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विवेक और शिवेंदु ने झारखंड का बढ़ाया मान, UPSC में लहराया परचम

झारखंड के दो छात्रों ने राज्य का मान बढ़ाया. अपनी मेहनत और लगन से देवघर के विवेक मोदी और गढ़वा के शिवेंद्र भूषण ने यूपएससी की परीक्षा पास किया. दोनों ने दूसरे प्रयास में परीक्षा में सफलता प्राप्त की.

UPSC में लहराया परचम
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Published : Apr 6, 2019, 11:07 PM IST

देवघर/गढ़वा: कहते हैं सच्ची लगन और कुछ करने की जज्बा हो तो किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मध्यम वर्ग परिवार में जन्मे मधुपुर योगेश बाबू लेन निवासी विवेक मोदी ने. विवेक ने यूपीएससी परीक्षा में 179वें स्थान प्राप्त कर सफलता हासिल किया है. जबकि गढ़वा के शिवेंदु भूषण ने 120वां रैंक लाकर दुमका का मान बढ़ाया है.

UPSC में लहराया परचम

बता दें कि विवेक के पिता एक खाद की दुकान चलाते हैं जबकि माता गृहणी है. विवेक की प्रारंभिक शिक्षा मधुपुर में हुई उसके बाद वो उच्च शिक्षा के लिए कोलकाता चले गए. जहां से बीकॉम की डिग्री हासिल की. इसके बाद 2016 में सीए की परीक्षा में उर्तीण हुए. इस दौरान विवेक को कई कंपनियों ने नौकरी का प्रस्ताव दिया था. लेकिन विवेक ने उसे छोड़ कर यूपीएससी की तैयारी प्रारंभ की और विवेक यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चला गया. यूपीएससी परीक्षा में 179वें रैंक से पास हुए.

विवेक ने दूसरे प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की. उन्होंने अपनी सफलता के लिए माता पिता समेत बहन का योगदान बताया. उनकी सफलता से जहां उनके परिवार में खुशी का माहौल है. वहीं, उनके रिश्तेदार और मित्र बधाई देने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं.

गढ़वा के लाल ने किया नाम रोशन
गढ़वा के शिवेंदु भूषण की मेहनत से गढ़वा का मान बढ़ गया है. शिवेंदु के रूप में इस पिछड़े इलाके से देश को एक आईएएस मिला. उसने यूपीएसई के फाइनल एग्जाम में 120वां रैंक लाकर पूरे देश में अपना लोहा मनवा लिया है.

बता दें कि जिला मुख्यालय स्थित सहिजना निवासी शैलेन्द्र वर्मा और कलावती वर्मा के बड़े पुत्र शिवेंदु ने यहां आरके पब्लिक स्कूल से 95 प्रतिशत अंक के साथ मैट्रिक की परीक्षा उतीर्ण की थी. रांची डीपीएस से 93 प्रतिशत अंक पाकर इंटर की परीक्षा उतीर्ण करने के बाद कानपुर से बीटेक किया एवं नौकरी ज्वाइन कर ली, लेकिन वह उससे सन्तुष्ट नहीं थे.

लिहाजा शिवेंदु भूषण ने नौकरी छोड़कर कर दिल्ली में रहकर 2017 से यूपीएसी की तैयारी शुरू की. शिवेंदु पहले प्रयास में केवल पीटी ही निकल सका था. दूसरे प्रयास में उसने 120 रैंक लाकर लोगों को अपनी मेहनत का मुरीद बना दिया.

देवघर/गढ़वा: कहते हैं सच्ची लगन और कुछ करने की जज्बा हो तो किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मध्यम वर्ग परिवार में जन्मे मधुपुर योगेश बाबू लेन निवासी विवेक मोदी ने. विवेक ने यूपीएससी परीक्षा में 179वें स्थान प्राप्त कर सफलता हासिल किया है. जबकि गढ़वा के शिवेंदु भूषण ने 120वां रैंक लाकर दुमका का मान बढ़ाया है.

UPSC में लहराया परचम

बता दें कि विवेक के पिता एक खाद की दुकान चलाते हैं जबकि माता गृहणी है. विवेक की प्रारंभिक शिक्षा मधुपुर में हुई उसके बाद वो उच्च शिक्षा के लिए कोलकाता चले गए. जहां से बीकॉम की डिग्री हासिल की. इसके बाद 2016 में सीए की परीक्षा में उर्तीण हुए. इस दौरान विवेक को कई कंपनियों ने नौकरी का प्रस्ताव दिया था. लेकिन विवेक ने उसे छोड़ कर यूपीएससी की तैयारी प्रारंभ की और विवेक यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चला गया. यूपीएससी परीक्षा में 179वें रैंक से पास हुए.

विवेक ने दूसरे प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की. उन्होंने अपनी सफलता के लिए माता पिता समेत बहन का योगदान बताया. उनकी सफलता से जहां उनके परिवार में खुशी का माहौल है. वहीं, उनके रिश्तेदार और मित्र बधाई देने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं.

गढ़वा के लाल ने किया नाम रोशन
गढ़वा के शिवेंदु भूषण की मेहनत से गढ़वा का मान बढ़ गया है. शिवेंदु के रूप में इस पिछड़े इलाके से देश को एक आईएएस मिला. उसने यूपीएसई के फाइनल एग्जाम में 120वां रैंक लाकर पूरे देश में अपना लोहा मनवा लिया है.

बता दें कि जिला मुख्यालय स्थित सहिजना निवासी शैलेन्द्र वर्मा और कलावती वर्मा के बड़े पुत्र शिवेंदु ने यहां आरके पब्लिक स्कूल से 95 प्रतिशत अंक के साथ मैट्रिक की परीक्षा उतीर्ण की थी. रांची डीपीएस से 93 प्रतिशत अंक पाकर इंटर की परीक्षा उतीर्ण करने के बाद कानपुर से बीटेक किया एवं नौकरी ज्वाइन कर ली, लेकिन वह उससे सन्तुष्ट नहीं थे.

लिहाजा शिवेंदु भूषण ने नौकरी छोड़कर कर दिल्ली में रहकर 2017 से यूपीएसी की तैयारी शुरू की. शिवेंदु पहले प्रयास में केवल पीटी ही निकल सका था. दूसरे प्रयास में उसने 120 रैंक लाकर लोगों को अपनी मेहनत का मुरीद बना दिया.

Intro:यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर विवेक ने मधुपुर का किया नाम रोशनBody:कहते हैं सच्ची लगन और कुछ करने की जज्बा हो तो किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है ऐसा ही कुछ कर दिखाया मध्यम परिवार में जन्मे मधुपुर योगेश बाबू लेन निवासी विवेक मोदी ने, विवेक ने यूपीएससी परीक्षा में 179 स्थान प्राप्त कर सफलता हासिल किया है, विवेक के पिता एक खाद की दुकान चलाते है। जबकि माता गृहणी है, विवेक की प्रारंभिक शिक्षा मधुपुर में हुई उसके बाद उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए कोलकाता चले गए जहां से बीकॉम की डिग्री हासिल किया इसके बाद 2016 में सीए की परीक्षा उर्तीण किया ,इस दौरान विवेक को कई कंपनियों ने नौकरी का प्रस्ताव दिया लेकिन विवेक ने उसे छोड़ कर यूपीएससी की तैयारी प्रारंभ किया और विवेक यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चला गया, दूसरे प्रयास में ही उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल किया उन्होंने अपनी सफलता के लिए माता पिता समेत बहन का योगदान बताया उनकी सफलता से जहां उनके परिवार में खुशी का माहौल है वहीं उनके रिश्तेदार वह मित्र बधाई देने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं ।घर में खुशी का माहौल व्याप्त है विवेक की मां ने अपने बेटे की सफलता पर खुशी का इजहार किया जबकि पिता अनूप ने कहा कि उसने कभी सोचा भी नहीं था इसका बेटा आईएएस बनेगा लेकिन इश्वर ने उन्हें यह अवसर प्रदान किया बेटा की सफलता से वह काफी खुश हैं।Conclusion:जहां आज के युवा छोटी-छोटी सरकारी नौकरी पाने के लिए काफी मेहनत करते हैं ऐसे में विवेक ने यूपीएससी परीक्षा भास्कर युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए कई युवा विवेक से मिलकर परीक्षा में सफलता के लिए जानकारी लिया कहते हैं कि सच्ची ईमानदारी से लगन के साथ मेहनत करने से कोई भी मुकाम हासिल करने में निश्चित रूप से सफलता मिलती क्या कर दिखाया विवेक ने इससे आज के युवाओं को प्रेरणा लेने की जरूरत है
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