देवघरः 10 अप्रैल को त्रिकुट पहाड़ पर संचालित रोपवे में अचानक तकनीकी गड़बड़ी आ गई और 48 यात्री ट्रॉली में फंस गये. इन यात्रियों की रेस्क्यू करने को लेकर 46 घंटे तक ऑपरेशन चला. घटना के बाद राज्य सरकार ने रोपवे हादसे की जांच का निर्देश दिया. इस निर्देश के आलोक में 78 दिन बाद मंगलवार को जांच टीम घटनास्थल पहुंची और जमीनी हकीकत का जायजा लिया.
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उच्च स्तरीय जांच टीम वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय सिंह के नेतृत्व बनाई गई है. इसमें पर्यटन सचिव अमिताभ कौशल, पर्यटन निदेशक राहुल सिन्हा सहित टेक्निकल टीम शामिल हैं. जांच टीम त्रिकूट पहुंची और रोपवे संचालक और कर्मियों से गहन पूछताछ की. इसके बाद टीम के सभी सदस्य पहाड़ की चोटी पर पहुंचे और बारीकी से एक-एक बिंदु की जांच की.
वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय सिंह ने बताया कि अभी तो जांच की प्रक्रिया चल रहा है. हमलोगों ने नीचे और ऊपर जाकर एक-एक चीज को देखी है. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ टीम ने भी अपने तरीके से जांच की है. उन्होंने कहा कि अभी मटेरियल टेस्ट कराना है. मटेरियल टेस्ट होने के बाद ही जांच अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल रोपवे की शुरुआत करना मुश्किल है. जांच रिपोर्ट तैयार होने के साथ साथ रोपवे संचालन में क्या-क्या सुधार की जरूरत है. सुरक्षात्मक सुधार के बाद ही रोपवे का संचालन संभव है.