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बैंड से बजेगा कोरोना का 'बैंड' छात्रों ने इजाद की नई तकनीक

बीआईटी सिंदरी के तीन छात्रों ने मिलकर एक रिस्ट बैंड इजाद किया है. इस रिस्ट बैंड को पहनने पर कोरोना से संक्रमित व्यक्ति किन लोगों से मिला है इस बात की जानकारी कुछ सेकंड में मिल जाएगी.

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Published : Apr 5, 2020, 7:28 PM IST

Updated : Apr 5, 2020, 8:48 PM IST

धनबाद: कोरोना संक्रमित व्यक्ति किन-किन लोगों से मिला है, यह सिर्फ पूछताछ या जांच के बाद ही पता लगाया जा सकता है. इसके लिए कोई तकनीक नहीं मिल पाई है. लेकिन बीआईटी सिंदरी के तीन छात्रों ने मिलकर एक ऐसा रिस्ट बैंड इजाद किया है. जिससे कोरोना से संक्रमित व्यक्ति किन लोगों से मिला है, इस बात की जानकारी कुछ सेकंड में दे देगा.

देखें पूरी खबर

5 सेकंड में मिलेगी जानकारी

बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) सिंदरी के तीन छात्र अनिकेत कुमार, अभिनीत मिश्र और अमरदीप कुमार. अनिकेत और अमरदीप मैकेनिकल इंजीनियरिंग कंप्लीट कर चुके हैं. अभिनीत बीटेक थर्ड ईयर का छात्र है. सभी कोर ब्रांच के साथ इलेक्टॉनिक्स भी पढ़ रहें हैं. तीनों ने मिलकर एक ऐसा रिस्ट बैंड बनाया है. जिससे कोरोना संक्रमित व्यक्ति किन-किन लोगों से मिला है, इसकी पूरी जानकारी महज 5 सेकंड में ही मिल जाएगी.

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तैयार होता बैंड

ये भी पढ़ें- बोकारो में मिला तीसरा कोरोना का मरीज, राज्य में अब 3 पॉजिटिव केस

कीमत महज 400 रुपए

यह तकनीक कोरोना के संक्रमण को रोकने में बहुत हद तक मददगार साबित हो सकता है. छात्रों के इस इजाद की गई रिस्ट बैंड की कीमत महज 400 रुपए है. रिस्ट बैंड संक्रमित लोगों का बड़ी ही आसानी से पता लगा सकता है.

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यही तीन छात्रों ने बनाया है रिस्ट बैंड

ये भी पढ़ें- कोरोना इफेक्ट: गांव में नो एंट्री, बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक

रिस्ट बैंड में दो डिवाइस का उपयोग

इस रिस्ट बैंड में दो डिवाइस का उपयोग किया गया है. जीएसएम और ब्लूटूथ मॉडल. जीएसएम मॉडल सिंपल 2 जी नेटवर्क पाया जाता है. ब्लूटूथ मॉडल मोबाइल में उपयोग किया जाता है. किसी भी मोबाइल में ब्लू टूथ स्कैन करने पर आसपास के सभी ब्लू टूथ डिवाइस उस मोबाइल फोन में नजर आने लगते हैं. ठीक इसी तरह इस रिस्ट बैंड में लगी ब्लूटूथ डिवाइस भी काम करेगा. लेकिन इसकी दूरी डेढ़ मीटर निर्धारित कर दी जाएगी. रिस्ट को पहनने वाले व्यक्ति के डेढ़ मीटर के दायरे में जो भी ब्लूटूथ डिवाइस आएंगे उसे यह रजिस्टर्ड कर लेगा. क्लाउड सर्वर में उस व्यक्ति का पूरा इतिहास खुदबखुद रजिस्टर्ड हो जाएगा. इस क्लाउड सर्वर से व्यक्ति किन लोगों से मिला है. इस बात की पूरी जानकारी सर्वर के प्रशासक को मिल जाएगी.

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डिवाइस के साथ टीम

ये भी पढ़ें- क्वॉरेंटाइन वार्ड के एक मरीज की मौत, पत्नी और 3 बच्चे भी हैं भर्ती

आधार से कनेक्ट रहेगा

यह रिस्ट बैंड पहनने वाले व्यक्ति के आधार से कनेक्ट रहेगा. हर बैंड की अलग अलग आईडी रहेगी. कोरोना की चेन को तोड़ने में यह फायदेमंद हो सकता है. इन रिस्ट बैंड में लॉक लगाया गया है, इस लॉक के सहारे वह हाथों में हमेशा बंधा हुआ रहेगा. इसे पहनने के बाद हर काम आसानी से कर सकेगा. लॉक तोड़कर इसे हाथ से निकालकर फेंक देने पर सर्वर प्रशासक को यह तुरंत मैसेज के माध्यम से सूचित करेगा. बैंड की आईडी सर्वर प्रशासक के पास सेव रहेगी. छात्रों ने इस रिस्ट बैंड का नाम 'दी विसिनिटी' बैंड रखा है. इसका अर्थ होता है पास, पड़ोसी या नजदीकी. अनिकेत का दावा है कि सरकार यदि पहल करे तो 22 दिनों में 75 संक्रमित शहरों को काफी हद तक कवर किया जा सकता है.

धनबाद: कोरोना संक्रमित व्यक्ति किन-किन लोगों से मिला है, यह सिर्फ पूछताछ या जांच के बाद ही पता लगाया जा सकता है. इसके लिए कोई तकनीक नहीं मिल पाई है. लेकिन बीआईटी सिंदरी के तीन छात्रों ने मिलकर एक ऐसा रिस्ट बैंड इजाद किया है. जिससे कोरोना से संक्रमित व्यक्ति किन लोगों से मिला है, इस बात की जानकारी कुछ सेकंड में दे देगा.

देखें पूरी खबर

5 सेकंड में मिलेगी जानकारी

बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) सिंदरी के तीन छात्र अनिकेत कुमार, अभिनीत मिश्र और अमरदीप कुमार. अनिकेत और अमरदीप मैकेनिकल इंजीनियरिंग कंप्लीट कर चुके हैं. अभिनीत बीटेक थर्ड ईयर का छात्र है. सभी कोर ब्रांच के साथ इलेक्टॉनिक्स भी पढ़ रहें हैं. तीनों ने मिलकर एक ऐसा रिस्ट बैंड बनाया है. जिससे कोरोना संक्रमित व्यक्ति किन-किन लोगों से मिला है, इसकी पूरी जानकारी महज 5 सेकंड में ही मिल जाएगी.

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तैयार होता बैंड

ये भी पढ़ें- बोकारो में मिला तीसरा कोरोना का मरीज, राज्य में अब 3 पॉजिटिव केस

कीमत महज 400 रुपए

यह तकनीक कोरोना के संक्रमण को रोकने में बहुत हद तक मददगार साबित हो सकता है. छात्रों के इस इजाद की गई रिस्ट बैंड की कीमत महज 400 रुपए है. रिस्ट बैंड संक्रमित लोगों का बड़ी ही आसानी से पता लगा सकता है.

BIT Sindri, identification of corona from wrist band, corona virus, covid-19, Jharkhand lockdown, बीआईटी सिंदरी, रिस्ट बैंड से कोरोना की पहचान, कोरोना वायरस, कोविड-19, झारखंड लॉकडाउन
यही तीन छात्रों ने बनाया है रिस्ट बैंड

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रिस्ट बैंड में दो डिवाइस का उपयोग

इस रिस्ट बैंड में दो डिवाइस का उपयोग किया गया है. जीएसएम और ब्लूटूथ मॉडल. जीएसएम मॉडल सिंपल 2 जी नेटवर्क पाया जाता है. ब्लूटूथ मॉडल मोबाइल में उपयोग किया जाता है. किसी भी मोबाइल में ब्लू टूथ स्कैन करने पर आसपास के सभी ब्लू टूथ डिवाइस उस मोबाइल फोन में नजर आने लगते हैं. ठीक इसी तरह इस रिस्ट बैंड में लगी ब्लूटूथ डिवाइस भी काम करेगा. लेकिन इसकी दूरी डेढ़ मीटर निर्धारित कर दी जाएगी. रिस्ट को पहनने वाले व्यक्ति के डेढ़ मीटर के दायरे में जो भी ब्लूटूथ डिवाइस आएंगे उसे यह रजिस्टर्ड कर लेगा. क्लाउड सर्वर में उस व्यक्ति का पूरा इतिहास खुदबखुद रजिस्टर्ड हो जाएगा. इस क्लाउड सर्वर से व्यक्ति किन लोगों से मिला है. इस बात की पूरी जानकारी सर्वर के प्रशासक को मिल जाएगी.

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डिवाइस के साथ टीम

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आधार से कनेक्ट रहेगा

यह रिस्ट बैंड पहनने वाले व्यक्ति के आधार से कनेक्ट रहेगा. हर बैंड की अलग अलग आईडी रहेगी. कोरोना की चेन को तोड़ने में यह फायदेमंद हो सकता है. इन रिस्ट बैंड में लॉक लगाया गया है, इस लॉक के सहारे वह हाथों में हमेशा बंधा हुआ रहेगा. इसे पहनने के बाद हर काम आसानी से कर सकेगा. लॉक तोड़कर इसे हाथ से निकालकर फेंक देने पर सर्वर प्रशासक को यह तुरंत मैसेज के माध्यम से सूचित करेगा. बैंड की आईडी सर्वर प्रशासक के पास सेव रहेगी. छात्रों ने इस रिस्ट बैंड का नाम 'दी विसिनिटी' बैंड रखा है. इसका अर्थ होता है पास, पड़ोसी या नजदीकी. अनिकेत का दावा है कि सरकार यदि पहल करे तो 22 दिनों में 75 संक्रमित शहरों को काफी हद तक कवर किया जा सकता है.

Last Updated : Apr 5, 2020, 8:48 PM IST
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