रांची: बैंको के निजीकरण के खिलाफ बैंक ऑफ इंडिया के तामम स्टाफ ने सोमवार को हड़ताल किया. इसी क्रम में जिले के बैंक मोड़ स्थित बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा के सामने बैंक कर्मियों ने जमकर प्रदर्शन किया. जमशेदपुर, धनबाद और चतरा समेत राज्य के कई जिलों में बैंककर्मियों ने प्रदर्शन किया.
बैंक ऑफ इंडिया के कर्मियों ने कहा कि सरकार के बैंकों का निजीकरण करने के साथ ही श्रम विरोधी नीति अपनाई जा रही है. बैंको में बहाली पूरी तरह से बंद कर दी गई है. जिसके कारण लगातार स्टाफ की कमी हो रही है. ग्राहकों की परेशानी बढ़ती जा रही है. बहाली नहीं होने के कारण पूरे देश में बेरोजगारी की समस्या विकराल रूप ले रही है.
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बैंककर्मी इन दिनों सरकार की नीतियों से बेहद परेशान है. अपनी नौकरी को लेकर कर्मी असुरक्षित महसूस कर रहें हैं. बैंकों का निजीकरण होने से कर्मियों के परिजनों में भी निराशा के भाव है. बैंक कर्मियों ने अपने आंदोलन को और आगे भी ले जाने की बात कही.
चतरा में भी फेडरेशन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन के आह्वान पर जिले में संचालित बीओआई के सभी 17 शाखाओं के कर्मी सामुहिक हड़ताल पर रहे. यूनियन के राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान के कारण बैंकों की सभी शाखाओं में ताले लटके रहे. जिससे न सिर्फ ग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा बल्कि करोड़ों का व्यवसाय भी प्रभावित हुआ.
जमशेदपुर में ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉयज एसोसिएशन के बैनर तले निजीकरण के विरोध में बैंक ऑफ इंडिया के सभी ब्रांच के कर्मचारी हड़ताल पर रहे. उनका कहना है कि कर्मचारी कोरोना काल में भी कार्य करते हैं, अगर इस दौरान वे कोरोना के ग्रसित हो जाते है तो उन्हें मुआवजे की राशि प्रदान कि जाए अगर उनकी मांगे पूरी नहीं होती है तो आगे इसी तरह हड़ताल की जाएगी.