धनबादः बेलगड़िया टाउनशिप में भूमिगत आग से प्रभावित हजारों लोगों को बसाया या है. लेकिन आज ये खुद को बेबस महसूस कर रहे हैं. वजह है बेरोजगारी और मूलभूत सुविधाओं का अभाव. अब ये लोग वैसी सरकार चुनना चाहते हैं, जो उनके दर्द को दूर कर सके.
दुनिया की सबसे बड़ी पुनर्वास परियोजना है बेलगड़िया टाउनशिप. जहां झरिया से विस्थापित 10 हजार लोग रह रहे हैं. इन्हें सरकार ने सुरक्षित घर तो दे दिया. लेकिन दो वक्त की रोटी का जुगाड़ नहीं मुहैया करवा पाई. जिससे उनकी जिंदगी की गाड़ी हिचकोले खाते चल रही है. बुनियादी सुविधाओं का भी घोर अभाव है.
टाउनशिप में लोगों को बसा तो दिया गया, लेकिन वहां लोगों का न तो वर्तमान सुरक्षित है, और न ही भविष्य. शिक्षा, स्वास्थ्य और दूसरी जरुरी सुविधाएं लगभग नदारद हैं. हालात तो ऐसे हैं कि मरीज कभी-कभी अस्पताल पहुंचने से पहले ऊपर पहुंच जाता है. यहां लोग सरकार पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगाते हैं.
तमाम मुश्किलों के बावजूद यहां बसे लोग लोकतंत्र के महापर्व का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. अपने वोट की चोट से करारा प्रहार करने के मूड में हैं. माननीय का कहना है कि बेलगड़िया में डेवलपमेंट शुरुआती दौर में है. वहां हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है. आने वाले दिनों में वहां नजारा कुछ और होगा.
बेलगड़िया के लोग इस बार किसी बहकावे में नहीं आने वाले हैं. वो अपने अधिकार का सही उपयोग चुनाव में करेंगे. इन्हें खोखले वादे नहीं, समस्याओं का ठोस समाधान चाहिए.