धनबादः कोरोना की दूसरी लहर के साथ-साथ सरकार और प्रशासन ने तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है. इसी बीच ब्लैक और व्हाइट फंगस ने भी दस्तक दे दी है. जिसे लेकर लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है, लोग पैनिक भी हो रहे हैं.
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जानकारों का मानना है कि इसे लेकर बिलकुल भी पैनिक होने की जरूरत नहीं है. किसी भी डर को मन में ना रखें. लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. समय पर इलाज से दोनों बीमारियों से निजात मिल सकती है. डॉक्टर विकास राणा कहते हैं कि ब्लैक और व्हाइट फंगस कोरोना का ही रूप है. जिन लोगों की इम्यूनिटी पावर कमजोर है, वैसे लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. कमजोर इम्यून वाले लोग मेडिकल परामर्श लेते रहना चाहिए.
डाइबिटीज रोगियों को सचेत रहने की जरूरत
डाइबिटीज रोगियों को समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच अवश्य करानी चाहिए. इसके साथ ही लक्षण दिखाई पड़ने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, बिल्कुल भी ढिलाई बिल्कुल भी ना बरतें. अपने यहां ब्लैक और व्हाइट फंगस का इलाज मौजूद है.
सिविल सर्जन डॉ. गोपाल दास का कहना है कि कोई भी बीमारी हमारे आसपास या फिर शरीर मे ही विद्यमान रहता है. शरीर की इम्युनिटी पावर मजबूत रहने पर यह हमें नुकसान नहीं पहुचा पाता है. लेकिन जैसे ही इम्युनिटी पावर कम होता है, यह बीमारी हम पर हावी हो जाती है. वैसे डाइबिटीज मरीज जिनका शुगर लेवर 300 से अधिक है. उन्हें खुद की विशेष देखभाल की जरूरत है.
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ब्लैक फंगस आंख और व्हाइट फंगस लंग्स को डैमेज करता है
ब्लैक फंगस नाक से होकर आंख तक पहुंच जाता है और वह आंख को डैमेज करने लगता है, डबल विजन की समस्या खड़ी हो जाती है, साथ ही धीरे धीरे आंखों की रौशनी कम होने लगती है. इस समय सचेत होने की जरूरत है.
व्हाइट फंगस रेस्पिरेटरी और लंग्स के ऊपर प्रभाव डालता है. कोविड की तरह ही इसमें लक्षण पाए जाते हैं. इलाज के बाद इस पर काबू पाया जा सकता है. हर हाल में डॉक्टर की सलाह जरूर लें. बीमारी को छिपाकर ना रखें तभी सभी का जीवन बच सकता है.