धनबादः बीसीसीएल आकाशकिनारी परियोजना पदाधिकारी कार्यालय परिसर में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित किया गया. इस समारोह के दौरान परियोजना पदाधिकारी की अनदेखी से हाई टेंशन बिजली तार की चपेट में पांच मजदूर आ गए. इसमें एक मजदूर की मौत हो गई थी और चार मजदूर घायल हो गए थे. अब सामाजिक कार्यकर्ता और मजदूर नेता दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग (Demand for action against guilty officers) कर रहे हैं.
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बीसीसीएल अधिकारियों ने सुरक्षा में अनदेखी करते हुए झंडोत्तोलन का स्थान बदल दिया. इससे दुखद हादसा हुआ. इस हादसे में दिलशाद अहमद की मौत हो गई. वहीं, किरण पांडेय, भूपेंद्र सिंह, विकाश कुमार केशरी और कृष्णा पासवान करंट से झुलस गए थे. इन चारों मजदूरों की अब भी गंभीर स्थिति बनी हुई है. अब इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता और मजदूर नेता हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही निष्पक्ष जांच दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. हालांकि, डीजीएमएस जांच कर रही है. लेकिन जांच की प्रक्रिया काफी सुस्त है.
आकाशकिनारी परियोजना पदाधिकारी जिस स्थान को झंडोत्तोलन के लिए चयनित किये थे. इस चयनित स्थल पर पहले भी साल 1991 में बिजली करंट लगने की घटना घटी थी. लेकिन इस घटना में मजदूर घायल हुए थे. इसके बाद दुर्घटना वाली स्थल पर झंडोत्तोलन को बदल कर दूसरे स्थान पर झंडा फरहराया जाने लगा. लेकिन आजादी का अमृत महोत्सव को फिर उसी स्थान को चयनित किया गया, जहां 1991 में मजदूर करंट की चपेट में आये थे.
समाजिक कार्यकर्ता गजेंद्र कुमार कहते हैं कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए. क्योंकि अधिकारियों के निर्देश पर स्थल बदला गया और सुरक्षा मानकों को नजर अंदाज किया गया. इंटक मजदूर नेता अशोक लाल ने कहा कि जिसे अधिकारियों की अनदेखी की वजह से मजदूर की मौत हुई है, उस अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि झंडोत्तोलन के दौरान मजदूर की मौत हुई तो उन्हें शहीद का दर्जा मिलना चाहिए. बीसीसीएल प्रबंधन पीड़ित परिजनों को मुआवजा और नौकरी दें.