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BJP ने बंदूक की नोंक पर शुरू करवाया ईचा डैम का निर्माण कार्य, संसद में उठाऊंगी आवाजः गीता कोड़ा - ईची डैम को लेकर विरोध

चाईबासा में ग्रामीणों ने ईचा डैम निर्माण कार्य को रुकवाने के लिए एक बैठक का आयोजन किया. इस दौरान बैठक में सांसद गीता कोड़ा भी शामिल हुईं. मामले में उन्होंने कहा कि इसको लेकर वो संसद में भी आवाज उठाएंगी.

icha dam construction work in chaibasa
ईचा डैम का विरोध
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Published : Feb 27, 2020, 7:13 PM IST

चाईबासा: ईचा डैम निर्माण कार्य को बंद कराने को लेकर 84 गांव के ग्रामीणों ने अपना विरोध प्रकट करते हुए आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है. जिले के तांतनगर प्रखंड अंतर्गत तुईवाना में ईचा डैम निर्माण के विरोध में डूबे हुए क्षेत्र को लेकर ग्रामीणों ने बैठक का आयोजन किया. इस दौरान बैठक में सांसद गीता कोड़ा उपस्थित हुईं.

देखें पूरी खबर

बैठक में डैम निर्माण से विस्थापित होने वाले ग्रामीणों ने सांसद गीता कोड़ा के समक्ष अपनी-अपनी समस्याओं को रखा. इस दौरान डैम निर्माण से क्षेत्र के डूबने वाले गांव के ग्रामीणों ने बांध निर्माण कार्य रुकवाने का आग्रह किया. इसके साथ ही आगामी 16 मार्च को जबरन डैम का निर्माण कार्य रोकने में उनका समर्थन मांगा.

गीता कोड़ा ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए उनकी समस्याओं को संसद में उठाने के साथ-साथ 16 मार्च को डैम निर्माण कार्य के विरोध में उनका समर्थन करने की बात कही. झारखंड में महागठबंधन की सरकार होने के बावजूद अब तक राज्य सरकार की ओर से ग्रामीणों की वर्षों पुरानी इस मांग को पूरा नहीं किए जाने के सवाल पर सांसद गीता कोड़ा ने पिछले सरकार की नासमझी बताई है.

गीता कोड़ा का कहना है कि डैम निर्माण कार्य शुरू होने के पूर्व से ही सैकड़ों गांव के हजारों ग्रामीणों ने हमेशा से ही इस डैम निर्माण का विरोध किया है. 2013-14 में हेमंत सोरेन की सरकार थी उस दौरान टीएसी ने काम बंद करने को लेकर अनुशंसा की थी, उसके बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई तो युद्ध स्तर पर इस डैम निर्माण का कार्य की शुरुआत करवा दी गयी. डैम निर्माण कार्य शुरू करवाने से पहले यह भी नहीं सोचा कि गांव के हजारों ग्रामीणों को इसकी आवश्यकता है कि नहीं और उनकी मंशा को बिना जाने ही बंदूक की नोंक पर इस निर्माण कार्य शुरुआत करवा दी.

ये भी पढ़ें- लोहरदगा में पारा शिक्षक की पुत्री ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, कारणों का पता नहीं चला

गीता कोड़ा ने कहा कि इस डैम निर्माण से किसी भी ग्रामीण का भला नहीं होने वाला है. बल्कि इस डैम निर्माण से स्थानीय लोगों का अस्तित्व समाप्त हो रहा है. यही कारण है कि ग्रामीण इस डैम निर्माण का विरोध कर रहे हैं जो जायज है. उन्होंने कहा कि ट्राइबल क्षेत्र में किसी भी कार्य को शुरू करने से पूर्व ग्राम सभा की अनुमति लेना अनिवार्य है, लेकिन इस डैम निर्माण कार्य की शुरुआत करने से पहले ग्राम सभा को नजरअंदाज कर दिया गया.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जानकारी देने के लिए कुछ दिन पहले मुंडा मानकी संघ के लोग गए थे. हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसकी जानकारी है और वे इस पर पहल करते हुए डैम निर्माण कार्य को बंद करने का काम करेंगे.

चाईबासा: ईचा डैम निर्माण कार्य को बंद कराने को लेकर 84 गांव के ग्रामीणों ने अपना विरोध प्रकट करते हुए आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है. जिले के तांतनगर प्रखंड अंतर्गत तुईवाना में ईचा डैम निर्माण के विरोध में डूबे हुए क्षेत्र को लेकर ग्रामीणों ने बैठक का आयोजन किया. इस दौरान बैठक में सांसद गीता कोड़ा उपस्थित हुईं.

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बैठक में डैम निर्माण से विस्थापित होने वाले ग्रामीणों ने सांसद गीता कोड़ा के समक्ष अपनी-अपनी समस्याओं को रखा. इस दौरान डैम निर्माण से क्षेत्र के डूबने वाले गांव के ग्रामीणों ने बांध निर्माण कार्य रुकवाने का आग्रह किया. इसके साथ ही आगामी 16 मार्च को जबरन डैम का निर्माण कार्य रोकने में उनका समर्थन मांगा.

गीता कोड़ा ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए उनकी समस्याओं को संसद में उठाने के साथ-साथ 16 मार्च को डैम निर्माण कार्य के विरोध में उनका समर्थन करने की बात कही. झारखंड में महागठबंधन की सरकार होने के बावजूद अब तक राज्य सरकार की ओर से ग्रामीणों की वर्षों पुरानी इस मांग को पूरा नहीं किए जाने के सवाल पर सांसद गीता कोड़ा ने पिछले सरकार की नासमझी बताई है.

गीता कोड़ा का कहना है कि डैम निर्माण कार्य शुरू होने के पूर्व से ही सैकड़ों गांव के हजारों ग्रामीणों ने हमेशा से ही इस डैम निर्माण का विरोध किया है. 2013-14 में हेमंत सोरेन की सरकार थी उस दौरान टीएसी ने काम बंद करने को लेकर अनुशंसा की थी, उसके बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई तो युद्ध स्तर पर इस डैम निर्माण का कार्य की शुरुआत करवा दी गयी. डैम निर्माण कार्य शुरू करवाने से पहले यह भी नहीं सोचा कि गांव के हजारों ग्रामीणों को इसकी आवश्यकता है कि नहीं और उनकी मंशा को बिना जाने ही बंदूक की नोंक पर इस निर्माण कार्य शुरुआत करवा दी.

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गीता कोड़ा ने कहा कि इस डैम निर्माण से किसी भी ग्रामीण का भला नहीं होने वाला है. बल्कि इस डैम निर्माण से स्थानीय लोगों का अस्तित्व समाप्त हो रहा है. यही कारण है कि ग्रामीण इस डैम निर्माण का विरोध कर रहे हैं जो जायज है. उन्होंने कहा कि ट्राइबल क्षेत्र में किसी भी कार्य को शुरू करने से पूर्व ग्राम सभा की अनुमति लेना अनिवार्य है, लेकिन इस डैम निर्माण कार्य की शुरुआत करने से पहले ग्राम सभा को नजरअंदाज कर दिया गया.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जानकारी देने के लिए कुछ दिन पहले मुंडा मानकी संघ के लोग गए थे. हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसकी जानकारी है और वे इस पर पहल करते हुए डैम निर्माण कार्य को बंद करने का काम करेंगे.

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