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बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव की पीसी, कहा- राज्य सरकार का बजट पूरी तरह केंद्र पर आश्रित

धनबाद में बीजेपी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार का बजट पूरी तरह केंद्र पर आश्रित है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही है.

BJP state spokesperson Pratul Shahdev PC in dhanbad
प्रेस कॉन्फ्रेंस
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Published : Mar 5, 2021, 10:02 AM IST

Updated : Mar 5, 2021, 10:10 AM IST

धनबादः भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हेमंत सरकार की बजट को पूरी तरह से केंद्र पर आश्रित बजट बताया है.

बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव

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जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही राज्य सरकार

मीडिया को जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही है. केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का नाम बदलकर चलाने का काम राज्य सरकार कर रही है. सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल और ऊर्जा के क्षेत्र में बजट कम दिया गया है. वहीं, ऋण माफी योजना का जिक्र तक इस बजट में नहीं किया गया. उन्होंने एक उदाहरण बताते हुए कहा कि सरकार का कहना है कि जामताड़ा में एक किसान का 50 हजार का ऋण माफ किया गया, लेकिन उसका ढिंढोरा पीटने के लिए सरकार की तरफ से किए गए कार्यक्रम में 21 लाख रु सरकार ने खर्च कर दिए.

राज्य सरकार किसानों के प्रति उदासीन

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के प्रति उदासीन नजर आ रही है. कृषि के क्षेत्र में 55 सौ करोड़ रुपए की बजट की जरूरत है, जिसे घटाकर 12 सौ करोड़ रुपए कर दिया गया है. वहीं 30 से 32 हजार किसानों के ऋण माफी की बात की गई थी जबकि 12 लाख किसानों ने बैंक से लोन लिया था. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में महाजन से एक बड़ा तबका लोन लेता है. उनका भी लोन माफ करने का आश्वासन सरकार ने दिया था लेकिन इसके बारे में जिक्र तक नहीं किया गया है.

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डीवीसी के भुगतान पर बात नहीं

प्रदेश प्रवक्ता ने डीवीसी की बात करते हुए कहा कि धनबाद में डीवीसी की बिजली के क्षेत्र में मुख्य योगदान है, लेकिन उसके बकाया भुगतान का कोई भी प्रावधान इस बजट में नहीं है जबकि अपने बकाया राशि के भुगतान को लेकर डीवीसी हमेशा बिजली कटौती करती रहती है.

बढ़ी नक्सली वारदातें

वहीं, स्वास्थ्य की बात की जाए तो बीजेपी सरकार ने 108 एंबुलेंस की सेवा शुरू की थी. अब उसकी हालत बदतर होती चली जा रही है. उन्होंने नक्सली वारदातों पर बात करते हुए कहा कि सरकार में नक्सली वारदात काफी बढ़ी है. चाईबासा में हुए नक्सली हमले की निंदा करते हुए कहा कि 15 महीनों की सरकार में नक्सली वारदात काफी बढ़ी है, जबकि यही नक्सली पहले की सरकार के कार्यकाल में दुबके हुए थे.

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विधवा, दिव्यांग को भुगतान की बात नहीं

उन्होंने एक बार फिर हेमंत सरकार की ओर से पेश की गई इस बार के बजट पर बात करते हुए कहा कि इस बजट में विधवा विकलांग को भुगतान करने की कोई बात नहीं की गई है. वहीं, ग्रामीण को जोड़ने के लिए लाई गई योजना को भी यह सरकार अब तक धरातल पर नहीं उतार सकी है. सभी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को शहर से जोड़ने के लिए इस योजना की घोषणा तो की गई थी लेकिन उस योजना को धरातल पर कैसे उतारा जाए इस पर ना तो अब तक कोई पहल की गई और ना ही इस बजट में कोई चर्चा की गई है.

उद्योगों की बात करें तो धनबाद में उद्योग के लिए कोई राहत नहीं दी गई. उन्होंने आगे कहा कि हेमंत सरकार ने बेरोजगारी के लिए चुनावी भाषण तो बहुत दिए लेकिन अब तक उस पर अमलीजामा कैसे पहनाया जाए इसे लेकर बजट में कोई बात नहीं कही गई है. वहीं, इस बजट में रोजगार के लिए कोई व्यवस्था नहीं दिखी और ना ही बेरोजगारी भत्ते का ही कोई जिक्र किया गया है. साथ ही संविदा कर्मियों के लिए भी कुछ नहीं किया गया है कुल मिलाकर यह बजट पूरी तरह से केंद्र पर निर्भर बजट है.

धनबादः भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हेमंत सरकार की बजट को पूरी तरह से केंद्र पर आश्रित बजट बताया है.

बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव

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जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही राज्य सरकार

मीडिया को जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही है. केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का नाम बदलकर चलाने का काम राज्य सरकार कर रही है. सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल और ऊर्जा के क्षेत्र में बजट कम दिया गया है. वहीं, ऋण माफी योजना का जिक्र तक इस बजट में नहीं किया गया. उन्होंने एक उदाहरण बताते हुए कहा कि सरकार का कहना है कि जामताड़ा में एक किसान का 50 हजार का ऋण माफ किया गया, लेकिन उसका ढिंढोरा पीटने के लिए सरकार की तरफ से किए गए कार्यक्रम में 21 लाख रु सरकार ने खर्च कर दिए.

राज्य सरकार किसानों के प्रति उदासीन

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के प्रति उदासीन नजर आ रही है. कृषि के क्षेत्र में 55 सौ करोड़ रुपए की बजट की जरूरत है, जिसे घटाकर 12 सौ करोड़ रुपए कर दिया गया है. वहीं 30 से 32 हजार किसानों के ऋण माफी की बात की गई थी जबकि 12 लाख किसानों ने बैंक से लोन लिया था. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में महाजन से एक बड़ा तबका लोन लेता है. उनका भी लोन माफ करने का आश्वासन सरकार ने दिया था लेकिन इसके बारे में जिक्र तक नहीं किया गया है.

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डीवीसी के भुगतान पर बात नहीं

प्रदेश प्रवक्ता ने डीवीसी की बात करते हुए कहा कि धनबाद में डीवीसी की बिजली के क्षेत्र में मुख्य योगदान है, लेकिन उसके बकाया भुगतान का कोई भी प्रावधान इस बजट में नहीं है जबकि अपने बकाया राशि के भुगतान को लेकर डीवीसी हमेशा बिजली कटौती करती रहती है.

बढ़ी नक्सली वारदातें

वहीं, स्वास्थ्य की बात की जाए तो बीजेपी सरकार ने 108 एंबुलेंस की सेवा शुरू की थी. अब उसकी हालत बदतर होती चली जा रही है. उन्होंने नक्सली वारदातों पर बात करते हुए कहा कि सरकार में नक्सली वारदात काफी बढ़ी है. चाईबासा में हुए नक्सली हमले की निंदा करते हुए कहा कि 15 महीनों की सरकार में नक्सली वारदात काफी बढ़ी है, जबकि यही नक्सली पहले की सरकार के कार्यकाल में दुबके हुए थे.

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विधवा, दिव्यांग को भुगतान की बात नहीं

उन्होंने एक बार फिर हेमंत सरकार की ओर से पेश की गई इस बार के बजट पर बात करते हुए कहा कि इस बजट में विधवा विकलांग को भुगतान करने की कोई बात नहीं की गई है. वहीं, ग्रामीण को जोड़ने के लिए लाई गई योजना को भी यह सरकार अब तक धरातल पर नहीं उतार सकी है. सभी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को शहर से जोड़ने के लिए इस योजना की घोषणा तो की गई थी लेकिन उस योजना को धरातल पर कैसे उतारा जाए इस पर ना तो अब तक कोई पहल की गई और ना ही इस बजट में कोई चर्चा की गई है.

उद्योगों की बात करें तो धनबाद में उद्योग के लिए कोई राहत नहीं दी गई. उन्होंने आगे कहा कि हेमंत सरकार ने बेरोजगारी के लिए चुनावी भाषण तो बहुत दिए लेकिन अब तक उस पर अमलीजामा कैसे पहनाया जाए इसे लेकर बजट में कोई बात नहीं कही गई है. वहीं, इस बजट में रोजगार के लिए कोई व्यवस्था नहीं दिखी और ना ही बेरोजगारी भत्ते का ही कोई जिक्र किया गया है. साथ ही संविदा कर्मियों के लिए भी कुछ नहीं किया गया है कुल मिलाकर यह बजट पूरी तरह से केंद्र पर निर्भर बजट है.

Last Updated : Mar 5, 2021, 10:10 AM IST
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