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धनबादः प्रसव के दौरान दो टुकड़ों में बंटा बच्चा, अस्पताल में परिजनों ने किया हंगामा

धनबाद के हाजरा नर्सिंग होम में रविवार को प्रसव के दौरान एक बच्चा दो टुकड़ों में हुआ, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण ऐसी घटना हुई है.

अस्पताल में हंगामा
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Published : Aug 26, 2019, 10:18 AM IST

धनबाद: बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के हाजरा नर्सिंग होम में एक महिला के प्रसव के दौरान बच्चा दो टुकड़ों में बंट गया. इस घटना में परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया. हंगामा की सूचना मिलने के बाद पुलिस पहुंची और मामले को शांत करवाया.

देखें पूरी खबर


दो टुकड़ों में बंटा बच्चा
सिंदरी कांड्रा के रहने वाले सूरज महतो की पत्नी तुलसी देवी पिछले 6 महीने से हाजरा नर्सिंग होम में डॉ. रीता हाजरा से इलाज करा रही थी. तुलसी 7 महीने की गर्भवती थी. शनिवार की रात पेट दर्द होने पर उसे नर्सिंग होम लाया गया. जिसके बाद डॉक्टर द्वारा उसका प्रसव कराया गया. प्रसव के दौरान बच्चे का सिर और धड़ अलग-अलग हो गया.


अस्पताल में हंगामा
परिजनों का कहना है कि पहले तो डॉक्टरों ने उन्हें बताने में टालमटोल किया. बाद में उन्हें बताया गया कि बच्चा इस स्थिति में पैदा हुआ है. डॉक्टरों की बात सुनकर परिजन आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे. सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत करवाया.

ये भी पढ़ें: राजमहल सांसद विजय हांसदा डेंगू के शिकार, बेहतर इलाज के लिए कोलकाता रेफर
वहीं इस मामले में अस्पताल के डॉक्टर रीता हाजरा का कहना है कि महिला के पेट में काफी दर्द था. इसलिए प्रसव कराना जरूरी था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि परिजनों को बताया गया था कि प्रसव में सिर्फ मां को ही बचाया जा सकता है. कोयलांचल के निजी अस्पतालों में आए दिन किसी न किसी की मौत हो रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से विफल है.

धनबाद: बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के हाजरा नर्सिंग होम में एक महिला के प्रसव के दौरान बच्चा दो टुकड़ों में बंट गया. इस घटना में परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया. हंगामा की सूचना मिलने के बाद पुलिस पहुंची और मामले को शांत करवाया.

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दो टुकड़ों में बंटा बच्चा
सिंदरी कांड्रा के रहने वाले सूरज महतो की पत्नी तुलसी देवी पिछले 6 महीने से हाजरा नर्सिंग होम में डॉ. रीता हाजरा से इलाज करा रही थी. तुलसी 7 महीने की गर्भवती थी. शनिवार की रात पेट दर्द होने पर उसे नर्सिंग होम लाया गया. जिसके बाद डॉक्टर द्वारा उसका प्रसव कराया गया. प्रसव के दौरान बच्चे का सिर और धड़ अलग-अलग हो गया.


अस्पताल में हंगामा
परिजनों का कहना है कि पहले तो डॉक्टरों ने उन्हें बताने में टालमटोल किया. बाद में उन्हें बताया गया कि बच्चा इस स्थिति में पैदा हुआ है. डॉक्टरों की बात सुनकर परिजन आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे. सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत करवाया.

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वहीं इस मामले में अस्पताल के डॉक्टर रीता हाजरा का कहना है कि महिला के पेट में काफी दर्द था. इसलिए प्रसव कराना जरूरी था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि परिजनों को बताया गया था कि प्रसव में सिर्फ मां को ही बचाया जा सकता है. कोयलांचल के निजी अस्पतालों में आए दिन किसी न किसी की मौत हो रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से विफल है.

Intro:धनबाद।बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के हाजरा नर्सिंग होम में एक महिला के प्रसव के दौरान बच्चा दो टुकड़ों में बट गया। जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया। पुलिस के आने के बाद मामला शांत हुआ।


Body:सिंदरी के कांड्रा के रहने वाले सूरज महतो की पत्नी तुलसी देवी पिछले 6 माह से हाजरा नर्सिंग होम में डॉ रीता हाजरा से इलाज करा रहे थे। शनिवार की रात पेट दर्द होने पर उसे नर्सिंग होम लाया गया।तुलसी 7 माह की गर्भवती थी।तुलसी के पेट में काफी दर्द हो रहा था।जिसके बाद डॉक्टर द्वारा उसका प्रसव कराया गया।प्रसव के दौरान बच्चे का सिर व धड़ अलग अलग हो गया।
परिजनों का कहना है की पहले तो हमें बताने में डॉक्टर ने टालमटोल किया। बाद में हमें बताया गया कि बच्चा इस स्थिति में पैदा हुआ है। डॉक्टरों की बात सुनकर परिजन आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे।

सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया।

वहीं इस मामले में अस्पताल के डॉक्टर रीता हाजरा का कहना है कि महिला के पेट में काफी दर्द था। इसलिए प्रसव कराना जरूरी था।साथ ही उन्होंने कहा कि परिजनों को बताया गया था की प्रसव में सिर्फ मां को ही बचाया जा सकता है।


Conclusion:कोयलांचल के निजी अस्पतालों में आए दिन किसी न किसी की मौत हो रही है।लेकिन स्वास्थ्य विभाग ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से विफल है।इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि हंगामे के बाद पुलिस आती है।इसके बाद परिजन और परिजन मिलकर आपस मामले का निपटारा कर लेते हैं।
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