धनबादः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा धनबाद नगर निगम में 8 करोड़ की योजना में हुए घोटाले पर बड़ी कार्रवाई की है. योजना में अनियमितता को लेकर पूर्व नगर आयुक्त एवं अन्य अधिकारियों पर अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही दो कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
धनबाद नगर निगम में 8 करोड़ की ई गवर्नेंस योजना के तहत कंप्यूटर सामग्रियों एवं अन्य उपकरणों की आपूर्ति में घोटाला हुआ था. इस मामले में तत्कालीन नगर आयुक्त मनोज कुमार, तत्कालीन उप नगर आयुक्त प्रदीप कुमार प्रसाद और अनिल कुमार यादव के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है.
मुख्यमंत्री द्वारा जारी आदेश में इन तीनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी आरंभ करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही नगर निगम के तत्कालीन अर्बन रिफॉर्म स्पेशलिस्ट मनीष कुमार के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है, जबकि कनीय पर्यवेक्षक सह भंडार पाल हरिश्चंद्र पांडेय एवं लेखापाल अनिल कुमार मंडल को सस्पेंड कर दिया गया है.
ये भी पढ़ें- मंगलवार को कोरोना से राज्य में एक और मौत, राज्य में पाए गये कुल 30 मरीज, कुल संख्या हुई 438
बताया जा रहा कि साल 2016 के मार्च महीने में धनबाद में ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट के लिए वायम टेक्नोलॉजी के साथ एग्रीमेंट किया गया था. विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर, आवश्यक हार्डवेयर उपकरण उपलब्ध कराने, मॉड्यूल तैयार करने और डाटा एंट्री जैसे काम वायम टेक्नोलॉजी को करना था. इसके साथ ही वायम टेक्नोलॉजी को एक निर्धारित समय तक रख-रखाव करने का भी एग्रीमेंट हुआ था. जिन अधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. उन पर आरोप है कि फर्जी बिल के आधार पर वायम कंपनी को 2.65 करोड़ का पेमेंट किया गया. निगम ने उन सामग्रियों का भी भुगतान कर दिया था. जिन सामग्रियों की आपूर्ति कभी हुई ही नहीं थी.