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गोविंदपुर स्कूल कैंपस बना जुआरियों का अड्डा! चारों ओर है कचरे का अंबार

धनबाद के गोविंदपुर स्कूल का हाल बेहाल है. स्कूल परिसर में चोरों ओर कचरे का अंबार लगा रहता है. लोगों का कहना है कि बाजार परिसर से शौचालय को हटाए जाने के बाद स्कूल के पीछे लोग शौच करते हैं.

स्कूल कैंपस बना जुआरियों का अड्डा
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Published : Oct 6, 2019, 7:08 PM IST

धनबाद: जिले के गोविंदपुर बाजार में 1950 में बना राजकीय बुनियादी विद्यालय (बेसिक स्कूल) का हाल बेहाल है. विद्यालय में चारों ओर कूड़े का अंबार लगा है. वहीं, कई लोग स्कूल के पीछे ही शौच भी करते हैं. जिससे आसपास रहने वाले लोग काफी परेशान हैं.

देखें पूरी खबर

1950 में बने गोविंदपुर का बेसिक स्कूल बदहाल है. लोगों का कहना है कि इस स्कूल कैंपस का इस्तेमाल लोग शौचालय के लिए करते हैं. रात में यहां पर जुआरी और शराबियों का अड्डा लगा रहता है. कई बार प्रशासन को भी जानकारी दी गई लेकिन नतीजा जस का तस बना हुआ है.

पूरे बाजार में नहीं है सर्वजनिक शौचालय
गोविंदपुर के पूरे बाजार में कहीं भी सार्वजनिक शौचालय नहीं बनाया गया है. यही कारण है कि लोग स्कूल कैंपस का इस्तेमाल शौच के लिए करते हैं. इस बाजार में हर दिन करीब 20 हजार से अधिक लोगों का आना जाना है. बावजूद इसके यहां पर सार्वजनिक शौचालय का न होना सवाल खड़े करता है.

शिक्षक और बच्चे मिलकर करते हैं सफाई
रात में इस स्कूल कैंपस में जुआरियों और शराबियों का अड्डा लग जाता है. शराब की बोतल स्कूल कैंपस के बरामदे में ही पड़े रहते है. जब सुबह शिक्षक और बच्चे स्कूल पहुंचते है तो वे मिलकर साफ सफाई करते हैं. शिक्षकों का कहना है कि कई स्थानीय असमाजिक तत्व यहां इस तरह की हरकत करते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने इसकी शिकायत प्रशासन से भी की लेकिन शिकायत के कुछ दिनों के बाद हालत पहले जैसी ही हो जाती है. प्रधानाचार्य का कहना है कि इस प्रकार का कार्य देखकर बच्चों की मानसिकता पर भी बुरा असर पड़ सकता है.

सड़क चौड़ीकरण की भेंट चढ़ा सुलभ शौचालय
लोगों का कहना है कि काफी दिन पहले यहां पर पूरे बाजार के लिए एक सुलभ शौचालय हुआ करता था, लेकिन गिरिडीह-धनबाद मुख्य सड़क के चौड़ीकरण होने के कारण उसे हटा दिया गया. उसके बाद सुलभ शौचालय के बारे में किसी ने नहीं सोचा.

ये भी पढ़ें- कॉलेज प्रबंधन की उदासीनता की शिकार छात्राएं, करोड़ों के हॉस्टल हैं, फिर भी किराए के घरों में रहने को मजबूर

बीसीसीएल का बनाया पार्क बेकार
इस स्कूल कैंपस में बीसीसीएल के द्वारा एक पार्क भी बनाया गया था जो अब खत्म हो गया है. प्रधानाचार्य का कहना है कि 1990 में यह पार्क बना था लेकिन उसके बाद इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया जिसके कारण वह बिल्कुल खत्म हो गया.

बरसात के दिनों में होता है जल जमाव

पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण इस स्कूल कैंपस के अंदर बरसात के दिनों में तालाब जैसी स्थिति हो जाती है. सड़क चौड़ीकरण के कारण एक नाले को बंद कर दिया गया. जिसके बाद स्कूल से पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई जिसके कारण यह परेशानी उत्पन्न हो गई है.

धनबाद: जिले के गोविंदपुर बाजार में 1950 में बना राजकीय बुनियादी विद्यालय (बेसिक स्कूल) का हाल बेहाल है. विद्यालय में चारों ओर कूड़े का अंबार लगा है. वहीं, कई लोग स्कूल के पीछे ही शौच भी करते हैं. जिससे आसपास रहने वाले लोग काफी परेशान हैं.

देखें पूरी खबर

1950 में बने गोविंदपुर का बेसिक स्कूल बदहाल है. लोगों का कहना है कि इस स्कूल कैंपस का इस्तेमाल लोग शौचालय के लिए करते हैं. रात में यहां पर जुआरी और शराबियों का अड्डा लगा रहता है. कई बार प्रशासन को भी जानकारी दी गई लेकिन नतीजा जस का तस बना हुआ है.

पूरे बाजार में नहीं है सर्वजनिक शौचालय
गोविंदपुर के पूरे बाजार में कहीं भी सार्वजनिक शौचालय नहीं बनाया गया है. यही कारण है कि लोग स्कूल कैंपस का इस्तेमाल शौच के लिए करते हैं. इस बाजार में हर दिन करीब 20 हजार से अधिक लोगों का आना जाना है. बावजूद इसके यहां पर सार्वजनिक शौचालय का न होना सवाल खड़े करता है.

शिक्षक और बच्चे मिलकर करते हैं सफाई
रात में इस स्कूल कैंपस में जुआरियों और शराबियों का अड्डा लग जाता है. शराब की बोतल स्कूल कैंपस के बरामदे में ही पड़े रहते है. जब सुबह शिक्षक और बच्चे स्कूल पहुंचते है तो वे मिलकर साफ सफाई करते हैं. शिक्षकों का कहना है कि कई स्थानीय असमाजिक तत्व यहां इस तरह की हरकत करते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने इसकी शिकायत प्रशासन से भी की लेकिन शिकायत के कुछ दिनों के बाद हालत पहले जैसी ही हो जाती है. प्रधानाचार्य का कहना है कि इस प्रकार का कार्य देखकर बच्चों की मानसिकता पर भी बुरा असर पड़ सकता है.

सड़क चौड़ीकरण की भेंट चढ़ा सुलभ शौचालय
लोगों का कहना है कि काफी दिन पहले यहां पर पूरे बाजार के लिए एक सुलभ शौचालय हुआ करता था, लेकिन गिरिडीह-धनबाद मुख्य सड़क के चौड़ीकरण होने के कारण उसे हटा दिया गया. उसके बाद सुलभ शौचालय के बारे में किसी ने नहीं सोचा.

ये भी पढ़ें- कॉलेज प्रबंधन की उदासीनता की शिकार छात्राएं, करोड़ों के हॉस्टल हैं, फिर भी किराए के घरों में रहने को मजबूर

बीसीसीएल का बनाया पार्क बेकार
इस स्कूल कैंपस में बीसीसीएल के द्वारा एक पार्क भी बनाया गया था जो अब खत्म हो गया है. प्रधानाचार्य का कहना है कि 1990 में यह पार्क बना था लेकिन उसके बाद इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया जिसके कारण वह बिल्कुल खत्म हो गया.

बरसात के दिनों में होता है जल जमाव

पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण इस स्कूल कैंपस के अंदर बरसात के दिनों में तालाब जैसी स्थिति हो जाती है. सड़क चौड़ीकरण के कारण एक नाले को बंद कर दिया गया. जिसके बाद स्कूल से पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई जिसके कारण यह परेशानी उत्पन्न हो गई है.

Intro:धनबाद:जिले के गोविंदपुर बाजार में अवस्थित 1950 में बनी राजकीय बुनियादी विद्यालय (बेसिक स्कूल)का हाल बेहाल है. यह विद्यालय है या शौचालय है या मयखाना है समझ में किसी को भी नहीं आ रहा है. आसपास रहने वाले लोग परेशान हैं,शिक्षक परेशान हैं लेकिन इसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है.


Body:1950 में बनी है गोविंदपुर का बेसिक स्कूल अपने आप में बहुत बड़ा इतिहास समेटे हुए हैं लेकिन आज इस स्कूल की हालत बद से बदतर हो गई है. इस स्कूल कैंपस के अंदर लोग घुसकर शौच करते हैं. रात में यहां पर जुआरी और शराबियों का अड्डा लगा रहता है.कई बार प्रशासन को भी जानकारी दी गई लेकिन नतीजा जस का तस बना हुआ है.

पूरे बाजार में नहीं है सर्वजनिक शौचालय

आपको बता दें कि गोविंदपुर के पूरे बाजार में कहीं भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है और इसी कारण लोग स्कूल की कैंपस का इस्तेमाल शौच के लिए करते हैं. आपको बता दें कि गोविंदपुर से झारखंड-बिहार के अन्य जिलों दुमका, देवघर गिरीडीह, जामताड़ा,जमुई के साथ-साथ दूसरे राज्य पश्चिम बंगाल के कोलकाता, आसनसोल, दुर्गापुर आदि जगह के लिए भी लोग आना-जाना करते हैं प्रतिदिन तकरीबन बाजार और राहगीरों की संख्या मिलाकर 20 हजार से अधिक लोगों का आना जाना है.

शिक्षक और बच्चे मिलकर करते हैं मयखाने की सफाई

रात में इस स्कूल कैंपस में जुआरियों और शराबियों का अड्डा लग जाता है और बोतल स्कूल कैंपस के बरामदे में ही पड़ी रहती है. जिसका सुबह स्कूल के शिक्षक और बच्चे मिलकर साफ सफाई करते हैं. शिक्षकों का कहना है हमारी मजबूरी है हम इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं क्योंकि स्थानीय लड़के ही इस कार्य को करते हैं ऐसे में विरोध करने पर हमें भी दिक्कत हो सकती हैं. प्रशासन को बोलते हैं तो दो-चार दिन बंद होता है फिर शुरू हो जाता है. प्रधानाचार्य का कहना है कि इस प्रकार का कार्य देखकर बच्चों की मानसिकता पर भी बुरा असर पड़ सकता है.

सड़क चौड़ीकरण की भेंट चढ़ा सुलभ शौचालय

आपको बता दें कि काफी दिनों पहले यहां पर पूरे बाजार के लिए एक सुलभ शौचालय हुआ करता था लेकिन गिरिडीह-धनबाद मुख्य सड़क के चौड़ीकरण होने के कारण यह सुलभ शौचालय उसकी भेंट चढ़ गया और उसके बाद सुलभ शौचालय के बारे में किसी ने नहीं सोचा.

बीसीसीएल का बनाया पार्क बेकार

इस स्कूल कैंपस में बीसीसीएल के द्वारा एक पार्क भी बनाया गया था जो अब खत्म हो गया है.प्रधानाचार्य का कहना है कि 1990 में यह पार्क बना था लेकिन उसके बाद इस पर कोई ध्यान नहीं देने के कारण यह अब बिल्कुल ही खत्म हो गया है. पूरा पार्क बिहारी में तब्दील हो गई है.

बरसात के दिनों में दिखता है तालाब का नजारा

पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण इस स्कूल कैंपस के अंदर बरसात के दिनों में तालाब का नजारा देखने को मिलता है. आपको बता दें कि सड़क चौड़ीकरण के कारण एक नाले को बंद कर दिया गया. जिसके बाद पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई जिसके कारण यह परेशानी उत्पन्न हो गई है.


Conclusion:एक तरफ जहां पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है वही, स्थानीय लोगों का कहना है कि खुलेआम धनबाद के गोविंदपुर इलाके में स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ रही है.जिस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है.वहीं इस पूरे मामले पर जब जिले के जिला शिक्षा अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने इस तरह का मामला सामने लाने के लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि जल्द ही धनबाद के उपायुक्त से वहां पर एक शौचालय और जिले के एसएसपी से उस मयखाने को बंद करने के लिए कहा जाएगा.

सभी बाइट सीरियल है

1. ननका मरांडी-राहगीर
2. लखीराम मरांडी-राहगीर
3.किशुन मरांडी-राहगीर
4.राजेंद्र ठाकुर- स्थानीय दुकानदार
5.नीलम लाल-प्रधानाचार्य
6.इंद्र भूषण सिंह-जिला शिक्षा अधीक्षक
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