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विश्व की सबसे बड़ी पुनर्वास परियोजना में बसे लोगों को चुनाव का बेसब्री से इंतजार, वोट से करेंगे चोट

झरिया के अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को बेलगड़िया टाउनशिप में बसाया जा रहा है. लोग बस तो रहे हैं, लेकिन उनके पास रोजगार के साधन नहीं हैं. जिससे उनकी जिंदगी गुरबत में बीत रही है. जिससे उनके मन में काफी आक्रोश है.

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Published : Apr 3, 2019, 3:03 PM IST

Updated : Apr 3, 2019, 3:46 PM IST

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

धनबादः बेलगड़िया टाउनशिप में भूमिगत आग से प्रभावित हजारों लोगों को बसाया या है. लेकिन आज ये खुद को बेबस महसूस कर रहे हैं. वजह है बेरोजगारी और मूलभूत सुविधाओं का अभाव. अब ये लोग वैसी सरकार चुनना चाहते हैं, जो उनके दर्द को दूर कर सके.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

दुनिया की सबसे बड़ी पुनर्वास परियोजना है बेलगड़िया टाउनशिप. जहां झरिया से विस्थापित 10 हजार लोग रह रहे हैं. इन्हें सरकार ने सुरक्षित घर तो दे दिया. लेकिन दो वक्त की रोटी का जुगाड़ नहीं मुहैया करवा पाई. जिससे उनकी जिंदगी की गाड़ी हिचकोले खाते चल रही है. बुनियादी सुविधाओं का भी घोर अभाव है.

टाउनशिप में लोगों को बसा तो दिया गया, लेकिन वहां लोगों का न तो वर्तमान सुरक्षित है, और न ही भविष्य. शिक्षा, स्वास्थ्य और दूसरी जरुरी सुविधाएं लगभग नदारद हैं. हालात तो ऐसे हैं कि मरीज कभी-कभी अस्पताल पहुंचने से पहले ऊपर पहुंच जाता है. यहां लोग सरकार पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगाते हैं.

तमाम मुश्किलों के बावजूद यहां बसे लोग लोकतंत्र के महापर्व का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. अपने वोट की चोट से करारा प्रहार करने के मूड में हैं. माननीय का कहना है कि बेलगड़िया में डेवलपमेंट शुरुआती दौर में है. वहां हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है. आने वाले दिनों में वहां नजारा कुछ और होगा.

बेलगड़िया के लोग इस बार किसी बहकावे में नहीं आने वाले हैं. वो अपने अधिकार का सही उपयोग चुनाव में करेंगे. इन्हें खोखले वादे नहीं, समस्याओं का ठोस समाधान चाहिए.

धनबादः बेलगड़िया टाउनशिप में भूमिगत आग से प्रभावित हजारों लोगों को बसाया या है. लेकिन आज ये खुद को बेबस महसूस कर रहे हैं. वजह है बेरोजगारी और मूलभूत सुविधाओं का अभाव. अब ये लोग वैसी सरकार चुनना चाहते हैं, जो उनके दर्द को दूर कर सके.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

दुनिया की सबसे बड़ी पुनर्वास परियोजना है बेलगड़िया टाउनशिप. जहां झरिया से विस्थापित 10 हजार लोग रह रहे हैं. इन्हें सरकार ने सुरक्षित घर तो दे दिया. लेकिन दो वक्त की रोटी का जुगाड़ नहीं मुहैया करवा पाई. जिससे उनकी जिंदगी की गाड़ी हिचकोले खाते चल रही है. बुनियादी सुविधाओं का भी घोर अभाव है.

टाउनशिप में लोगों को बसा तो दिया गया, लेकिन वहां लोगों का न तो वर्तमान सुरक्षित है, और न ही भविष्य. शिक्षा, स्वास्थ्य और दूसरी जरुरी सुविधाएं लगभग नदारद हैं. हालात तो ऐसे हैं कि मरीज कभी-कभी अस्पताल पहुंचने से पहले ऊपर पहुंच जाता है. यहां लोग सरकार पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगाते हैं.

तमाम मुश्किलों के बावजूद यहां बसे लोग लोकतंत्र के महापर्व का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. अपने वोट की चोट से करारा प्रहार करने के मूड में हैं. माननीय का कहना है कि बेलगड़िया में डेवलपमेंट शुरुआती दौर में है. वहां हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है. आने वाले दिनों में वहां नजारा कुछ और होगा.

बेलगड़िया के लोग इस बार किसी बहकावे में नहीं आने वाले हैं. वो अपने अधिकार का सही उपयोग चुनाव में करेंगे. इन्हें खोखले वादे नहीं, समस्याओं का ठोस समाधान चाहिए.

Intro:ध्यान दें:--बेलगड़िया सही शब्द है कृपया इसे बैलगड़िया न लिखें।

सभी byte का नाम एक visual में है।सभी byte में काउंटर है।कौन सी byte कितने सकेंड की है।यह स्क्रिप्ट में मेंशन है।जिनके नाम के सामने जितने सेकेंड की byte स्क्रिप्ट में अंकित उन स्थानों पर byteलगाने का कष्ट करें।

जैसे VO 01:-में समीर अंसारी का byte 01,40 सेकेंड है।जबकि VO 02:- में समीर अंसारी का byte 06,34 सेकेंड अंकित है।इसी तरह VO 01:-में सुबोध कु शाह का byte 02,45 सेकेंड अंकित है।जबकि VO 02:-में सुबोध कु byte 06,34 सेकेंड अंकित है।

एडिटिंग में सुविधा हेतू


ANCHOR:--बेलगड़िया टाउनशिप में आग व भू धंसान क्षेत्र से पुनर्वासित हुए हजारों लोग अपने आप को असहाय और बेबस महसूस कर रहें हैं।उनकी इस बेबसी का कारण है दो वक्त की रोटी।सरकार ने इन्हें रहने के लिए पक्का मकान तो दिया लेकिन रोजगार देना भूल गए।इसके साथ ही बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का दंश भी लोग झेल रहे हैं।लोगों का मानना है कि सरकार ने उनके साथ छलावा किया है। यहां बसे लोग वोटिंग के माध्यम से एक ऐसे सरकार बनाने की बात कर रहे हैं जो उनके दुःख दर्द को दूर करने का काम करेगी।





Body:VO 02:--देश और दुनिया की सबसे बड़ी पुनर्वास योजना झरिया मास्टर प्लान के तहत अग्नि प्रभावित एवं भूधसान क्षेत्र में रह रहे लोगों को झरिया विहार बेलगड़िया टाउनशिप में बसाया गया।बेलगड़िया टाउनशिप में वर्तमान में करीब दस हजार लोग रह रहे हैं।कभी ये लोग झोपड़ी में जहरीले गैस के साए में रहा करते थे।जहरीले गैस से प्रदूषित हवा में सांस लेने की इनकी मजबूरी थी।बावजूद इसके दो वक्त की रोटी का जुगाड़ था। आज ये ऊंची ऊंची बनी पक्के बिल्डिंग में रह रहे हैं।लेकिन इनके खाने के लाले पड़े हैं।जिंदगी पर मौत की काली साया मंडरा रही है।सरकार ने इन्हें यहां बसा तो दिया लेकिन रोजगार मुहैया नही कराया।नतीजा लोगों की जिंदगी धीरे धीरे बेबस और लाचार होती चली जा रही है।यहां रह रहे युवाओं की माने तो टाउनशिप की जनसंख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।सरकार के द्वारा किसी तरह का रोजगार नही दिया गया है।युवाओं का कहना है कि बेरोजगारी के कारण दो वक्त की रोटी के साथ साथ बच्चों की शिक्षा भी नही मिल पा रही है।बुजुर्गों का कहना है कि पानी बिजली शिक्षा और बेरोजगारी यहां की मुख्य समस्या बन गयी है।बुजुर्गों ने कहा कि हम यहां तिल तिल मरने को मजबूर हैं।यहां की महिलाएं कहती है कि सरकार ने हमे रहने के लिए बिल्डिंग दे दिया है।लेकिन हम इस बिल्डिंग का क्या करें जब हमे रोजगार ही नही मिला है।जवान लड़कियों को पढ़ने के लिए कहां भेंजे अक्सर अनहोनी की घटनाएं सुनने को मिलती है।यहां रहनेवाले बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि सरकार ने उनके साथ छलावा किया है।सरकार ने 500 दिनों का भत्ता करीब 1 लाख 20 हजार देने का वादा किया था।लेकिन यह वादा सरकार ने पूरा नही किया।और तो और शिफ्ट करने के लिए दस हजार रुपए प्रत्येक परिवार को सरकार ने देने की बात कही थी।लेकिन अबतक कई लोगों को यह राशि सरकार की ओर से उपलब्ध नही करायी गयी है।

BYTE 01:-SAMIR ANSARI,STHANIY2 YUVA
(40 sec)

BYTE 02:-SUBODH KUMAR SHAH, STHANIYA
(45 sec)

BYTE 03:-PUTUL DEVI,STHANIYA MAHILA
(20 sec)

BYTE 04:-PRATIMA DEVI, STHANIYA MAHILA
(33 sec)

BYTE 05:-MD LUKMAN,STHANIY2(30 sec)

VO 02:--इन सारी समस्याओं के बावजूद यहां बसे लोगों को लोकतंत्र के महापर्व का बड़ी बेसब्री से इंतजार है।इन्हें आशा और उम्मीद है कि 2019 में देश मे एक ऐसी सरकार बनेगी जो इनके दुःख दर्द को जरूर दूर करेगी।ये अपने वोट की ताकत का इस्तेमाल कर इस बार नेताओं पर चोट करने का मन बना चुके हैं।युवा, बुजुर्ग और महिलाएं कहती हैं कि हम वोट जरूर करेंगे और हमारी इस बेबसी का उन्हें मजा जरूर चखाएंगे।

BYTE 06:-SAMIR ANSARI,STHANIYA,YUVA
(34 sec)

BYTE 07:-SUBODH KUMAR SHAH, STHANIYA
(17 sec)

BYTE 08:-PUTUL DEVI, STHANIYA MAHILA (04sec)

BYTE 09:-PRATIMA DEVI,STHANIYA MAHILA
(09 sec)





Conclusion:
बहरहाल, बेलगाड़िया में रहे लोगों की तरह ही देश की तमाम जनता अपने जनप्रतिनिधियों का पूरा लेखा जोखा के साथ यदि लोकतंत्र के महापर्व में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले तो वो दिन दूर नही जब नेता बड़े वादे भूलकर जनता के हित के कार्यों में जुट जाएंगे।

नरेंद्र निषाद, ईटीवी भारत, धनबाद
Last Updated : Apr 3, 2019, 3:46 PM IST
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