले को लेकर प्रशासन काफी सख्त है. डीसी अमित कुमार ने सख्त कार्रवाई करते हुए पशु चिकित्सा पदाधिकारी को शोकॉज जारी किया है. उन्हें अपना जवाब 24 घंटे के अंदर देना है. 28 मार्च को कामेश्वर प्रसाद की डयूटी चिरकुंडा मुख्य चेकपोस्ट पर लगाई गई थी. लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही मजिस्ट्रेट के रूप में उनकी नियुक्ति गई थी.

ये भी पढ़ें- हिंदपीढ़ी में पुलिस की दबिश जारी, कई अफसरों को किया गया तैनात

लॉकडाउन के बाद युवक पश्चिम बंगाल से सड़क मार्ग से चिरकुंडा चेकपोस्ट होते हुए बाघाकुड़ी कैसे दाखिल हुआ. डीसी ने यह सवाल डॉ कामेश्वर प्रसाद से पूछा है. डीसी ने कहा है कि इससे पता चलता है कि कर्तव्य का पालन करने में आपने कोताही बरती है. आपके द्वारा बिना जांच कराए ही युवक को जाने दिया गया. इसके लिए आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए विभाग को क्यों नहीं लिखा जाए.

धनबादः जिले के कुमारधुबी में पाया गया कोराना पॉजिटिव मरीज आखिरकार वह पश्चिम बंगाल से झारखंड में कैसे पहुंच गया, जबकि चिरकुंडा मुख्य चौक के चेकपोस्ट पर मजिस्ट्रेट के रूप में भ्रमणशील चिकित्सा अधिकारी कामेश्वर प्रसाद की तैनाती की गई थी. इसके लिए जिले के डीसी अमित कुमार ने डॉ कामेश्वर प्रसाद को शो कॉज नोटिस दिया है. 24 घंटे के अंदर उन्हें अपना जवाब प्रस्तुत करना है.

इस मामले को लेकर प्रशासन काफी सख्त है. डीसी अमित कुमार ने सख्त कार्रवाई करते हुए पशु चिकित्सा पदाधिकारी को शोकॉज जारी किया है. उन्हें अपना जवाब 24 घंटे के अंदर देना है. 28 मार्च को कामेश्वर प्रसाद की डयूटी चिरकुंडा मुख्य चेकपोस्ट पर लगाई गई थी. लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही मजिस्ट्रेट के रूप में उनकी नियुक्ति गई थी.

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लॉकडाउन के बाद युवक पश्चिम बंगाल से सड़क मार्ग से चिरकुंडा चेकपोस्ट होते हुए बाघाकुड़ी कैसे दाखिल हुआ. डीसी ने यह सवाल डॉ कामेश्वर प्रसाद से पूछा है. डीसी ने कहा है कि इससे पता चलता है कि कर्तव्य का पालन करने में आपने कोताही बरती है. आपके द्वारा बिना जांच कराए ही युवक को जाने दिया गया. इसके लिए आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए विभाग को क्यों नहीं लिखा जाए.

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